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छत्तीसगढ़ विधानसभा की रजत जयंती पर समारोह

राष्ट्रपति को भरोसा शीघ्र ही छत्तीसगढ़ उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त होगा

'छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सर्वोच्च लोकतांत्रिक मानदंड स्थापित किए'

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Monday 24 March 2025 04:38:30 PM

celebration of silver jubilee of chhattisgarh legislative assembly

रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष पर आज विधानसभा में आयोजित समारोह में सभीको बधाई देते हुए उल्लेख कियाकि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में हुई थी, इस अवसर पर सभी ने उनके प्रति आभार व्यक्त कर उन्हें सादर नमन किया। राष्ट्रपति ने कहाकि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने न केवल शेष भारत, बल्कि विश्व की लोकतांत्रिक प्रणालियों केलिए उत्कृष्ट संसदीय आचरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यहां आकर उन्हें ओडिशा विधानसभा में विधायक के रूपमें अपने समय की यादें ताजा हो गई हैं और वे अपने अनुभव से यह कह सकती हैंकि विधायक की ज़िम्मेदारी निभाना जनसेवा की भावना से प्रेरित व्यक्ति केलिए बड़े सौभाग्य की बात होती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि विधानसभा, राज्य के निवासियों की आकांक्षाओं को व्यक्त करती है, उन्हें कार्यरूप देती है, विधानसभा राज्य की संस्कृति से प्रभावित होती है और उसे दिशा भी प्रदान करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास के बारेमें जानकर यह मान्यता औरभी मजबूत हो जाती हैकि ‘छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया’। राष्ट्रपति ने कहाकि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं के सर्वोच्च मानदंड स्थापित किए हैं, सदन की कार्यवाही के दौरान वेल में आनेवाले सदस्यों को स्वतः निलंबित करने का असाधारण नियम बनाया है और इसका पालन किया है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि 25 वर्ष में यहां विधानसभा में कभीभी मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा। उन्होंने महिला विधायकों से सभी महिलाओं का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि जब वे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहीं महिलाओं को प्रोत्साहित करेंगी, तब सभीका ध्यान उन महिलाओं की ओर जाएगा और उनके विकास का भी मार्ग प्रशस्त होगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि चाहे वे शिक्षक हों या अधिकारी, समाजसेवी हों या उद्यमी, वैज्ञानिक हों या कलाकार, मजदूर हों या किसान, अक्सर हमारी बहनें दिन-प्रतिदिन की घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए और कठिन संघर्ष से बाहरी दुनिया में अपना स्थान बनाती हैं, जब सभी महिलाएं एक-दूसरे को सशक्त बनाएंगी तो हमारा समाज और अधिक मजबूत व संवेदनशील बनेगा। उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता जताईकि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने समावेशी कल्याण एवं विकास केलिए अनेक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं, रूढ़ियों पर आधारित प्रताड़ना से समाज को, विशेषकर महिलाओं को मुक्त करने का अधिनियम समाज को छत्तीसगढ़ विधानसभा का एक ऐतिहासिक योगदान है, इसको स्वरूप देते समय वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तथा विधानसभा को नेतृत्व प्रदान कर रहे थे। राष्ट्रपति को बताया गयाकि अबतक छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 565 विधेयक पारित किए हैं, जिनमें अनेक विधेयक अंत्योदय तथा समावेशी विकास के लक्ष्यों से प्रेरित हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं, सीमेंट, खनिज उद्योग, इस्पात, एल्युमीनियम और बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विकास के भरपूर अवसर हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यह खूबसूरत राज्य हरे-भरे जंगलों, झरनों एवं और भी प्राकृतिक सौगातों से भरपूर है, राज्य को महानदी, हसदेव, इंद्रावती, शिवनाथ जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने राज्य के नीति निर्माताओं से विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास की यात्रा से जोड़ने की जिम्मेदारी नीति निर्माताओं की है। राष्ट्रपति ने कहाकि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। उन्होंने कहाकि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने विश्वास जतायाकि छत्तीसगढ़ को उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त करने के प्रयास में सब शीघ्रही सफलता प्राप्त करेंगे और राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ेंगे। राष्ट्रपति ने सभी विधायकों से कहाकि समानता और सामाजिक समरसता पर आधारित श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ का निर्माण करें। इससे पूर्व रायपुर आगमन पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अगवानी की।

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