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'छत्तीसगढ़ की तस्वीर और तकदीर बदल रही'

इंफ्रास्ट्रक्चर के नए-नए प्रोजेक्ट्स से राज्य के विकास में और तेजी

प्रधानमंत्री ने दी 33,700 करोड़ रूपये के विकास कार्यों की सौगात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 31 March 2025 04:32:20 PM

prime minister gave the gift of development works worth rs 33,700 crore

बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों से किए हर वादे को पूरा कर रही है और बुनियादी ढांचे के विकास एवं सतत आजीविका बढ़ाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप बिलासपुर में समारोहपूर्वक 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए नए वर्ष की शुरुआत और नवरात्र के पहले दिन माता महामाया की भूमि और माता कौशल्या के मायके के रूपमें छत्तीसगढ़ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भक्त शिरोमणि माता कर्मा के सम्मान में हाल हीमें जारी स्मारक डाक टिकट पर छत्तीसगढ़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि नवरात्र उत्सव का समापन रामनवमी के उत्सव केसाथ होगा, जो छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम केप्रति अद्वितीय भक्ति विशेष रूपसे रामनामी समाज के असाधारण समर्पण को उजागर करता है, जिसने अपना पूरा अस्तित्व भगवान श्रीराम के नामपर समर्पित कर दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ियों को भगवान श्रीराम का मातृ परिवार बताते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। नरेंद्र मोदी ने मोहभट्ट स्वयंभू शिवलिंग महादेव के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ में विकास को गति देते हुए गरीबों केलिए आवास, स्कूल, सड़क, रेलवे, बिजली और गैस पाइपलाइन परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य छत्तीसगढ़वासियों केलिए मूलभूत सुविधाएं और ज्यादा से ज्यादा रोज़गार उपलब्‍ध कराना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि छत्तीसगढ़ में लाखों परिवारों केलिए पक्के घर का सपना पहले नौकरशाही की फाइलों में खो गया था और इस सपने को पूरा करने केलिए अपनी डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को याद किया। उन्होंने कहाकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पहला कैबिनेट निर्णय 18 लाख मकानों के निर्माण का था, जिनमें से तीन लाख पूरे हो चुके हैं, इनमें से कई घर आदिवासी इलाकों में हैं, जो बस्तर और सरगुजा के परिवारों को लाभांवित कर रहे हैं। उन्होंने उन परिवारों केलिए इन घरों के परिवर्तनकारी प्रभाव को स्वीकार किया, जिन्होंने अस्थायी आश्रयों में पीढ़ियों तक कठिनाई झेली है। प्रधानमंत्री ने इन घरों को शौचालय, बिजली, उज्ज्वला गैस कनेक्शन और पाइप्ड पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं से लैस करने के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कार्यक्रम में महिलाओं की भारी उपस्थिति पर ध्यान दिया और कहाकि इनमें से अधिकांश घर महिलाओं के स्वामित्व में हैं। उन्होंने उन हजारों महिलाओं की उपलब्धि को स्वीकार किया, जिन्होंने पहलीबार अपने नाम पर संपत्ति पंजीकृत कराई है। उन्होंने इन महिलाओं के चेहरों पर झलकती खुशी और आशीर्वाद केलिए आभार जताया और इसे अपनी सबसे बड़ी संपत्ति बताया। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी कलाकारों से आत्मीय संवाद भी किया और उनकी कला को किया नमन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यहां लाखों घरों के निर्माण ने न केवल गांव में स्थानीय कारीगरों, राजमिस्त्रियों और मजदूरों को रोज़गार उपलब्‍ध कराए हैं, बल्कि इन घरों केलिए उपयोग की जानेवाली सामग्री स्थानीय स्तरपर मिलने से छोटे दुकानदारों और परिवहन ऑपरेटरों को लाभ होता है। नरेंद्र मोदी ने भर्ती परीक्षा घोटालों केलिए पिछली सरकार की आलोचना की तथा उनकी सरकार की पारदर्शी जांच और परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि ईमानदार प्रयासों ने जनता के बढ़ते समर्थन केसाथ विश्वास को मजबूत किया है, जो छत्तीसगढ़ में विधानसभा, लोकसभा और अब नगरनिगम चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत से स्पष्ट है। उन्होंने कहाकि इसवर्ष छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ है, इसे राज्य के रजत जयंती वर्ष के रूपमें मनाना संयोग है, क्योंकि इसवर्ष अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी भी है। उन्होंने कहाकि छत्तीसगढ़ सरकार वर्ष 2025 को अटल निर्माण वर्ष के रूपमें मना रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि छत्तीसगढ़ को अलग राज्य के रूपमें बनाना पड़ा, क्योंकि विकास का लाभ इस क्षेत्रतक नहीं पहुंच रहा था एवं विकास करने में विफलता और शुरू की गई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार केलिए पिछली सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार ने लोगों की भलाई को प्राथमिकता दी है, उनके जीवन, सुविधाओं और उनके बच्चों केलिए अवसरों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहाकि यहां पहलीबार गुणवत्तापूर्ण सड़कें पहुंच रही हैं, कई क्षेत्रों में रेल सेवाओं की शुरूआत का उल्लेख किया। उन्होंने बिजली, पाइप से पानी और मोबाइल टावरों, नए स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के निर्माण की जानकारी दी। उन्‍होंने कहाकि ये प्रयास छत्तीसगढ़ के परिदृश्य को बदल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्ण विद्युतीकृत रेल नेटवर्क वाले राज्यों में से एक बनने की उपलब्धि की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने इसे मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहाकि राज्य में वर्तमान में लगभग 40,000 करोड़ रुपये मूल्य की रेल परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें इसवर्ष के बजट में विभिन्न क्षेत्रों और पड़ोसी राज्यों में रेल संपर्क में सुधार केलिए 7000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। नरेंद्र मोदी ने कोयले का उदाहरण देते हुए कहाकि छत्तीसगढ़ के प्रचुर भंडार के बावजूद पिछली सरकारों में बिजली संयंत्रों की उपेक्षा