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Saturday 1 February 2025 05:00:48 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवीं बार आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। उन्होंने बजट भाषण की शुरूआत तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन ‘कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है’ को उद्धृत करते हुए की। उन्होंने कहाकि सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास और विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करते हुए ‘सबका विकास’ के सपने को अगले पांच साल में साकार करने में केंद्रीय बजट 2025-26 अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इसी लक्ष्य के अनुरूप वित्तमंत्री ने बजट का सारांश और विकसित भारत के व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया। इसके अंतर्गत ग़रीबी से मुक्ति, शतप्रतिशत गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा, बेहतरीन सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, शतप्रतिशत कुशल कामगार केसाथ सार्थक रोज़गार, आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं और देश को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने वाले किसान प्रमुख हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ केंद्रीय बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने बजट पेश करने केलिए केंद्रीय वित्तमंत्री और उनकी टीम को शुभकामनाएं दीं। ‘विश्वास पहले, जांच बाद में’ सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग और आम करदाताओं को करों के बोझ से राहत दिलाने की कोशिश को जारी रखा गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को लाभ पहुंचाने हेतु करों के स्लैब एवं दरों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि को प्रथम इंजन की संज्ञा देते हुए अन्नदाताओं के लाभ केलिए कृषि क्षेत्र के विकास और उत्पादकता में वृद्धि केलिए कई उपायों की घोषणा की। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना के सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहाकि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने केलिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहाकि ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी। बजट में प्रस्तावित विकास उपाय ग़रीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किए गए हैं। बजट में देशकी विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि केलिए कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामीण विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक में परिवर्तनकारी सुधारों का लक्ष्य रखा गया है। बजट में रेखांकित किया गया हैकि कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात विकसित भारत के इंजन हैं, इसमें सुधार को ईंधन के रूपमें और समावेशिता की भावना को पथप्रदर्शक के रूपमें रखा गया है। बजट में राज्यों की भागीदारी केसाथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया गया है, जहां उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधता अपनाने, फसल कटाई केबाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घावधि और लघु अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया। राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहुक्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा, इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के जरिए कृषि में रोज़गार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई जान मिलेगी। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रोंमें व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए विशेष रूपसे ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान देना है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की हैकि सरकार तूर, उड़द और मसूर दालों में आत्मनिर्भरता केलिए एक छह वर्षीय अभियान शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले चारवर्ष के दौरान किसानों से मिलने वाली इन तीन दालों को अधिकतम स्तरपर खरीदेंगी। बजट में सब्जियों और फलों केलिए व्यापक कार्यक्रम हेतु उपायों की अवधारणा तैयार की गई है। कृषि और इससे सम्बद्ध गतिविधियों को व्यापक स्तरपर प्रोत्साहन देने केलिए इसमें अन्य उपायों केसाथ कपास उत्पादकता केलिए एक पांचवर्षीय अभियान और उच्च पैदावार करने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं। निर्मला सीतारमण ने संशोधित ब्याज योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिटों से मिलने वाले ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की। वित्तमंत्री ने विकास केलिए एमएसएमई को दूसरा शक्तिशाली इंजन बताया, क्योंकि यह क्षेत्र हमारे निर्यात का 45 फीसदी है, इसको व्यापक स्तरपर उच्चतर कुशलता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी केलिए बेहतर पहुंच प्राप्त करने में सहायता देने केलिए सभी एमएसएमई के वर्गीकरण केलिए निवेश और कुल कारोबार सीमाओं को क्रमशः 2.5 और दोगुना बढ़ाया गया है। इसके अलावा गारंटी कवर केसाथ ऋण उपलब्धता को बढ़ाने केलिए भी उपायों की घोषणा की गई।
