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Friday 28 February 2025 05:42:33 PM
हैदराबाद। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से वैज्ञानिक सोच विकसित करने और देश के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बुनियादी ढांचे का सर्वोत्तम उपयोग करके अग्रणी प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता हासिल करने का आह्वान किया है। राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के हिस्से के रूपमें तेलंगाना में दो दिवसीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्सव-विज्ञान वैभव के उद्घाटन पर यह आह्वान किया। उन्होंने कहाकि विश्व में तेजीसे युद्ध की परिस्थितियां हार्डवेयर से सॉफ्टवेयर की ओर परिवर्तित हो रही हैं, नई तकनीकी चुनौतियां सामने हैं, हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग एवं क्लीनटेक जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि यदि भारत केपास तकनीकी चुनौतियों का समाधान है तो वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मजबूत और सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहाकि युवा वैज्ञानिक दृष्टिकोण, समालोचनात्मक सोच अपनाएं और सामान्य से आगे जाने का प्रयास करें। उन्होंने राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के शब्दों को याद किया, जिनमें उन्होंने कहा थाकि विज्ञान मानवता केलिए एक सुंदर उपहार है, हमें इसे विकृत नहीं करना चाहिए, बल्कि समाज की बेहतरी केलिए इसका उपयोग करना चाहिए। रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की राष्ट्र की सुरक्षा और संरक्षा केलिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की प्रतिबद्धता दोहराई और इस क्षेत्रमें शिक्षा को भविष्य केलिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहाकि भारत के युवाओं में अपार क्षमताएं हैं, सरकार का प्रयास हैकि वह 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए उनकी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नई शिक्षा नीति-2020 पर भी प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य रचनात्मकता, समालोचनात्मक सोच और नवाचार को प्रोत्साहित करके देश में विज्ञान की शिक्षा को उच्चस्तर तक बढ़ाना है। उन्होंने कहाकि इसवर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय 'विकसित भारत केलिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व केलिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना', सरकार के इसी दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने इस विषय को नवाचार और वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व के माध्यम से प्रगति केलिए नए भारत की आकांक्षा का प्रतिबिंब बताया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कहाकि हैदराबाद लंबे समय से वैज्ञानिक उत्कृष्टता और तकनीकी नवाचार का केंद्र है। उन्होंने विज्ञान वैभव-2025 में भाग लेने वाले युवाओं से बड़े सपने देखने और जुनून केसाथ नवाचार को अपनाने का आग्रह किया। इस आयोजन के हिस्से के रूपमें एक भव्य प्रदर्शनी में 30000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। प्रदर्शनी स्टॉलों पर छात्रों को डीआरडीओ और भारतीय उद्योगों की विकसित अत्याधुनिक रक्षा एवं एयरोस्पेस तकनीकों को देखने का एक दुर्लभ अवसर मिला।
विज्ञान वैभव प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों में जिज्ञासा को जगाना, नवाचार को प्रेरित करना और युवा दिमागों को एसटीईएम क्षेत्रोंमें करियर बनाने केलिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीकी उद्यमियों की अगली पीढ़ी को बढ़ावा मिलेगा, जो भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की ओर अग्रसर करेंगे। विज्ञान वैभव का आयोजन डीआरडीओ, एईएसआई और कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस संयुक्त रूपसे महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन और विज्ञान में उनके अभूतपूर्व योगदान के सम्मान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने केलिए करता है। यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्योग जगत प्रमुखों, शिक्षाविदों और युवा नवप्रवर्तकों को एकसाथ एक मंच पर लाता है, ताकि देश के भविष्य को आकार देने वाली प्रगति पर चर्चा और प्रदर्शन किया जा सके। कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एईएसआई) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, डीआरडीओ के महानिदेशक एवं निदेशक, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा उद्योग जगत के प्रमुख शामिल हुए।