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Monday 9 December 2013 05:48:07 AM
नई दिल्ली। माइकोयान-गुरेविच मिग-21 एफएल भारतीय वायु सेना का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान रहा है, जिसे 11 दिसंबर 2013 को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। भारतीय वायु सेना के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान की कर्णभेदी आवाज़ अब नहीं सुनाई देगी और यह विमान सैन्य विमान के इतिहास में शामिल हो जाएगा। मिग-21 एफएल श्रेणी के चार लड़ाकू विमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन को रस्मी सलामी देने के बाद आधिकारिक रूप से सेना से कार्यमुक्त हो जाएंगे। इस दौरान मिग-27 एमएल और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान भी परेड में शामिल होंगे। भारतीय वायु सेना के इतिहास में मिग-21 एफएल लड़ाकू विमानों का व्यापक इस्तेमाल किया गया, ये विमान 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उपयोग किए गए।
सीमित संख्या में होने के बारक मिग-21 विमानों की 1965 के युद्ध में सीमित भूमिका रही, हालांकि 1971 के युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मिग-21 ने सिर्फ ट्विन बैरल गन से ही पाकिस्तान के पीएएफ एफ-104 स्टारफाइटर का काम तमाम कर दिया था। इस युद्ध में मिग-21 ने पाकिस्तान के चार एफ-104 विमान, दो एफ-6, एक एफ-86 सैब्र और लॉकहीड सी-130 हरकुलिस को मार गिराया। ढाका में गवर्नर हाउस पर भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमानों के सटीक हमले युद्ध में निर्णायक मोड़ साबित हुए और उसने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। मिग-21 ने कारगिल युद्ध में भी भूमिका निभाई, हाई एजिलिटी, तेजी से गति पकड़ने और फुर्ती से मुड़ने की अनोखी क्षमता के कारण बेजोड़ लचीलापन इन्हें कमांडरों की पहली पसंद बनाता था।