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आज के भारत में नैतिक अशांति-राष्‍ट्रपति

मालवीय नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टैक्‍नोलॉजी का दी‍क्षांत समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 10 July 2013 01:10:45 PM

pranab mukherjee presenting the degree to a student

जयपुर। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे इस बात को स्‍पष्‍ट रूप से समझें कि उनके लिए शिक्षा का अर्थ क्‍या है, उन्‍हें यह बात समझनी चाहिए कि क्‍या अच्‍छा पेशेवर करियर ही जीवन का सब कुछ है या सफलता का अर्थ कुछ और है। प्रणब मुखर्जी आज जयपुर में मालवीय नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टैक्‍नोलॉजी के दी‍क्षांत समारोह में भाषण दे रहे थे। राष्‍ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि उनकी शिक्षा में स्रोत, प्रयास और योगदान का महत्‍व क्‍या है। समाज ने उनमें निवेश किया है और विद्यार्थियों से यह अपेक्षा उचित है कि वे समाज को लाभांश दें। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थी यह लाभांश समाज के कमजोर, जरूरतमंद और वंचित लोगों की सहायता कर अदा कर सकते हैं।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों में सामाजिक मूल्‍य और सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना भरी जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि आज के भारत में नैतिक अशांति है और यह अशांति हमें याद दिलाती है कि आगे हमारा कर्तव्‍य क्‍या है। उन्‍होंने कहा कि समाज के मूल्‍यों में आई गिरावट की स्थिति बदलनी होगी। इसके लिए हमें विद्यार्थियों में मातृ‍भूमि के प्रति प्‍यार, कर्तव्‍यपरायणता, करुणा, सहिष्‍णुता, कामकाज में ईमानदारी, अनुशासन की भावना विकसित करनी होगी।

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