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Saturday 26 October 2013 09:49:49 AM
झांसी। हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री पद के प्रमुखतम दावेदार नरेंद्र भाई मोदी ने झांसी में भाजपा की विजय शंखनाद रैली में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को देश का एक बड़ा संकट बताते हुए बुंदेलखंड का आह्वान किया कि वह उन्हें केवल साठ महीने दे तो वह उसकी एवं देश की तकदीर बदल देंगे। उन्होंने बुंदेलखंड को वीरों की धरती बताते हुए कहा कि जबतक कांग्रेस के अहंकार, समाजवादी पार्टी के परिवार और बसपा के व्यक्तिवाद से उत्तर प्रदेश मुक्त नहीं होगा, तबतक उसका भाग्य नहीं बदल सकता, ये अपना ही पेट भरना चाहते हैं और बुंदेलखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार से जो पैकेज आया था उसे ये मिलकर खा गए, देश में लूट चली है, इसलिए बुंदेलखंड भारत को कांग्रेस, सपा और बसपा मुक्त बनाए। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ जैसे नारा दिया था कि 'मेरी झांसी नहीं दूंगी नहीं दूंगी' वैसे उनकी वीरता के इतिहास का उल्लेख करते हुए नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड से नारा लगवाया कि 'यह देश बेईमानों को, नहीं देंगे-नहीं देंगे।' उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक सामान्य और पिछड़े परिवार के रेल के डिब्बे में चाय बेचने वाले बच्चे को देश के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है और मै आपसे कहता हूं कि आप मुझे चौकीदार बनाईए, दिल्ली में चौकीदार की तरह बैठूंगा और हिंदुस्तान की तिजोरी पर कोई पंजा नहीं पड़ने दूंगा।
झांसी में नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए रैली स्थल जीआइसी मैदान पर रेकार्डतोड़ भीड़ नज़र आई। गैर भाजपाई दलों के नेताओं ने माना है कि नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए रैली में रैला पहुंचा और यह धारणा तस्दीक हुई कि देश में मानचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर में ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड भी देश में सत्ता परिवर्तन के लिए मोदी के साथ पूरे दम खम से खड़ा है। नरेंद्र मोदी ने भी अपने कहने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और कांग्रेस एवं उसके शहजादे राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश में सत्तासीन समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी की जमकर रील धोई। अपने नाट्कीय अंदाज और चुटकियों से भरे संवादनुमा कटाक्षों में कहा कि मै कांग्रेस के शहजादे की तरह यहां रोने और आंसु बहाने नहीं आया, बल्कि आंसु पोंछने का विश्वास दिलाने आया हूं। उन्होंने भ्रष्टाचार पर हमला करते हुए सवाल उछाला कि लोकसभा का चुनाव सामने है और दिल्ली अपने कार्यकाल का हिसाब कब देगी ? वह भ्रष्टाचार का जवाब दे ! महंगाई और बलात्कार पर जवाब दे ! चुनी हुई सरकार जनता की सेवक होती है ना ही वो जो अपने को बादशाह और शहजादा मानते हैं, जो जनता को जवाब देने को तैयार नहीं हैं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस को किसी की भी परवाह नहीं है, उसने देश में किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया है, लोगों को अपना गांव और घर छोड़ने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड का कोई नौजवान रोजी रोटी के लिए अपना घर छोड़कर गुजरात की झोपड़ी में जाना चाहता है, उसे घर गांव छोड़कर जाने के लिए इन्हीं तीनों ने मजबूर किया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वह ताकत है कि वह अकेले अपने दम पर पूरे देश की गरीबी मिटा सकता है, लेकिन कांग्रेस सपा और बसपा की तिकड़ी से बुंदेलखंड कराह रहा है। नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड से अपने को जोड़ते हुए कहा कि यहां का नौजवान गुजरात में पसीना बहा रहा है और उसके परिश्रम के कारण आज मेरा गुजरात सफल हुआ है, उसने यदि यह पसीना यहां बहाया होता तो बुंदेलखंड भी गुजरात की तरह कहीं का कहीं होता। