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Monday 3 February 2025 02:59:11 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के जकार्ता में श्री सनातन धर्म आलयम के महाकुंभ-अभिशेखम में वीडियो संदेश के माध्यम से अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, मुरुगन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पा हाशिम, मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ कोबालन, तमिलनाडु और इंडोनेशिया के पुजारियों और आचार्यों, प्रवासी भारतीयों, इंडोनेशिया के नागरिकों और मंदिर निर्माण को मूर्तरूप देनेवाले प्रतिभाशाली कलाकारों को हार्दिक बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जकार्ता में भगवान मुरुगन टेंपल के महाकुंभ अभिशेखम जैसे पुनीत कार्यक्रम का हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है, साथही राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने इसको औरभी खास बना दिया है, वे जकार्ता से व्यक्तिगत रूपसे दूर होनेके बावजूद वे इस कार्यक्रम से भावनात्मक रूपसे जुड़े हुए हैं, जो भारत-इंडोनेशिया के मजबूत संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने जिक्र कियाकि राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो हालही में 140 करोड़ भारतीयों का प्यार लेकर इंडोनेशिया आए हैं और उनका मानना हैकि उनके माध्यम से इंडोनेशिया में सब हर भारतीय की शुभकामनाओं को महसूस कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जकार्ता मंदिर के महाकुंभ अभिशेखम पर इंडोनेशिया और दुनियाभर में भगवान मुरुगन के भक्तों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने तिरुप्पुगाज़ के भजनों के माध्यम से भगवान मुरुगन की निरंतर स्तुति और स्कंद षष्ठी कवचम् के मंत्रों से सबकी सुरक्षा की कामना की। उन्होंने मुरुगन मंदिर के ट्रस्टी डॉ कोबालन और उनकी टीम की मंदिर निर्माण के सपने को साकार करने में उनकी कड़ी मेहनत केलिए प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और इंडोनेशिया केबीच रिश्ते सिर्फ जियोपॉलिटिकल नहीं हैं, बल्कि हजारों वर्ष की साझा संस्कृति और इतिहास में निहित हैं। उन्होंने कहाकि दोनों देशों केबीच संबंध विरासत, विज्ञान, विश्वास, साझी आस्था और आध्यात्मिकता पर आधारित हैं। उन्होंने कहाकि हमारा संबंध भगवान मुरुगन, भगवान श्रीराम और भगवान गौतम बुद्ध का भी है। उन्होंने कहाकि जब भारत से कोई व्यक्ति इंडोनेशिया के प्रम्बानन मंदिर में जाता है तो उसे काशी और केदारनाथ जैसीही आध्यात्मिक अनुभूति होती है। उन्होंने कहाकि काकाविन और सेरात रामायण की कहानियां भारत में वाल्मीकि रामायण, कम्ब रामायण और रामचरितमानस जैसीही भावनाएं पैदा करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आयोध्या में भी इंडोनेशियाई रामलीला का मंचन किया जाता है, बाली में ओम स्वस्ति-अस्तु सुनने से भारतीयों को भारत में वैदिक विद्वानों के आशीर्वाद की याद आती है। उन्होंने कहाकि इंडोनेशिया में बोरोबुदुर स्तूप भगवान बुद्ध की उन्हीं शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है, जिनका अनुभव भारत में सारनाथ और बोधगया में किया जाता है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि ओडिशा में बाली यात्रा उत्सव प्राचीन समुद्री यात्राओं का उत्सव मनाता है, जो कभी भारत-इंडोनेशिया को सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक रूपसे जोड़ती थी। उन्होंने कहाकि आजभी जब भारतीय गरुड़ इंडोनेशिया एयरलाइंस से यात्रा करते हैं तो उन्हें साझा सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत-इंडोनेशिया केबीच संबंध कई मजबूत धागों से बुने हुए हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की हालकी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने उनके साथ इस साझी विरासत के कई पहलुओं पर बात की थी। उन्होंने कहाकि जकार्ता में भगवान मुरुगन का मंदिर सदियों पुरानी विरासत में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि यह मंदिर आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों का नया केंद्र बनेगा।
जकार्ता में भगवान मुरुगन मंदिर में न केवल भगवान मुरुगन, बल्कि कई और देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है, इस बातपर ध्यान दिलाते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह विविधता और बहुलता हमारी संस्कृति की बुनियाद है। उन्होंने कहाकि इंडोनेशिया में विविधता की परंपरा को भिन्निका तुंगगल इका कहा जाता है, जबकि भारत में इसे विविधता में एकता के रूपमें जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि विविधता की यह स्वीकार्यता ही वह कारण है, जिससे इंडोनेशिया-भारत दोनों में विभिन्न धर्मों के लोग सद्भाव केसाथ रहते हैं। उन्होंने कहाकि सांस्कृतिक मूल्य, विरासत और परम्परा भारत व इंडोनेशिया के लोगों केबीच संबंधों को समृद्ध कर रहे हैं। उन्होंने प्रम्बानन मंदिर के संरक्षण के संयुक्त निर्णय और बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर केलिए साझी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अयोध्या में इंडोनेशियाई रामलीला का उल्लेख किया तथा ऐसे और अधिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर भी दिया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि वह राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो केसाथ इस दिशामें तेजीसे कार्य करेंगे। उन्होंने कहाकि अतीत एक स्वर्णिम भविष्य का आधार बनेगा। नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का आभार व्यक्त कर मंदिर के महाकुंभ अभिशेखम पर बधाई केसाथ अपना संबोधन समाप्त किया।