स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 12 March 2025 03:18:51 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में स्टूडेंट्स एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग (एसईआईएल) की आयोजित युवा संसद में पूर्वोत्तर के छात्रों केसाथ रोचक बातचीत में कहा हैकि नॉर्थईस्ट भारतीय संस्कृति का अमूल्य गहना है और यह क्षेत्र भारत की संस्कृति को समृद्ध करने वाली विरासत से लैस है। गृहमंत्री ने कहाकि नॉर्थईस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दिल के बहुत नज़दीक है, पूर्वोत्तर के लोगों ने संस्कृति के संरक्षण, राष्ट्र के विकास, भारत को खेल और सुरक्षा के क्षेत्रमें एक ताकत बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि आज मोदी सरकार पूर्वोत्तर को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाकर उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर रही है, सिर्फ बजट आवंटन नहीं, बल्कि नॉर्थईस्ट के विकास, एकता और शांति केलिए नरेंद्र मोदी सरकार पूर्ण रूपसे कटिबद्ध है। उन्होंने कहाकि नॉर्थईस्ट में दुनियाभर को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षित करने की क्षमता है, साथही यहां भारत के सबसे ज़्यादा IQ वाले युवा हैं और सबसे मेहनती जनजातियां हैं। अमित शाह ने कहाकि पूर्वोत्तर में 220 से अधिक जनजातीय समूह, 160 से अधिक जनजातियां, 200 से अधिक बोलियां और भाषाएं, 50 यूनिक प्रकार के त्यौहार और दुनियाभर में प्रसिद्ध 30 से अधिक नृत्य शैलियां हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि युवा संसद बहुत अच्छा आयोजन है, लेकिन इसे यहां समाप्त नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे और संगठनों एवं विद्यार्थी परिषद केबीच सेतु बनाने केलिए एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहिए, जिससे सारे युवा संगठन देशकी ताकत बन जाएं। उन्होंने कहाकि विद्यार्थी परिषद युवाओं को सही दिशा दिखाने केसाथ-साथ उनका चरित्र निर्माण भी करती है। अमित शाह ने कहाकि विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन ने हर प्रकल्प में चाहे आपदा में सहयोग हो या राष्ट्रीय संकट में मदद हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा है। गृहमंत्री ने कहाकि अंतर्राज्यीय जीवन में छात्रों का अनुभव यानी एसईआईएल पहल ने उत्तर-पूर्व को पूरे देश केसाथ भावनात्मक रूपसे जोड़ा है, आज देशमें 4000 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जहां नॉर्थईस्ट के बच्चे काफी दिन तक रहकर एसईआईएल केसाथ पत्र व्यवहार कर रहे हैं, इससे बड़ी ताकत किसी कार्यक्रम की नहीं हो सकती। उन्होंने कहाकि विद्यार्थी परिषद ने संगठनात्मक समर्पण की निर्मिति पूरे संगठन में की है, तभी एसईआईएल जैसे कार्यक्रम इतने वर्षों से चल रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इतनी सारी विशेषताएं होने के बावजूद हमारा नॉर्थईस्ट विकास में पिछड़ गया, क्योंकि एक समय था, जब अलग-अलग प्रकार के मतिभ्रम, विवाद पैदाकर आतंकवाद और अलगाववाद को खड़ा कर दिया गया, हिंसा, बंद, ड्रग्स, ब्लाकेड और प्रांतवाद ने हमारे नॉर्थईस्ट को टुकड़ों में बांट दिया। उन्होंने कहाकि इसने हमारे उत्तरपूर्व को मानसिक रूपसे न सिर्फ देश से, बल्कि पूर्वोत्तर के राज्यों कोभी एकदूसरे से अलग करने का काम किया। गृहमंत्री ने कहाकि इसके परिणामस्वरूप हमारा नॉर्थईस्ट विकास की दृष्टि से 40 साल तक पिछड़ता चला गया, इसमें सबसे बड़े बाधक आतंकवादी और अलगाववादी समूह बने। गृहमंत्री ने कहाकि जबभी भाजपा की सरकार आई तो उसने पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहाकि पहले इतने बड़े और पिछड़े भूभाग केलिए कोई अलग मंत्रालय नहीं था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इसकी स्थापना की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के हर कार्यक्रम में नॉर्थईस्ट को केंद्रबिंदु बनाया। