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हेमकुंड व केदारनाथ की रोपवे से यादगार यात्रा!

नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तराखंड में रोपवे परियोजनाओं को दी मंजूरी

पर्यावरण अनुकूल आरामदायक व तीव्र यात्रा कनेक्टिविटी पर जोर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 March 2025 06:11:39 PM

memorable journey to hemkund and kedarnath by ropeway

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक 12.4 किलोमीटर और सोनप्रयाग से केदारनाथ 12.9 किलोमीटर तक रोपवे की निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक रोपवे को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मोड पर विकसित किया जाएगा, इसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिबजी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल या टट्टू या पालकी से पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे योजना हेमकुंड साहिबजी के दर्शन करनेवाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आनेवाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने केलिए बनाई गई है और यह गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी केबीच हर मौसम में अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।
रोपवे परियोजना को सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह गोविंदघाट से घांघरिया 10.55 किलोमीटर तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला पर आधारित होगा, जिसे घांघरिया से हेमकुंड साहिबजी 1.85 किलोमीटर तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा, इसका डिजाइन इस तरीके से तैयार किया जाएगा, जिससे इसकी क्षमता प्रतिघंटे प्रति दिशा 1100 यात्री होगी और यह प्रतिदिन 11000 यात्रियों को लाने ले जाने में सहायक होगा। रोपवे परियोजना निर्माण और परिचालन के दौरान पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय व पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में रोज़गार के अवसर पैदा करेगी। हेमकुंड साहिबजी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15000 फीट की ऊंचाई पर एक अत्यंत श्रद्धेय तीर्थस्थल है। यहां स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर केबीच साल में लगभग 5 महीने केलिए खुला रहता है और हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं। हेमकुंड साहिबजी की यात्रा फूलों की प्रसिद्ध घाटी के प्रवेश द्वार के रूपमें भी जानी जाती है, जो प्राचीन गढ़वाल हिमालय में एक राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूपमें मान्यता प्राप्त है।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर की रोपवे परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। इसकी डिजाइन क्षमता 1800 यात्री प्रतिघंटे प्रति दिशा होगी और प्रतिदिन 18000 यात्रियों के आवागमन में सहायक होगी। दावा किया गया हैकि रोपवे परियोजना केदारनाथ आनेवाले तीर्थयात्रियों केलिए वरदान साबित होगी, क्योंकि यह पर्यावरण अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटाकर लगभग 36 मिनट कर देगी। केदारनाथ मंदिर तककी यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में इसे पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर से तय किया जाता है। रोपवे मंदिर में आनेवाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ केबीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय साबित होगा। गौरतलब हैकि केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर है। यह मंदिर साल में अक्षय तृतीया अप्रैल-मई से दीपावली अक्टूबर-नवंबर तक लगभग 6 से 7 महीने तीर्थयात्रियों केलिए खुला रहता है और इस मौसम के दौरान सालाना लगभग 20 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।

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