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भारत कोई धर्मशाला नहीं है-गृहमंत्री

भारत में अवैध घुसपैठ पर कड़ा कानून संसद में पास

देश को रोहिंग्याओं और बंग्लादेशियों से गंभीर ख़तरा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 27 March 2025 07:42:36 PM

home minister amit shah

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से भारत में अवैध घुसपैठ, ड्रग की तस्करी, अवैध हथियारों की तस्करी, हवाला से पैसों से व्यापार करने वालों की रोकथाम केलिए अनेक कड़े प्रावधान वाला आप्रवासन एवं विदेशियों विषयक विधेयक-2025 प्रस्तुत किया, जो संसद ने पास कर दिया। गृहमंत्री ने कहाकि देश में प्रवेश केलिए निर्धारित मार्गों और अधिसूचना के अलावा यदि कोई भी व्यक्ति अन्य किसी घुसपैठ मार्ग से भारत देश में प्रवेश करता है, तो उसे गैरकानूनी माना जाएगा। जाहिर हैकि इसका खास फोकस रोहिंग्याओं और बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करने वालों पर है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में घुसपैठ की हुई है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस विधेयक का महत्व और जरूरत बताते हुए कहाकि स्वतंत्रता के बाद भारत की सॉफ्ट पावर ने विश्व मंच पर अपनी पहचान का डंका बजाया है और यह विधेयक उसमें नई गति और नई ऊर्जा का संचार करेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि आप्रवास संबंधी पुराने तीन विधेयक 1920, 1939 और 1946 ब्रिटेन की संसद में बनाए गए थे, लेकिन आज हमारी पूरी आप्रवास नीति नए भारत की नई संसद में बनने जा रही है, ये हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहाकि चार अलग-अलग नियमों को एकीकृत करके एक नया इमिग्रेशन कानून लाया जा रहा है, जिससे कई कानूनी खामियों का अंत होगा और कई पुराने कानून समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहाकि भारत की इतनी बड़ी सीमाओं में कोई कहीं से भी आ जाएगा और कोई उसे रोके भी नहीं? क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि उन्हें रोकने की जरुरत नहीं है। उनका इशारा भारत के उन राजनीतिक दलों, तंज़ीमों और उनके नेताओं की ओर था, जो देश में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने देश की कानून व्यवस्था और सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया हुआ है। यह कानून बहुत सख्त है, जिसे कांग्रेस ने जेपीसी को भेजने की मांग की थी, जो खारिज कर दी गई। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस इसके पारित होने से तिलमिलाई हुई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहाकि देश ऐसे नहीं चलेगा, ड्रग्स और हथियार लेकर आने वालों तथा देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वालों को रोका जाएगा और देश में आने-जाने के कानूनी मार्ग निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि कांग्रेस के शासनकाल में भारत में आने-जाने वाले प्रवासियों की कुल संख्या 5 करोड़ थी, जो मोदी सरकार में बढ़कर 8.12 करोड़ हो गई, यह 59 प्रतिशत की वृद्धि किसी भी एक दशक में अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है। उन्होंने कहाकि हम किसी को यूंही रोकना नहीं चाहते, लेकिन जिनके उद्देश्य ठीक नहीं हैं, उन्हें अवश्य रोका जाएगा। उन्होंने प्रश्न कियाकि जो लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि उद्देश्य ठीक हैं या नहीं, ये कौन तय करेगा? गृहमंत्री ने कहाकि यह तय करने का अधिकार भारत सरकार के पास है और भारत सरकार ही इसे तय करेगी। उन्होंने कहाकि इस विधेयक की धारा 3 में प्रवेश निषेध का कड़ा प्रावधान है, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या देश की साख के लिए खतरा पाया जाता है तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। गृहमंत्री ने कहाकि भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी व्यक्ति किसी भी उद्देश्य से आकर बस जाए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जो लोग भारत में मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार, निवेश और शिक्षा के उद्देश्य से आ रहे हैं, उनका स्वागत है, लेकिन चाहे रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी, अगर देश की शांति भंग करने केलिए आएंगे, तो हम उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहाकि भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन जो हमारी आंतरिक सुरक्षा केलिए खतरा बनेंगे, उनपर कड़ी नज़र और सख्त निगरानी होगी, यह विधेयक दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करेगा। उन्होंने कहाकि आप्रवासन एवं विदेशियों विषयक विधेयक-2025 के पारित होने केबाद भारत में आने वाले लोगों का संपूर्ण, व्यवस्थित, एकीकृत और अप-टू-डेट लेखा-जोखा होगा। उन्होंने कहाकि देश की सुरक्षा व अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार को बढ़ावा देने, शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तरपर मान्यता दिलाने, हमारे विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर प्रतिष्ठित बनाने केलिए यह विधेयक आवश्यक है। उन्होंने कहाकि यह विधेयक 2047 तक भारत को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गृहमंत्री ने कहाकि पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आए