स्वतंत्र आवाज़
word map

आदि महोत्सव का दिल्ली में रंगारंग उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जनजातीय विरासत व अस्मिता से गौरवांवित!

'आदिवासियों में प्राकृतिक सहजता व स्थायी जीवनशैली के आदर्श'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 February 2025 01:01:41 PM

president draupadi murmu became proud of tribal identity

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय कार्य मंत्रालय केतहत ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) की प्रमुख पहल आदि महोत्सव-2025 का रंगारंग रूपसे मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने कहाकि आदि महोत्सव जनजातीय विरासत को उजागर करने और उसे संरक्षित करते हुए बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, ऐसे उत्सव जनजातीय समाज के उद्यमियों, कारीगरों और कलाकारों को बाज़ार से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहाकि आदि महोत्सव महज़ एक उत्सव से कहीं अधिक है, यह भारत के आदिवासी समुदायों केलिए आर्थिक आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाला एक आंदोलन है। परंपरा को आधुनिकता केसाथ जोड़कर यह आयोजन सुनिश्चित करता हैकि आदिवासियों के अमूल्य योगदान का विश्वस्तर पर मान्यता, सम्मान और जश्न मनाया जाए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आदिवासी समाज के शिल्प, खान-पान, पहनावा, आभूषण, चिकित्सा पद्धतियां, घरेलू उपकरण और खेल हमारे देश की अनमोल विरासत हैं, साथही वे आधुनिक और वैज्ञानिक भी हैं, क्योंकि वे प्रकृति केसाथ सहज सामंजस्य और एक स्थायी जीवनशैली के आदर्शों को दर्शाते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि बीते दस वर्ष में आदिवासी समाज के समग्र विकास की अनेक और प्रभावी पहलें की गईं हैं, आदिवासी विकास बजट पांच गुना बढ़कर लगभग एक लाख पच्चीस हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है, इसके अलावा आदिवासी कल्याण बजट आवंटन लगभग 15 हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहाकि आदिवासियों के विकास पर विशेष ध्यान देने के पीछे की सोच यह हैकि जब आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा, तभी हमारा देश भी सही मायने में आगे बढ़ेगा, इसीलिए आदिवासी अस्मिता केप्रति गौरवांवित होने केसाथ-साथ आदिवासी समाज के विकास केलिए बहुआयामी प्रयास तेज गति से किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि आदिवासी समाज के आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार की दिशामें काफी प्रगति हो रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रकाश डालाकि शिक्षा किसीभी समाज के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहाकि यह प्रसन्नता की बात हैकि देश में लगभग 1.25 लाख आदिवासी बच्चे 470 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बतायाकि पिछले 10 वर्ष में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 30 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं, आदिवासियों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक विशिष्ट समस्या के समाधान केलिए राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया है, इसके तहत वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। महोत्सव में 24 फरवरी तक भारत की समृद्ध आदिवासी विरासत, संस्कृति, वाणिज्य, शिल्प, व्यंजन और कला जन-जन को रू-ब-रू कराया जाएगा। समारोह में छाऊ नृत्य (झारखंड), कलबेलिया नृत्य (राजस्थान), गौर मारिया नृत्य (छत्तीसगढ़), सिद्धि धमाल नृत्य (गुजरात), अंगी गेर नृत्य (राजस्थान) के आदिवासी कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र थीं। इस दौरान केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम, दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज, जनजातीय कार्य मामलों के मंत्रालय में सचिव विभु नायर, ट्राइफेड के एमडी आशीष चटर्जी, अधिकारी, आदिवासी नेता, कारीगर और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]