स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 30 December 2013 02:25:39 AM
नई दिल्ली। सर्विस टैक्स स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहन योजना (वीसीईएस) पंजीकृत तथा अपंजीकृत सेवा प्रदाताओं के लिए केवल 31 दिसंबर 2013 तक खुली है, इसके बाद 1 जनवरी से देशभर में सेवा कर चोरी के मामलों में कड़ी कार्रवाई शुरू हो जाएगी। वीसीईएस के बारे में वित्त सचिव ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि इसके संबंध में काफी अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं, विगत चार दिनों में उन्हें 16,000 से अधिक आवदेन पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें 1500 करोड़ रूपए का सेवा कर बकाया शामिल हैं, 29 दिसंबर 2013 तक 40,000 से ज्यादा ब्यौरे मिले हैं, जिनमें 5500 करोड़ रूपयों से अधिक की राशि शामिल है, करीब 55,000 करोड़ रूपयों की सेवाओं के बराबर यह राशि कर के दायरे से बच गई है। वित्त सचिव ने कहा है-'मैं सभी पंजीकृत तथा अपंजीकृत सेवा प्रदाताओं को याद दिलाना चाहता हूं कि यह योजना केवल 31 दिसंबर 2013 तक खुली है।'
वित्त सचिव ने स्पष्ट कहा है वित्त अधिनियम में अंतिम तिथि निर्धारित होने के कारण इस योजना का और विस्तार नहीं किया जाएगा, हम सभी घोषणादाताओं की सहायता के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं, हमारे कार्यालय शनिवार, अंतिम सप्ताहांत तथा रविवार के दिन भी खुले रहे हैं, प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर हमने निर्णय लिया है कि अपने ब्यौरे को दर्ज कराने आए लोगों की सुविधा के लिए आज यानि के 30 दिसंबर 2013 के दिन भी हमारे कार्यालय सामान्य काम के घंटों के बाद भी खुले रहेंगे। कल, 31 दिसंबर 2013 को घोषणाओं की स्वीकृति को सुगम बनाने के लिए हमारे कार्यालय आधी रात तक खुले रहेंगे।
केंद्रीय वित्त सचिव ने जानकारी दी है कि एक और विशेष उपाय के अंतर्गत सरकार ने 31 दिसंबर 2013 को निर्धारित शाखाओं में बैंकिंग घंटे बढ़ाकर शाम छह बजे कर दिया है। इसके अलावा सभी आयुक्तालयों को रसीद भुगतान नियमों के तहत घोषणा धारकों द्वारा दिए गए डिमांड ड्राफ्ट/ पेय ऑर्डर स्वीकार करने का सुझाव दिया गया है और आशा की जाती है कि इन सभी उपायों के चलते सेवा प्रदाता वीसीईएस का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने घोषणाधारकों को एक बार फिर याद दिलाया कि उन्हें 31 दिसंबर 2013 तक घोषित कर बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा, ऐसा न किए जाने पर वे इस योजना में भाग नहीं ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2014 से सेवा कर चोरी करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा गिरफ्तारी व सज़ा से संबद्ध वित्त अधिनियम के प्रावधानों को सही रूप में लागू किया जाएगा।