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Wednesday 28 August 2013 08:36:02 AM
नई दिल्ली। यात्रियों को स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करने के प्रति अपनी वचनबद्धता का निर्वाह करते हुए भारतीय रेलवे ने विभिन्न रेलगाड़ियों के 1400 डिब्बों में 3800 जैव शौचालयों की व्यवस्था की है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में जैव शौचालयों की व्यवस्था के कार्य में तेजी से प्रगति हुई है। इस दौरान जितनी संख्या में डिब्बों में जैव शौचालाय चालू किए गए हैं, उतने पिछले तीन वर्ष में चालू किए गए थे। यह प्रयोग सबसे पहले जनवरी, 2011 में ग्वालियर-वाराणसी बुंदेलखंड एक्सप्रेस में किया गया था। इस्तेमालकर्ताओं से अच्छी फीडबैक मिलने के बाद यात्री डिब्बों में जैव शौचालयों के रख रखाव के काम में तेजी लाई गई।
जैव शौचालयों की विशेषता यह है कि वे पर्यावरण अनुकूल हैं और उनमें लागत कम आती है। इससे संबंधित सशक्त प्रौद्योगिकी का विकास भारतीय रेलवे और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ ने मिल कर किया है। यह व्यवस्था विश्वभर की रेलवे प्रणालियों में अपने तरह की पहली व्यवस्था है। जैव शौचालयों के डिजाइन में एक खास तरह का बैक्टिरिया इस्तेमाल किया जाता है, जिसे डीआरडीओ ने अंटार्कटिका से ध्यानपूर्वक एकत्र किया और विश्लेषण के बाद इस्तेमाल के उपयुक्त समझा गया। डीआरडीओ ने विषम जलवायु स्थितियों में इस प्रणाली की प्रभावकारिता पर परीक्षण के बाद इसे सफल घोषित किया है।