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भारत-कोरिया संबंधों से भारत उत्साहित

भारत-कोरिया में कई मामलों पर समझौता हस्‍ताक्षर

कोरिया एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था-राष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 18 January 2014 03:05:58 PM

republic of korea president park geun-hi and president pranab mukherjee

नई दिल्‍ली। कोरिया गणराज्‍य की राष्‍ट्रपति पार्क गेउन-हाई ने गुरूवार को राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्‍ट्रपति ने उनके सम्‍मान में भोज का भी आयोजन किया। इससे पहले कोरियाई राष्‍ट्रपति की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ आपसी सहयोग सहित कई मामलों पर वार्ता हुई और समझौतों पर हस्‍ताक्षर हुए। कोरिया गणराज्‍य की राष्‍ट्रपति गेउन-हाई का स्‍वागत करते हुए राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के पहले ही साल में उनका भारत आना भारत के लिए खुशी की बात है। भारत सरकार दोनों देशों के बीच संबंधों में आए बदलाव को लेकर उत्साहित है। राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भारत और कोरिया के बीच विचारों की समानता बढ़ी है, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का मूल सिद्धांत आर्थिक आदान-प्रदान है। भारत दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने को लेकर उत्साहित है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चाहेगा कि कोरिया भारत के भौतिक ढांचागत विकास में निवेश बढ़ाए।
कोरियाई राष्ट्रपति के सम्मान में भोज के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि राष्ट्रपति गेउन-हाई की राजकीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देश कूटनीतिक संबंधों का 40वां वर्ष मना रहे हैं। भारत, कोरिया को मौजूदा दौर में सर्वाधिक प्रगतिशील राष्ट्रों में देखना चाहेगा, कोरिया गणराज्य के उद्यमी लोगों ने सभी तरह की बाधाओं को पार किया है और युद्ध की बर्बादी के बाद भी प्रभावी आर्थिक संभावनाओं के साथ अपने देश को उभारा है। आज कोरिया गणराज्य एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। राष्ट्रपति ने कोरियाई लोगों को आर्थिक क्षेत्र में विकास के लिए शुभकामनाएं भी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि कोरिया की कई बड़ी कंपनियां भारत में लोकप्रिय बन चुकी हैं, इसी तरह भारत की भी कई कंपनियां और बैंक कोरिया गणराज्य में बेहतर नतीजों के साथ निवेश कर खुद को स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और अकादमिक विस्तार से खुश है, भारत परस्पर सद्भाव विकसित करने की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहा है।
कोरिया के राष्‍ट्रपति पार्क गेउन-हाई की भारत यात्रा पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोनों के बीच बातचीत पर मीडिया को एक बयान जारी कर बताया है कि उन्‍होंने आपसी हित से जुड़े मुद्दों, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्‍व के मुद्दों पर व्‍यापक विचार विमर्श किया है। दोनों में इस बारे में सहमति बनीं कि व्‍यापार व़ृद्धि को बनाए रखने और आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए भारत-कोरिया के बीच संबंधों को मजबूत बनाना जरूरी है। उन्‍होंने बताया कि दोहरे कराधान से बचने के वर्तमान समझौते की समीक्षा करने के बारे में बातचीत समाप्‍त हो चुकी है, अब हम भारत में कोरियाई औद्योगिक पार्क स्‍थापित करने की संभावनाओं का पता लगा रहे हैं, सहमति हुई है कि दोनों देशों के उद्योग और वाणिज्‍य से जुड़े व्‍यवसाईयों को मिलाकर एक सीईओ मंच बनाया जाये, जो हमारे बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत बनाने के बारे में नये विचार प्रदान करे। उन्‍होंने बताया कि पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने के बाद ओडिशा में विशाल पोस्‍को इस्‍पात परियोजना आने वाले सप्‍ताह में काम करने लगेगी, परियोजना के लिए खनन छूट देने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दोनों देशों के राष्‍ट्रीय सुरक्षा ढांचे के बीच वार्षिक बातचीत की व्‍यवस्‍था होगी, दोनों सरकारों के बीच साइबर मामलों पर भी बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी है। भारत और कोरिया गणराज्‍य वरिष्‍ठ रक्षा अधिकारियों के बीच हाल में विचार-विमर्श हुआ। दोनों ने रक्षा अनुसंधान संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा, व्‍यापार और संयुक्‍त उत्‍पादन की संभावना को मान्‍यता दी है। वर्गीकृत सैनिक सूचना के संरक्षण के बारे में एक समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किए गए, जिससे रक्षा कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों ने अनेक परियोजनाओं पर काम शुरू किया है, जिनके लिए 2010 में स्‍थापित 10 मिलियन अमरीकी डॉलर के संयुक्‍त कोष से वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त हुई। संयुक्‍त व्‍यावहारिक अनुसंधान के जिस सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर किए गए, उससे हमारे वैज्ञानिक मिलकर काम कर सकेंगे और साझा लाभ की प्रौद्योगिकी विकसित कर सकेंगे, हम अंतरिक्ष विज्ञान और टैक्‍नोलॉजी के शांतिपूर्ण इस्‍तेमाल के लिए सहयोग की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने भारत और कोरिया के लोगों के बीच पुराने समय से ही संपर्क का जिक्र करते हुए कहा कि हम आने वाले समय में नजदीकियों को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, सियोल और नई दिल्‍ली में स्‍थापित सांस्‍कृतिक केंद्रों ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाया है, कोरियाई पर्यटक बड़ी संख्‍या में भारत आ रहे हैं। उन्‍होंने कोरिया गणराज्‍य के नागरिकों के लिए ‘पहुंचने पर पर्यटन वीजा’ की सुविधा देने के भारत सरकार के फैसले की कोरियाई राष्‍ट्रपति पार्क गेउन-हाई को जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि हम नागर विमानन संपर्क को बेहतर बनाने की संभावना का भी पता लगा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति गेउन-हाई पार्क से क्षेत्रीय मुद्दों, खासतौर से कोरियाई प्रायद्वीप के विकास और पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलन में सहयोग की प्रक्रिया के बारे में बातचीत करने का भी अवसर मिला। कोरियाई राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा ने हमारी साझेदारी को नई गति प्रदान की है और विश्‍वास है कि यह बातचीत आने वाले वर्षों में रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी।

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