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Wednesday 11 December 2013 04:57:06 AM
कोलकाता। भारतीय वायु सेना ने पांच दशक पुराने लड़ाकू विमान मिग-21, टी-77 को पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा वायु सैनिक ठिकाने से अपने बेड़े से विदाई दे दी। इस अवसर पर तीन मिग-27 विमानों ने आकाश में त्रिशूल की आकृति बनाकर अपने इन अग्रज लड़ाकू विमानों को भावभीनी विदाई दी।
वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउने ने इस विदाई समारोह में शिरकत करते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना के इतिहास का यह बहुत ही भावुक क्षण है, जब पांच दशकों तक वायु सेना की सेवा करने वाले मिग-21 श्रेणी के इन लड़ाकू विमानों को विदाई दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मैंने और पांच दशकों से हमारे लड़ाकू पायलटों ने इन्हीं विमानों से बहुत कुछ हासिल किया। भारतीय वायु सेना के मौजूदा 80 फीसदी लड़ाकू पायलटों ने इन टी-77 लड़ाकू विमानों पर उड़ान भरी है और 90 प्रतिशत अपने फ्लाइंग करियर में मिग श्रेणी के किसी न किसी संस्करण को उड़ा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना को पिछले पांच दशकों से दी गई इन विमानों की सेवा से हम गौरवान्वित महसूस करते हैं और आज के बाद मिग-21, टी-77 लड़ाकू विमान इतिहास की एक कड़ी बन जाएंगे। भारतीय वायु सेना के बेड़े में छह मिग-21 विमानों के पहले जत्थे को मार्च-अप्रैल 1963 में शामिल किया गया था और बाद के वर्षों में ये विमान वायु सेना की रीढ़ की हड्डी बन गए थे। वर्ष 1980-90 के दशक तक मिग-21 लड़ाकू विमानों का भारतीय वायु सेना की समाघात क्षमता में 60 फीसदी योगदान था।