और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। उन्होंने कहाकि दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा, उसे रोकने का अधिकार संसद के पास है, साथ ही यह विधेयक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बनाई गई ब्लैक लिस्ट को भी कानून प्रावधान देगा। उन्होंने कहाकि तीन वर्ष के गहन विचार-विमर्श के बाद बना यह विधेयक इमिग्रेशन व्यवस्था को सरलीकृत, सुव्यवस्थित, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगा, साथ ही यह कानून पारदर्शी, तकनीक संचालित, समयबद्ध और विश्वसनीय भी होगा। उन्होंने कहाकि पिछले 10 वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से बढ़कर 5वें स्थान पर पहुंच गई है, आज भारत वैश्विक मंच पर एक चमकता सितारा बनकर उभरा है, ऐसे में दुनियाभर के लोगों का भारत की ओर आकर्षित होना स्वाभाविक है, जिसे देखते हुए यह आव्रजन और विदेशी विधेयक कानून बेहद जरूरी है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि भारत की बांग्लादेश केसाथ लगी सीमा 2,216 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से 1653 किलोमीटर पर फेंसिंग का काम पूरा हो चुका है, शेष 563 किलोमीटर में से 112 किलोमीटर पर भौगोलिक परिस्थितियों के कारण फेंसिंग संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि 412 किलोमीटर में बाड़बंदी इसलिए अधूरी है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ज़मीन नहीं दे रही है और जब से राहुल गांधी इंडी गठबंधन के नेता बने हैं, वे सरकारी आंकड़ों के बजाय एनजीओ के आंकड़ों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं। उन्होंने कहाकि राहुल गांधी कभी एनजीओ की भाषा बोलने लगते हैं तो कभी बिना छपा हुआ संविधान लहराने लगते हैं। उन्होंने सवाल कियाकि बांग्लादेशी या रोहिंग्या जब घुसपैठ करते हैं, तो इन्हें आधार कार्ड कौन देता है? जितने भी बांग्लादेशी पकड़े गए हैं, उनमे से अधिकांश के पास 24 परगना का आधार कार्ड और वोटर कार्ड पाया गया। उन्होंने कहाकि अगर बंगाल सरकार आधार कार्ड जारी न करे, तो एक परिंदा भी भारत में नहीं आ सकता, अब यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा, वर्ष 2026 में पश्चिम बंगाल में कमल खिलेगा और घुसपैठ पूरी तरह बंद हो जाएगी।
आप्रवासन विधेयक के प्रावधानों के अनुसार फर्जी वीजा पासपोर्ट से देश में प्रवेश करने पर दो से सात वर्ष की सजा है और दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, धारा 58 का उल्लंघन करने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी होगी, दस्तावेज के बिना विदेशियों को भारत लाने वाली कंपनी जिम्मेदार होगी। अस्पताल और सभी संस्थाओं केलिए विदेशी नागरिक की जानकारी देना अनिवार्य है, आव्रजन विभाग को किसीभी समय किसीभी विदेशी को भारत से निकालने या प्रवेश नहीं देने का अधिकार दिया गया है और यही नहीं, इस मामले में आव्रजन विभाग के अधिकारी का निर्णय आखिरी होगा। विदेशी नागरिक की वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी देश में रुकने पर तीन साल जेल है या तीन लाख रुपये का जुर्माना। अवैध रूपसे देश में शरण देने वाले केलिए भी कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने इमिग्रेशन नीति में करुणा, संवेदनशीलता, देश के खतरों के प्रति सतर्कता को ध्यान में रखा है, हमने किसी विदेशी को भारत में प्रवेश से रोकने से पहले 24 बिंदुओं पर उसकी 360 डिग्री जांच की व्यवस्था शुरू की है। उन्होंने उल्लेख किया कि डीएमके के सांसदों ने कभी भी तमिल शरणार्थियों का मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने कहाकि यह बिल हमारे इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला सिद्ध होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि आस-पास के देशों में प्रताड़ित 6 समुदायों के नागरिकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत शरण देने का काम किया गया है, भारत ने सदा मानवता केप्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, हमारी परंपरा और संस्कृति ही हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र और संस्कार देती है। उन्होंने कहाकि विश्व में सबसे बड़ा प्रवासी भारत का है जो 146 देशों में फैला है, आज अनिवासी भारतीयों की संख्या लगभग 1 करोड़ 72 लाख है और इन सबके सुचारू रूप से आने जाने और इनकी सभी चिंताओं के निराकरण केलिए ही यह बिल लाया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि पिछली सरकार के दौरान अवैध घुसपैठिए असम से आते थे और अब बंगाल से आते हैं। उन्होंने कहाकि बंगाल में उनकी पार्टी की सरकार आने के बाद वहां से भी घुसपैठ बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहाकि आजादी के वक्त जो शरणार्थी भारत आए, उन्हें हम घुसपैठिये नहीं मानते, वे सच्चे शरणार्थी हैं, जो अपने धर्म और परिवार को बचाने भारत आए, वे सही मायने में शरणार्थी हैं, इसीलिए हम नागरिकता संशोधन कानून लेकर आए, जो कोई भेदभाव नहीं करता। अमित शाह ने कहाकि हिंदू, बौद्ध, सिख, पारसी, ईसाई और जैन, इनमें कोई भी व्यक्ति भारत आएगा तो भारत में उनका स्वागत है, लेकिन जो घुसपैठ केलिए आते हैं, आए हैं उन्हे जरूर रोका जाएगा और उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। 

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