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भारत दुनिया का मित्र और सहयोगी है-रक्षामंत्री

बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2025 का पांच दिवसीय जोरदार आगाज़

'ख़रीदार और विक्रेता के वार्तालाप से ऊपर उठने की जरूरत है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 10 February 2025 04:36:21 PM

aero india's five-day grand opening in bengaluru

बेंगलुरु। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने येलहंका एयरफोर्स स्टेशन बेंगलुरु पर आज एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का समारोहपूर्वक उद्घाटन किया और विश्वास व्यक्त कियाकि महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम एयरो इंडिया-2025 इस दौर की अनिश्चितताओं से निपटने केलिए सम्मान, हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों केबीच संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने केलिए मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहाकि एयरो इंडिया देश की औद्योगिक क्षमता और तकनीकी प्रगति को विश्‍व के समक्ष प्रदर्शित करेगा, साथही मित्र देशों केसाथ सहजीवी संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहाकि स्थायी शांति तभी प्राप्त की जा सकती है, जब राष्ट्र एकसाथ आएं और बेहतर विश्व व्यवस्था की दिशा में कार्य करें। रक्षामंत्री ने कहाकि पांच दिवसीय एयरो इंडिया में विश्‍वभर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग प्रमुख, वायुसेना अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षाक्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्टअप, शिक्षाविद और हितधारक भाग ले रहे हैं और यह संगम भारत के साझेदारों को एकसाथ लाएगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि हम अक्सर खरीदार और विक्रेता के रूपमें वार्तालाप करते हैं, जहां हमारे संबंध लेन-देन के स्तरपर होते हैं, जबकि हम अपनी साझेदारी को खरीदार और विक्रेता संबंध से भी आगे औद्योगिक सहयोग और मित्रता के स्तरतक ले जाते हैं। उन्होंने कहाकि हमारे पास समान विचारधारा वाले देशों केसाथ सह-उत्पादन और सह-विकास के कई सफल उदाहरण हैं, हमारे लिए भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग नहीं है, सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं, जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि यहां विदेशी मित्रों की उपस्थिति इसबात का प्रमाण हैकि हमारे साझेदार एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के दृष्टिकोण को साझा करते हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि वैश्विक अनिश्चितता के वर्तमान वातावरण के बावजूद भारत एक ऐसा बड़ा देश है, जो शांति और समृद्धि का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहाकि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और न ही वह किसी महाशक्ति केसाथ प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहा है। उन्होंने कहाकि हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं, यह हमारे मूल आदर्शों का हिस्सा है। राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित मित्र देशों के रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के प्रतिनिधियों से कहाकि वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता केलिए भारत केसाथ उनका सहयोग बहुत जरूरी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है, तेजीसे विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार के ठोस, सतत और सुविचारित प्रारूप के कारण देशमें एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग पारिस्थितिकी व्‍यवस्‍था बनाई गई है। उन्होंने कहाकि रक्षा औद्योगिक क्षेत्र, जिसे पहले राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के घटक के रूपमें नहीं देखा जाता था, आज समग्र अर्थव्यवस्था केसाथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया है। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र अब एक मोटर की तरह है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहा है। रक्षामंत्री ने कहाकि केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, जिसमें पूंजी अधिग्रहण केलिए 1.80 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं, इसबात का प्रमाण हैकि सरकार रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र मानती है। उन्होंने कहाकि पिछले बजट की तरह आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू स्रोतों से खरीद केलिए आरक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के रक्षा औद्योगिक परिसर की क्षमताओं को व्यापक और सघन बनाना है।
राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र की समग्र विकास गाथा में निजी उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने केप्रति नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहाकि अर्थव्यवस्था को मुख्यधारा में लाने में निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा रहा है, अपनी प्रेरणा, उदारता और उद्यमशीलता के कारण यह क्षेत्र देश में समृद्धि की नई लहर लाने में सक्षम है, कई उन्नत देशों में निजी उद्योग ने रक्षा उत्पादन का नेतृत्व किया है और अब समय आ गया हैकि यहांभी यह क्षेत्र रक्षा उद्योग में बराबर का भागीदार बने। रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षाक्षेत्र को मजबूत करने केलिए रक्षा निर्माता सहयोगात्मक दृष्टिकोण केसाथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात में सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन केलिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस केबीच संयुक्त उद्यम को इसका एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहाकि आज भारत एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और कॉम्प्लेक्स सिस्टम असेंबली केलिए वैश्विक स्तरपर पसंदीदा गंतव्य बन गया है और सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्योग इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
एयरो इंडिया-2024 की उपलब्धियों का उल्‍लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि अस्त्र मिसाइल, नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल, मानवरहित सतह पोत, पिनाका गाइडेड रॉकेट जैसे कई उच्च तकनीक वाले उत्पाद अब देश में ही बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आनेवाले समय में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन और 21000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के आंकड़े को पार करने और यह सुनिश्चित करने केलिए सरकार के अटूट संकल्प को दोहरायाकि रक्षाक्षेत्र अभूतपूर्व गति से आगे बढ़े। रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि 2025-26 के अंततक रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और रक्षा निर्यात 30,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। रक्षा मंत्रालय में 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किए जाने पर रक्षामंत्री ने कहाकि यह केवल सरकारी नारा नहीं है, बल्कि सुधारों केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता है, सुधारों केलिए निर्णय केवल मंत्रालय स्तरपर नहीं लिए जा रहे हैं, बल्कि सशस्त्र बल और डीपीएसयू भी इस प्रयास में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहाकि इस सुधार अभियान को और तेजीसे आगे बढ़ाने केलिए रक्षा क्षेत्रके हितधारकों की भागीदारी होनी चाहिए, हितधारकों के सुझावों का स्वागत है।
राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया में दुनियाभर से आए विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें अतिथि देवो भव की भारतीय परंपरा से अवगत कराया, जिसका अर्थ है 'अतिथि ईश्‍वर के समान होता है'। उन्होंने उल्लेख कियाकि इसे पवित्र शहर प्रयागराज में दिव्य भव्य महाकुंभ में स्पष्ट रूपसे देखा जा सकता है। उन्होंने कहाकि महाकुंभ जहां आत्मनिरीक्षण का कुंभ है, वहीं एयरो इंडिया शोध का कुंभ है, जहां महाकुंभ आंतरिक शक्ति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं एयरो इंडिया बाहरी शक्ति पर केंद्रित होगा, जहां महाकुंभ भारत की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहा है, वहीं एयरो इंडिया भारत की शक्ति को प्रदर्शित करेगा। एशिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी के 15वें संस्करण में भारत की हवाई शक्ति और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों केसाथ वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' विजन के अनुरूप यह कार्यक्रम स्वदेशीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने केलिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाने केलिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प को बल मिलेगा।
एयरो इंडिया में 10 से 12 फरवरी को व्यावसायिक दिवस के रूपमें आरक्षित किया गया है, जबकि 13 और 14 फरवरी को आम लोगों केलिए शो देखने केलिए सार्वजनिक दिन निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान रक्षामंत्रियों का सम्मेलन, सीईओ गोलमेज, भारत और आईडीईएक्स मंडपों का उद्घाटन, मंथन आईडीईएक्स कार्यक्रम, सामर्थ्य स्वदेशीकरण कार्यक्रम, समापन समारोह, सेमिनार, शानदार एयरशो और एयरोस्पेस कंपनियों की प्रदर्शनी शामिल है। एयरो इंडिया के उद्घाटन पर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार, चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कर्नाटक सरकार की मुख्य सचिव डॉ शालिनी रजनीश, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और वायुसेना उपप्रमुख एयर मार्शल एसपी धरखर और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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