वित्तमंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की पहलीबार की उद्यमी पांच लाख महिलाओं केलिए एक नई योजना की घोषणा की, जिसके तहत अगले 5 वर्ष के दौरान उन्हें करोड़ रुपए तकके ऋण प्रदान किए जाएंगे। निवेश को वृद्धि का तीसरा इंजन बताते हुए वित्तमंत्री ने लोगों, अर्थव्यवस्था और अभिनव में निवेश को प्राथमिकता दी। उन्होंने घोषणा कीकि बच्चों में जिज्ञासा और नवाचार की भावना उत्पन्न करने तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने केलिए अगले 5 वर्ष में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। उच्चतर शिक्षा केलिए 23 आईआईटी संस्थानों में विद्यार्थियों की कुल संख्या में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो विगत 10 वर्ष में 65000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है। आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य अवसंरचना संबंधी क्षमता को बढ़ाया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने घोषणा कीकि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रोंमें सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबेंड कनेक्टविटी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहाकि भारतीय भाषा पुस्तक योजना को विद्यालयों और उच्चतर शिक्षा केलिए भारतीय भाषाओं के डिजिटल स्वरूप को प्रदान करने केलिए कार्यांवित किया जाएगा। उन्होंने कहाकि ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर दी वर्ड’ विनिर्माण केलिए आवश्यक कौशल से हमारे युवाओं को युक्त करने केलिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी केसाथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की जाएंगी, 500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय केसाथ शिक्षा केलिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस में एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जाएगी।
बजट में घोषणा की गईकि सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल, गिग श्रमिकों के पहचानपत्र बनाने केसाथ ई-श्रम पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन करेगी। निर्मला सीतारमण ने कहाकि राज्यों केलिए पूंजीव्यय और सुधारों केलिए प्रोत्साहन देने केलिए 50 वर्ष तकके ब्याज मुक्त ऋणों केलिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का लाभ लेने केलिए दूसरी परिसम्पत्ती मौद्रिकरण योजना 2025-30 की भी घोषणा की। उन्होंने बतायाकि जनभागीदारी के जरिए ग्रामीण पाइप से जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, संचालन और मरम्मत पर ध्यान देने केसाथ वर्ष 2028 तक जल जीवन मिशन का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहाकि सरकार विकास केंद्रों के तौरपर शहरों के रचनात्मक पुर्नविकास और जल एवं स्वच्छता केलिए प्रस्तावों को कार्यांवित करने हेतु एक लाख करोड़ रुपए के शहरी चुनौती कोष का गठन करेगी। अभिनव में निवेश के अंतर्गत निजी क्षेत्र परख अनुसंधान, विकास और अभिनव पहल को कार्यांवित करने केलिए 20000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई है। वित्तमंत्री ने शहरी योजना को लाभ देने हेतु बुनियादी भू-स्थैतिक बुनियादी ढांचे के विकास केलिए राष्ट्रीय भू-स्थैतिक अभियान का प्रस्ताव दिया। वित्तमंत्री ने कहाकि एक करोड़ से ज्यादा पांडुलिपियों को शामिल करने केलिए शिक्षण संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों व निजी संग्रहकर्ताओं केसाथ मिलकर पांडुलिपियों के दस्तावेजीकरण और संरक्षण शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहाकि ज्ञान के आदान-प्रदान केलिए भारतीय ज्ञान प्रणाली का राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहाकि पर्यटन को रोज़गार प्रेरित विकास के रूपमें स्थापित किया है, रोज़गार आधारित विकास हेतु युवाओं केलिए कौशल विकास कार्यक्रम की पहल की गई है, इसके साथ होमस्टे केलिए मुद्रा लोन, यात्रा सुगमता में सुधार और पर्यटन स्थलों तक संपर्क, ई-वीजा सुविधा में सरलीकरण और राज्यों को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन जैसे उपाय भी किए गए हैं। निर्मला सीतारमण ने निर्यात को विकास का चौथा इंजन बताते हुए कहाकि क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों केसाथ एक निर्यात संवर्धन मिशन का शुभारंभ किया जाएगा, जिसे वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संयुक्त रूपसे चलाएगा। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केलिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, ‘भारत ट्रेडनेट’ का व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधानों केलिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव किया गया है। वित्तमंत्री ने उल्लेख कियाकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला केसाथ अर्थव्यवस्था को जोड़े रखने केलिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास केलिए सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने घोषणा कीकि सरकार उद्योग 4.0 से संबंधित अवसरों का लाभ उठाने केलिए घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को सहायता करेगी, उभरते हुए दूसरी श्रेणी के शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने केलिए एक राष्ट्रीय प्रारूप का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहाकि सरकार जल्द खराब होनेवाले बागवानी उत्पाद सहित एयरकार्गों केलिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग के उन्नयन हेतु सुविधा देगी।