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि मध्य प्रदेश के हिस्सेवाले बुंदेलखंड इलाके में तो खूब विकास हुआ है और उत्तर प्रदेश के हिस्सेवाला यह बुंदेलखंड पानी, रोज़गार और अपने विकास को ही तरस रहा है? नरेंद्र मोदी ने कहा कि दरअसल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी बुंदेलखंड के नाम पर लूट रहे हैं, शहजादा पैकेज लेकर आया था, जो न जाने कहां चला गया और कहां लगा। आज तो यहां के ग़रीब लोग राशन कार्ड को भी तरस रहे हैं, उत्तर प्रदेश के हिस्से की धरती प्यासी है और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड की 30 फीसदी धरती पर सिंचाई होती है, उन्होंने कहा कि यदि बुंदेलखंड ने हमें मौका दिया तो हम यहां की किस्मत बदल देंगे। नरेंद्र मोदी के इस भावनात्मक कथन से विजय शंखनाद रैली, मोदी और भाजपा लाओ के नारों से गूंज उठी। नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण का ज्यादा समय बुंदेलखंड को दिया। उन्होंने सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बुंदेलखंड के साहस वीरता और बलिदान को याद करते हुए कहा कि वीरों की इस धरती पर महारानी लक्ष्मीबाई लक्ष्मी के रूप में कमल पर विराजित थीं, रोटी और कमल यहां क्रांति के प्रतीक बने थे, जिससे बुंदेलखंड जाग उठा था, उन्होंने कहा कि हम बुंदेलखंड की लक्ष्मीबाई की धरती पर विकास का कमल लेकर आए हैं, विकास करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज उन्हें दादी-पापा याद आ रहे हैं और देश में जिस तरह से सिखों की हत्या की गई थी और अभी तक एक भी दोषी को सजा नहीं हुई, उसके लिए कौन जवाबदेह है? मुजफ्फरनगर में दंगे के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की सक्रियता के बयान को नरेंद्र मोदी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर अंगुली उठाते हुए कहा कि खुफिया जानकारी एक सांसद के राजनीतिक भाषण के लिए उपलब्ध कराई गई है, जिसने गोपनीयता की कोई शपथ नहीं ली। उन्होंने राहुल गांधी से आइएसआइ से रिश्ता रखे मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ित नौजवानों के नाम बताने या फिर उन पर झूंठा इल्जाम लगाने के लिए मुस्लिम समाज से माफी मांगने की बात कही। उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार के गुप्तचर राहुल गांधी से किसलिए अपनी जानकारी शेयर कर रहे हैं? और क्या कारण है कि आइएसआई केंद्र सरकार की नाक के नीचे मुजफ्फरनगर में पांव पसार रही है और मुसलमानों के संपर्क में है? उन्होंने कहा कि जो ग़रीबी का मज़ाक उड़ाते हों उनपर कैसे भरोसा किया जा सकता है? जैसे लोग अपने पूर्वजों की विरासत देखने जाते हैं, उसी तरह कांग्रेस के शहजादे गरीबी देखने जाते हैं। नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को श्रेय दिया।
नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की यादें भी ताजा हो गईं। उन्होंने अपने भाषण में स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की बुंदेलखंड में जन्मी हर हस्ती का नाम लेकर उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया, इनमें हाकी के जादूगर ध्यानचंद भी हैं। मुख्य मंच के पीछे रानी के महल की बड़ी तस्वीर लगाई गई थी। रैली की तैयारी के लिए भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित भाई शाह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी समेत कई पदाधिकारी झांसी में डेरा डाले रहे। भाजपा के महामंत्री स्वतंत्रदेव सिंह का यह दावा सही निकला कि बुंदेलखंड की रैली को लेकर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। वाकई में क्षेत्र के आठों जिलों की रेकार्डतोड़ भीड़ जुटी। रैली को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, उमा भारती, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कलराज मिश्र ने प्रमुख रूप से संबोधित किया। भाजपा नेता ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केशरीनाथ त्रिपाठी, रामेश्वर चौरसिया, सत्येंद्र नारायण कुशवाहा, रमापतिराम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही ने भी यहां उपस्थित थे। दूसरे मंच पर बुंदेलखंड की क्षेत्रीय समिति पदाधिकारियों के अलावा क्षेत्र में आने वाले चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और जालौन के जिलाध्यक्ष मौजूद थे। कुल मिलाकर रैली का अच्छा और सुनियोजित प्रबंध था। मीडिया, छात्रों, प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं के लिए भी अलग-अलग ब्लाक बनाए गए थे।