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Tuesday 4 February 2025 02:41:58 PM
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत आए रूस की संघीय विधानसभा के राज्य ड्यूमा के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन और उनके संसदीय प्रतिनिधिमंडल से नए संसद भवन में मुलाकात की। ओम बिरला ने प्रतिनिधियों से कहाकि भारत-रूस की ऐतिहासिक, गहरी और समय परीक्षित दोस्ती दुनिया के अनुकरण केलिए सहयोग एवं कूटनीति का शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहाकि भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को वैश्विक मंच पर बहुत खास माना जाता है, दोनों देशों के संबंध सदियों पुराने हैं और भारत की आजादी केबाद से ही रूस भारत का सबसे करीबी सहयोगी है। वर्ष 2024 में ब्रिक्स की अध्यक्षता केलिए रूस को बधाई देते हुए और सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स संसदीय शिखर सम्मेलन में अपनी यात्रा को याद करते हुए ओम बिरला ने संसदीय प्रक्रियाओं को मजबूत करने और संबंधों को प्रगाढ़ करने में इस तरह के आदान-प्रदान के महत्व पर बल दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह जानकर खुशी हुईकि रूसी प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही देखी, जिससे उन्हें भारत की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली के बारेमें जानकारी मिली। ओम बिरला ने व्याचेस्लाव वोलोडिन को भारत की संसदीय समिति प्रणाली का सिंहावलोकन भी प्रदान किया और उन्हें मिनी संसद के रूपमें वर्णित किया, जहां बजटीय मामलों और प्रमुख मुद्दों की विस्तार से जांच की जाती है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बतायाकि संसदीय समितियां निष्पक्षता से कार्य करती हैं, जिससे गहन चर्चा संभव हो पाती है, जो अकसर समय की सीमाओं और मुद्दों के व्यापक दायरे के कारण बड़े सदन में बाधित होती हैं। गणतंत्र के रूपमें भारत के 75वे वर्ष का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने आजादी केबाद से देशकी यात्रा और नागरिकों केलिए समानता सुनिश्चित करने में भारतीय संविधान निर्माताओं के दूरदर्शी प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने रूसी प्रतिनिधिमंडल को इन वर्षों में भारत की प्रगति और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की जानकारी दी।
स्पीकर ओम बिरला ने अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू), ब्रिक्स संसदीय मंच और जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंचों सहित विभिन्न स्तरों पर लगातार जुड़ाव का हवाला देते हुए भारत और रूस की संसदों केबीच मजबूत सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स संसदीय शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी को गर्मजोशी से याद किया, जहां उन्हें रूसी संसदीय नेताओं केसाथ जुड़ने का अवसर मिला था। उन्होंने भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने में आपसी विश्वास और सम्मान की भूमिका पर बल दिया, जो राजनीतिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग को शामिल करते हुए विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में विकसित हुई है। भारत और रूस केबीच बहुपक्षीय क्षेत्रोंमें जीवंत संबंध पर उन्होंने कहाकि दोनों देशों के लोगों केबीच संबंधों ने इस व्यापक साझेदारी केलिए ठोस आधार प्रदान किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि रूस के संसदीय प्रतिनिधियों का यह भारत दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत एवं आपसी विकास और समृद्धि को बढ़ावा देगा।
रूसी विधानसभा के राज्य ड्यूमा के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने अपने और अपने प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत केलिए स्पीकर ओम बिरला को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि भारत जैसे बहुदलीय लोकतंत्र में संसदीय कार्यवाही का अवलोकन उनके लिए बड़ी सीख है। उन्होंने दीर्घकालिक भारत-रूस साझेदारी की सराहना की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साझा घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से विकसित हो रही है। भारतवासियों को बधाई देते हुए व्याचेस्लाव वोलोदिन ने 75 वर्ष में भारत के वैश्विक शक्ति के रूपमें उभरने को स्वीकार करते हुए भारत की उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि की भी प्रशंसा की। भारत और रूस के लोगों केबीच मजबूत संबंधों को स्वीकारते हुए उन्होंने आशा जताई कीकि भारत और रूस की मित्रता नए क्षितिज पर पहुंचेगी। इस अवसर पर भारत की ओर से संसदीय प्रतिनिधि भर्तृहरि महताब, डॉ संजय जयसवाल, अपराजिता सारंगी, कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, डॉ शशि थरूर और लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी उपस्थित थे।