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि हैकि उसने नॉर्थईस्ट और भारत के बाकी भागों केबीच की दूरी को कम कर दिया है। अमित शाह ने दावा कियाकि उत्तरपूर्व के हर राज्य की राजधानी 2027 तक रेल, हवाई मार्ग और सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि हमने न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ाकर उत्तरपूर्व को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ा, बल्कि फिज़िकल दूरी केसाथ-साथ दिलों की दूरियां मिटाने का भी काम किया। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने हर योजना के केंद्र में पूर्वोत्तर को रखकर और एक केबाद एक वहां के हर उग्रवादी समूह से चर्चाकर उनकी समस्याओं को सुनकर, समझकर और उनके साथ समझौतेकर उन्हें मेनस्ट्रीम में लाने का उल्लेखनीय कार्य किया। अमित शाह ने कहाकि उत्तरपूर्व आज शांति का अनुभव कर रहा है, सभी उग्रवादी समूहों केसाथ नरेंद्र मोदी सरकार ने समझौते किए और लगभग 10500 से ज़्यादा विद्रोही हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आ चुके हैं। अमित शाह ने कहाकि 10 साल में हमने विद्रोही समूहों केसाथ 12 महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत पूर्वोत्तर की भाषाओं, बोलियों, संस्कृति, वेशभूषा, परंपरागत नृत्य, कलाओं को सम्मानित और संरक्षित किया तथा उत्तरपूर्व में शांति का माहौल खड़ा किया।
अमित शाह ने कहाकि किसीभी क्षेत्रका विकास शांति के बिना नहीं हो सकता, क्योंकि शांति विकास की पहली शर्त है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने का काम किया है, सरकार ने उत्तरपूर्व को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से बहुत फायदा पहुंचाया है, उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के माध्यम से लगभग 110 योजनाएं चलाई गई हैं। उन्होंने कहाकि नॉर्थईस्ट के बाढ़ प्रबंधन केलिए सैटेलाइट से मैपिंग और टोपोग्राफी का अभ्यासकर आनेवाले दिनों में नॉर्थईस्ट में 300 से अधिक झीलें बनेंगी, जो इस क्षेत्रमें स्थाई बाढ़ प्रबंधन करेंगी। गृहमंत्री ने कहाकि मोदी सरकार के कार्यकाल में इन 10 साल में पूर्वोत्तर के विकास केलिए बजट को भी बढ़ाया गया है। अमित शाह ने कहाकि उल्लेख कियाकि भारत का सबसे बड़ा रेल कम रोड ब्रिज ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है, भूपेन हज़ारिका सेतु बनाया गया है, अरूणाचल को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट दिया, रेलवे का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन किया, असम से भूटान तक रेल लाइन बन रही है। उन्होंने कहाकि 2027 तक नॉर्थईस्ट के राज्यों की राजधानी ट्रेन, विमान और सड़क से जुड़ जाएंगी। गृहमंत्री ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार में पूर्वोत्तर की भौतिक दूरी केसाथ दिलों की दूरी भी कम की गई है। उन्होंने कहाकि सिक्किम में 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक खेती का लक्ष्य भी सिद्ध हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि असम में 27 हज़ार करोड़ रूपए का सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाया जा रहा है, जो युवाओं को रोज़गार के अवसर देगा। अमित शाह ने कहाकि नॉर्थईस्ट में ढाई लाख करोड़ रूपए का निवेश और आ रहा है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार के अगले 10 साल में नॉर्थईस्ट के किसी युवा को देश के किसी और हिस्से में काम करने नहीं जाना पड़ेगा, यहीं उसे रोज़गार मिलेगा। गृहमंत्री ने कहाकि हमने संकल्प किया हैकि 2047 तक भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र होगा और दुनिया में हर क्षेत्रमें सर्वप्रथम होगा। उन्होंने कहाकि हर क्षेत्रमें भारत विश्व में अग्रणी हो, महर्षि अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद का यह सपना अब साकार होता दिख रहा है। अमित शाह ने कहाकि इस प्रक्रिया में युवाओं को जोड़ने केलिए हमारी सरकार ने कई कारगर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहाकि नई शिक्षा नीति में हमने अपनी भाषाओं को संजोकर रखने का आग्रह किया है और मातृभाषा को महत्व दिया है। उन्होंने कहाकि नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी शिक्षा लोकल एवं ग्लोबल होगी और युवाओं केलिए कई मौकों का सृजन भी करेगी।