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द्रौपदी मुर्मू से मिले यूएनजीए के अध्यक्ष

यूएनएससी जैसे बहुपक्षीय निकायों में सुधार जरूरी-राष्ट्रपति

भारत की सक्रिय एवं रचनात्मक भागीदारी का आश्वासन दिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 February 2025 05:49:37 PM

unga president meets draupadi murmu

नई दिल्ली। संयुक्तराष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। संयुक्तराष्ट्र महासभा के अध्यक्ष का राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि संयुक्तराष्ट्र महासभा की उनकी अध्यक्षता ऐसे समय में आई है, जब हम संयुक्तराष्ट्र की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने का महत्वपूर्ण समारोह मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने फिलेमोन यांग से बातचीत में बतायाकि वर्ष 2025 में विकास केलिए वित्तपोषण पर चौथा सम्मेलन और तीसरा संयुक्तराष्ट्र महासागर सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण संयुक्तराष्ट्र सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भारत की सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी का आश्वासन दिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित प्रमुख बहुपक्षीय निकायों में शीघ्र और व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उन्हें समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके। राष्ट्रपति ने फिलेमोन यांग केद्वारा सतत विकास केलिए विज्ञान और डेटा संचालित दृष्टिकोण पर जोर देने और उनके समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में हुए भविष्य के शिखर सम्मेलन में ‘भविष्य केलिए समझौता’ को अपनाने में उनके नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहाकि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन से प्रेरित होकर संयुक्तराष्ट्र सहित वैश्विक दक्षिण के हितों की रक्षा करना जारी रखेगा।
संयुक्तराष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत और कैमरून केबीच घनिष्ठ व मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों खासकर बीते कुछ वर्ष में लगातार बढ़े विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर भी चर्चा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि भारत, अफ्रीका केसाथ एक विशेष अपनापन साझा करता है और उल्लेख कियाकि वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्य के रूपमें शामिल किया गया था। इस अवसर पर फिलेमोन यांग केसाथ संयुक्तराष्ट्र महासभा के कई और वरिष्ठ प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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