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विभाजनकारियों को करारा जवाब दें-उपराष्ट्रपति

'देश को चुनौतियां ख़तरनाक जलवायु परिवर्तन से भी ज़्यादा गंभीर'

राणेबेन्नूर में कर्नाटक वैभव साहित्य और सांस्कृतिक महोत्सव

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Friday 7 February 2025 06:04:16 PM

karnataka vaibhav literary and cultural festival at ranebennur

राणेबेन्नूर (कर्नाटक)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में विभाजनकारी ताकतों के ख़तरनाक मनसूबों पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए देश को आगाह किया हैकि देश को चुनौती देने वाली शक्तियां जो राष्ट्रवाद और क्षेत्रीयता में टकराव करने की कोशिश कर रही हैं, उनको बहुत करारा जवाब मिलना चाहिए, वो हमारी सांस्कृतिक विरासत को हिलाना चाहती हैं। उन्होंने कहाकि मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं हैकि देश को जो चुनौतियां मिल रही हैं, वे जलवायु परिवर्तन से भी ज़्यादा गंभीर हैं, कुछ लोगों की कार्यशैली देश में घिनौना विभाजन पैदा कर रही है जैसे-जाति और क्षेत्रीयता। उपराष्ट्रपति ने कहाकि समझ में ही नहीं आताकि देशमें क्षेत्रवाद बनाम राष्ट्रीयता की चर्चा कैसे हो सकती है? यह चर्चा बहुत बेतुकी और आधारहीन है। उन्होंने कहाकि जब इस चर्चा की जड़ों को देखेंगे तो उनमें राष्ट्र विरोधी ताकतों का हाथ मिलेगा।
रानेबेन्नूर में राज-राजेश्वरी महाविद्यालय में कर्नाटक वैभव साहित्य और सांस्कृतिक महोत्सव के तीसरे संस्करण के उद्घाटन पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि ये विभाजनकारी ताकतें अलग-अलग तरीके से काम करती हैं, इन्होंने नए-नए रास्ते अपनाए हुए हैं और ये विभाजनकारी ऐसे बहुत से मुद्दों को लेकर न्यायपालिका की शरण में जाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारे देश के संविधान ने हर व्यक्ति को न्यायालय की शरण में जाने का अधिकार दिया है और देखा गया हैकि हाल के वर्षों में विघटनकारियों द्वारा धन के बलपर न्यायपालिका तक अपनी पहुंच को देश के खिलाफ हथियार के रूपमें इस्तेमाल किया गया है, ऐसा दुनिया के किसी भी देश में नहीं होता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि आज हमें अपने सांस्कृतिक दर्शन को संजोने की आवश्यकता है, हम खुद ही उस टहनी को काटने की कोशिश कर रहे हैं, जिसपर हम पनप रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत की प्रगति को दुनिया की नज़र से देखना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने की चेष्टा पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहाकि देश में सबसे मजबूत लोकतंत्र है, सबसे प्रगतिशील लोकतंत्र है, सबसे जीवंत लोकतंत्र है और संवैधानिक दृष्टि से भारत दुनिया का अकेला देश है, जिसमें गांव हो, शहर हो, प्रांत हो या राष्ट्र हो, सब जगह संवैधानिक व्यवस्था है। उन्होंने कहाकि ऐसे देश में चुनावी प्रकिया को एक तरीके से कुप्रभावित करने की चेष्टा की जा रही है और यह कुचेष्टा उन लोगों द्वारा है, जिनकी इसमें भागीदारी नहीं होनी चाहिए, पर उनकी भागीदारी है। उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति की ओर ध्यान खींचते हुए कहाकि दुनिया की श्रेष्ठ संस्थाओं आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक और अन्य का कहना हैकि दुनिया में अगर कोई चमकता हुआ सितारा देश है, जहां निवेश किया जा सकता है, जहां आपको अवसर मिल सकते हैं, जहां आप अपनी प्रतिभा को चमका सकते हैं तो वह भारत है। उन्होंने कहाकि भारत को निवेश और अवसरों केलिए एक वैश्विक पसंदीदा गंतव्य माना जाता है।

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