के कारण राज्य को बिजली की कमी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार ने इन मुद्दों को हल करके राज्य केलिए विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने केलिए नए बिजली संयंत्र स्थापित कर रही है। प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा पर सरकार के फोकस और ‘पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना’ का जिक्र किया, जिसका उद्देश्य बिजली के बिलों को खत्म करना और घरों को बिजली का उत्पादन करके आय अर्जित करने में सक्षम बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार सौर पैनल लगाने केलिए प्रति घर 78000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है, छत्तीसगढ़ में दो लाख से अधिक परिवार पहले ही इस योजना केलिए पंजीकरण करा चुके हैं। उन्होंने अन्य लोगों कोभी इसमें शामिल होने केलिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि छत्तीसगढ़ भू-आबद्ध राज्य है, जिसमें गैस पाइपलाइन पहुंचाने की चुनौती है, इसका समाधान करने केलिए क्षेत्रमें गैस पाइपलाइन बिछाने केलिए किए जारहे कार्य की जानकारी दी। उन्होंने कहाकि ये पाइपलाइन पेट्रोलियम उत्पादों केलिए ट्रक परिवहन पर निर्भरता कम करेगी, उपभोक्ताओं केलिए लागत कम करेगी और सीएनजी वाहनों का उपयोग संभव करेगी। उन्होंने कहाकि पाइप्ड कुकिंग गैस से घरों को लाभ होगा, जिसका लक्ष्य दो लाख से अधिक घरों तक रसोई गैस पहुंचाना है। उन्होंने कहाकि गैस की उपलब्धता छत्तीसगढ़ में नए उद्योगों की स्थापना को सुगम बनाएगी, इससे रोज़गार के नए अवसर उपलब्‍ध होंगे। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हुए कहाकि इन नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों में नक्सलवाद को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहाकि नक्सलवाद उन इलाकों में पनपा है, जहां विकास और संसाधन नहीं हैं और इन मुद्दों से निपटने के बजाय ऐसे जिलों को पिछड़ा घोषितकर दिया गया था, जिससे उनकी जिम्मेदारी से बचा जा सके।
नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकार के शासन में छत्तीसगढ़ के कई जिलों में सबसे वंचित आदिवासी परिवारों की उपेक्षा पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग़रीब आदिवासी समुदायों की जरूरतों को पूरा करने केलिए भाजपा सरकार के प्रयासों पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने उन लोगों की आलोचना की, जो आदिवासी समुदाय की उपेक्षा करते हुए सामाजिक न्याय का झूंठा दावा करते हैं। उन्होंने धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान की शुरूआत का जिक्र किया, जिसके तहत आदिवासी क्षेत्रोंमें लगभग 80000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, इससे छत्तीसगढ़ के लगभग 7000 आदिवासी गांव को लाभ मिल रहा है, विशेष रूपसे कमजोर आदिवासी समूहों के सामने आनेवाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इन समुदायों केलिए अपनी तरह की पहली पहल पीएम जनमन योजना की शुरूआत का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि योजना केतहत छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में 2000 से अधिक बस्तियों का विकास किया जा रहा है। उन्होंने देशभर में आदिवासी बस्तियों केलिए 5000 किलोमीटर सड़कों की मंजूरी का जिक्र किया, जिसमें से लगभग आधी 2500 किलोमीटर पीएम जनमन योजना केतहत छत्तीसगढ़ में बनाई जा रही हैं, इसके तहत कई लाभार्थियों को स्थायी घर मिले हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के तहत छत्तीसगढ़ में तेजीसे हो रहे बदलाव का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने सुकमा जिले के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणपत्र मिलने और दंतेवाड़ा में कईवर्ष केबाद स्वास्थ्य केंद्र को फिरसे खोलने जैसी उपलब्धियों से आए नए आत्मविश्वास पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि ये प्रयास नक्सल प्रभावित क्षेत्रोंमें स्थायी शांति के युग की शुरुआत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने दिसंबर-2024 में अपने मन की बात कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की जानकारी दी, जो छत्तीसगढ़ में सकारात्मक बदलावों के सबूत के रूपमें हजारों युवाओं की उत्साही भागीदारी को दर्शाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए राज्य में नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यांवयन की प्रशंसा की। उन्होंने देशभर में आधुनिक पीएमश्री स्कूलों की स्थापना की जानकारी दी, जिनमें छत्तीसगढ़ में लगभग 350 शामिल हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मॉडल के रूपमें काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में एकलव्य मॉडल स्कूलों के उत्कृष्ट कार्यों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रोंमें स्कूलों को फिरसे खोलने की सराहना की। उन्होंने राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र का भी उद्घाटन किया और कहाकि इससे शिक्षा गुणवत्ता बढ़ेगी और कक्षाओं में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को वास्तविक समय में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक और वादे को पूरा करने का जिक्र किया, जो हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को सक्षम बनाता है। नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दियाकि यह पहल गांवों, वंचितों और आदिवासी परिवारों के युवाओं केलिए भाषा की बाधाओं को दूर करेगी और उन्हें अपने सपनों को हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के संसाधनों, सपनों और संभावनाओं की प्रचुरता का जिक्र करते हुए राज्य की 50वीं वर्षगांठ तक देश के अग्रणी राज्यों में से एक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगीकि विकास का लाभ छत्तीसगढ़ के प्रत्येक परिवार तक पहुंचे। समारोह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और तोखन साहू, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह और बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़वासी उपस्थित थे।

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