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Wednesday 21 August 2013 03:28:05 AM
नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने महाराष्ट्र सरकार को सूचित किया है कि एमसीआई से मान्यता प्राप्त योग्यता और रजिस्ट्रेशन के बगैर कोई भी व्यक्ति एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं कर सकता। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में होम्योपैथी के डॉक्टरों को एलोपैथी की भी प्रैक्टिस करने की अनुमति देने के संबंध में एमसीआई की सलाह मांगी थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि राज्य सरकारें, उच्च न्यायालय के वर्ष 1998 के फैसले की पृष्ठभूमि में भारतीय चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों को एलोपैथी की भी प्रैक्टिस करने की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन कर सकती हैं। इस बीच, आयुष विभाग ने केंद्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति परिषद से अनुरोध किया है कि वह आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध पद्धतियों के डॉक्टरों को एलोपैथी की प्रैक्टिस करने के योग्य बनाने के लिए एक समूचित पाठ्यक्रम तैयार करें।
उन्होंने एक अलग सवाल पर बताया कि भारत सरकार ने 2004 में समन्वित रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) शुरू की थी, जिसका उद्देश्य महामारी का रूप लेने वाले रोगों का पता लगाना तथा उसका उपचार करना था। आईडीएसपी 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी लागू रहेगी। इसके तहत सभी राज्यों/जिलों में निगरानी इकाईयां स्थापित की गई हैं।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) वर्तमान संक्रमणकारी बीमारियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों में नेतृत्व प्रदान करता है और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण तथा मानव संसाधन विकास की दिशा में अप्लाइड रिसर्च में भी नेतृत्व करता है। बेहतर प्रयोगशालाएं तथा सुविधाएं वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों से निपटते हैं और नई चुनौतियों का सामना करते हैं।