निर्मला सीतारमण ने इंजन केलिए ईंधन केतौर पर सुधारों को स्पष्ट करते हुए कहाकि दस वर्ष से ज्यादा समय में सरकार ने करदाताओं की सुविधा केलिए फेसलैस मूल्यांकन, करदाता चार्टर, त्वरित रिटर्न, लगभग 99 फीसदी रिटर्न स्वयं मूल्यांकन और विवाद से विश्वास योजना जैसे कई सुधारों को कार्यांवित किया है। उन्होंने कर विभाग की ‘विश्वास प्रथम जांच बाद में’ वचनबद्धता को दोहराया। ‘कारोबार में आसानी’ में सरकार की त्वरित वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए वित्तमंत्री ने अनुपालन में आसानी, सेवाओं के विस्तार, मजबूत नियामक परिवेश को बनाने, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश को प्रोत्साहन देने व पुराने कानूनी प्रावधानों के गैर-अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हुए भारत में सम्पूर्ण वित्तीय क्षेत्रकी व्यापकता में संरचनात्मक बदलाव का प्रस्ताव दिया। वित्तमंत्री ने समूचे भारत में प्रीमियम निवेश करनेवाली कंपनियों केलिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया। निर्मला सीतारमण ने 21वीं सदी केलिए आधुनिक, लचीले, लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित नियामक प्रारूप को विकसित करने केलिए चार विशेष उपायों का प्रस्ताव किया, जो हैं-सभी गैर-वित्तीय क्षेत्र संबंधी विनियमों, प्रमाणन, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा केलिए विनियामक सुधार हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन। खासतौरपर निरीक्षणों और अनुपालनों के मामलों में कारोबार में आसानी को बढ़ावा देने केलिए विश्वास आधारित आर्थिक शासन को मजबूत बनाना और परिवर्तनकारी उपायों को अपनाना।
विनियामक सुधार हेतु उच्चस्तरीय समिति एकवर्ष के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी, राज्यों कोभी इसमें शामिल होने केलिए प्रोत्साहित करेगी। प्रतिस्पर्धात्मक सहकारी संघवाद की भावना की बढ़ावा देने केलिए राज्यों केलिए एक निवेश अनुकूल सूचकांक का शुभारंभ किया जाएगा। वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय विनियमों और सहायक अनुदेशों के प्रभाव का मूल्यांकन करने केलिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह तंत्र जबावदेही बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास केलिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार करेगा। जन विश्वास बिल 2.0, विभिन्न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाना। राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के मार्ग पर बने रहने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वित्तमंत्री ने कहाकि राजकोषीय घाटे को प्रत्येक वर्ष इस प्रकार से रखने का प्रयास किया जाएगाकि केंद्रीय सरकार का ऋण, जीडीपी के प्रतिशत के रूपमें गिरते क्रम में बना रहे। इसके साथ ही अगले 6 वर्ष केलिए रोडमैप का विस्तृत ब्यौरा एफआरबीएम विवरण में दिया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहाकि वर्ष 2024-25 केलिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्तमंत्री ने बतायाकि उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से निवल कर (शुद्ध कर)प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने बतायाकि कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 10.18 लाख करोड़ रुपये है। वित्तमंत्री ने कहाकि वर्ष 2025-26 में उधारियों के अतिरिक्त कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्तमंत्री ने कहाकि राष्ट्र निर्माण में मध्यमवर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता पर विश्वास जताते हुए केंद्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है। नई कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये तककी आय अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय पर कोई आय कर देय नहीं होगा। वेतनभोगी करदाताओं केलिए यह सीमा 75000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रतिवर्ष 12.75 लाख रुपये होगी। इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप नए कर संरचना के तहत सरकार को प्रत्यक्ष करों में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का परित्याग होगा। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों में मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यक्तिगत आयकर में सुधार, टीडीएस/ टीसीएस को तर्कसंगत बनाना, अनुपालनों के बोझ को कम करते हुए स्वैच्छिक अनुपालनों को प्रोत्साहित करना, व्यवसाय करने की सुगमता, निवेश और रोज़गार बढ़ाने केलिए कुछ विशेष प्रोत्साहन शामिल हैं।
नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है। टीडीएस/ टीसीएस की दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों केलिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50000 रुपए से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार किराए पर टीडीएस केलिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रस्तावित है। अन्य कदमों में अब धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है और उच्च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर पैन मामलों पर ही लागू होंगे। विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था, अब टीसीएस प्रावधानों केलिए भी इसी छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया गया है। स्वैच्छिक अनुपालन को अद्यतन करने की सुविधा को लेकर लगभग 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्त कर का भुगतान करते हुए स्वैच्छिक रूपसे अपनी आय संबंधी ब्यौरों को अद्यतन किया। इस विश्वास को आगे बढ़ाते हुए अब किसीभी कर निर्धारण वर्ष केलिए अद्यतन विवरणी दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है। छोटे धर्मार्थ न्यासों या संस्थाओं की पंजीकरण अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष से 10 वर्ष करके ऐसी संस्थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने का प्रस्ताव है।
करदाताओं को स्वामित्व वाली सम्पत्तियों केलिए बिना किसी शर्त के ऐसी दो सम्पत्तियों के वार्षिक मूल्य के लाभ की अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। पिछले बजट में प्रस्तुत की गई विवाद से विश्वास योजना को शानदार प्रतिक्रियाएं मिली हैं और लगभग 33000 करदाताओं ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने विवादों का निपटारा किया है। वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को लाभ देते हुए 29 अगस्त 2024 को या उसके पश्चात राष्ट्रीय बचत योजना से किएगए आहरण पर छूट प्रदान करने का प्रस्ताव है। एनपीएस वात्सलय खातों केलिए भी ऐसीही व्यवस्था का प्रस्ताव है। व्यवसाय करने की सुगमता के तहत अंतरण मूल्य की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु तीन वर्ष की ब्लॉक अवधि केलिए अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेन्थ मूल्य निर्धारण करने केलिए योजना का प्रस्ताव है, जो सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप होगी। अंतर्राष्ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार किया जा रहा है। रोज़गार और निवेश को बढ़ावा देने हेतु उन अनिवासियों केलिए प्रकल्पित कराधान व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है, जो ऐसी निवासी कम्पनी को सेवाएं प्रदान करते हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित या संचालित कर रही है। देश में अंतर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने केलिए मौजूदा टन भार कर स्कीम के लाभों के अंतर्गत पंजीकृत अंतर्देशीय जलयानों केलिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है।
भारतीय स्टार्टअप इको-सिस्टम में 5 वर्ष तक निगमन की अवधि का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है। अवसंरचना क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने केलिए बजट में सॉवरेन धन निधियों और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने केलिए निवेश करने की तारीख को 5 वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च 2030 तक करने का प्रस्ताव किया गया है। औद्योगिक वस्तुओं केलिए सीमा शुल्क टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाने केलिए बजट में सात टैरिफ दरों को हटाने, प्रभावी शुल्क दायित्व बनाए रखने केलिए कुछ मदों प्रभावी शुल्क दायित्व बनाए रखने केलिए कुछ मदों को छोड़कर और एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव है। आयातित दवाईयों पर छूट देते हुए कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और संचारी बीमारियों और 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दे दी गई है। पेटेंट असिस्टेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 13 नई दवाओं सहित 37 दवाईयों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है, अगर ये दवाएं मरीज को मुफ्त दी जाती है। घरेलू विनिर्माण और मूल्य संवर्धन, 25 विशेष खनिजों जिनकी घरेलू उपलब्धता नहीं है उन्हें भी सहायता देने केलिए जुलाई 2025 से बीसीडी से मुक्त कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के बजट में कोबाल्ट पाउडर और उसके कबाड़, लीथियम आयरन बैट्री के कबाड़, लैट, जिंक और 12 अन्य मुख्य खनिजों को भी छूट दी गई है। घरेलू कपड़ा उत्पादन को बढ़ावा देने केलिए कपड़ा मशीनरी में दो अन्य शटल लैस लूम्स को भी छूट दी गई है।
बजट में आगे कहा गया हैकि बुने हुए कपड़े जो 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत, जिन्हें 20 प्रतिशत कर दिया गया है या 115 किलोग्राम से जो ज्यादा है, जो 9 टैरिफ लाइन्स को कवर करती है, उनके बीसीडी में भी संशोधन किया गया है। प्रतिलोम शुल्क संरचना को ठीक करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने केलिए इंटरेक्टिव फ्लेट पैनल डिस्पले (आईएफपीडी) को 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है और ओपन सैल्स को 5 प्रतिशत कम किया गया है। ओपन सैल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने केलिए ओपन स्टेंडस को बीसीडी के हिस्से के रूपमें छूट दी गई है। देश में लीथियम आयन बैट्री के निर्माण को बढावा देने केलिए, ईवी बैट्री निर्माण केलिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन की बैट्री के निर्माण केलिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को भी पूंजीगत वस्तुओं को दी जानेवाली छूट की सूची में जोड़ा गया है। बजट 2025-26 में कच्चे माल, कलपुर्जों, जहाज के निर्माण में आने वाले सामान और दोबारा उपयोग में आनेवाले सामान पर अगले 10 वर्ष केलिए बीसीडी की छूट भी जारी रहेगी।