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राजपथ पर दिखी भारत की ताकत और प्रतिभाएं

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Monday 27 January 2014 12:34:00 AM

rajpath india's strengths

नई दिल्‍ली। भारत के 65वें गणतंत्र दिवस पर नई दिल्‍ली में कल ऐतिहासिक राजपथ पर भव्‍य परेड में भारत का सजीव मानचित्र दिखाई दिया। परेड में मुख्‍यरूप से भारत की सैन्‍य शक्‍ति देखने को मिली। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजपथ पर झंडारोहण और वीरगति को प्राप्‍त एक जवान के पिता को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान करने के साथ समारोह शुरू हुआ। परंपरागत रूप से इस बार इस मौके पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे मुख्‍य अतिथि के रूप में उपस्‍थित थे। अत्‍याधुनिक रक्षा साधनों और सैन्‍य क्षमता के अलावा देश की समृद्धि और बेजोड़ सांस्‍कृतिक विरासत तथा विविध क्षेत्रों में राष्‍ट्र की उपलब्धियां प्रदर्शित की गईं। परेड का मुख्‍य आकर्षण हलके लड़ाकू विमान तेजस थे, जिनका डिजाइन और विकास अपने ही देश में डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लिए किया है। तेजस चौथी श्रृंखला का सुपरसोनिक और उच्‍च करतब दिखाने वाला, मल्‍टी रोल, लघुतम और अपनी समसामयिक श्रेणी में सबसे हल्‍का लड़ाकू विमान है। भारत की हवाई रक्षा तैयारी के लिए इसे गेम चेंजर यानी पास पलटने वाला समझा जा रहा है।
मुख्‍य युद्धक टैंक (एमबीटी अर्जुन) एमके-2 भी परेड में प्रदर्शित किया गया, यह भी स्‍वदेश में डिजाइन और विकसित किया गया है। यह अपने तरह का पहला टैंक है। इसकी शानदार गतिशीलता को देखते हुए इसे डेजर्ट फेरारी की संज्ञा दी गयी है। भारतीय वायु सेना में हाल ही में शामिल किया गया ट्रांसपोर्ट एयर क्राफ्ट सी-130जे सुपर हर्कुलस भी आकर्षण का केंद्र रहा, जो विशेष अभियानों के लिए सर्वाधिक अनुकूल है। विशाल सी-7 ग्‍लोबमास्‍टर भी परेड में शामिल था, जो भारी सामान ले जाने वाला लंबी दूरी का विमान है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने 'अस्‍त्र' और 'हेलिना' मिसाइलें भी प्रदर्शित कीं। एक झांकी भी प्रस्‍तुत की गई, जिसमें मानव रहित प्रणाली 'दक्ष' को दिखाया गया। यह एक रिमोट संचालित वाहन है। इसके अलावा ऑटोनोमस अंडर वाटर व्‍हिकल, लघु यूएवी-'नेत्र', व्‍हील्‍ड निगरानी वाहन, खोजी वाहन मंत्र एस, मानव रहित एरियल व्‍हीकल 'निशांत' भी प्रदर्शित किए गए।
भारतीय सेना ने अपने वाहनों में टी-90 'भीष्‍म', आईसीवी बीएमपी-2 (सारथ), टीके-टी-72 फुल विड्थ माइन प्‍लो, पीएमएस ब्रिजिंग सिस्‍टम, ओएसए-एक हथियार प्रणाली, स्‍मेर्च-एल्‍टी-लांचर रॉकेट प्रणाली, ब्रह्मोस हथियार प्रणाली और ट्रांसपोर्टेबल सेटलाइट टर्मिनल्‍स (टीएसटी) प्रदर्शित किए। सेना के मैकेनाइज्‍ड दस्‍ते ने अत्‍याधुनिक हल्‍के हेलीकाप्‍टर 'ध्रुव' का फ्लाइ पास्‍ट किया। भारतीय वायु सेना की झांकी का विषय था-'भारतीय वायु सेना का कायापलट' इसमें वायु सेना की पूर्ण स्‍पैक्‍ट्रम क्षमता दर्शाई गई और पिछले 8 दशकों में भारतीय वायु सेना में हुए बहुपक्षीय परिवर्तनों की झलक दिखाई गई। भारतीय नौ सेना की झांकी में एक पनडुब्‍बी का मॉडल दिखाया गया। पनडुब्‍बी को नौ सेना की क्षमता में सर्वाधिक सक्षम और घातक सैन्‍य साधन समझा जाता है। पिछले वर्षों में पनडुब्‍बी प्रचालन के क्षेत्र का विस्‍तार हुआ है और भारतीय नौ सेना में आज परमाणु संचालित पनडुब्बियां शामिल की जा चुकी हैं। एनसीसी कैडेट्स और स्‍कूलों ने भी परेड में हिस्‍सा लिया।
परेड का समारोह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्‍योति से प्रारंभ हुआ, जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शहीदों को पुष्‍पांजलि अर्पित की। सशस्‍त्र सेनाओं के जवानों के साहस के प्रतीक के रूप में अमर जवान ज्‍योति हमेशा जलती रहती है, जो मातृ भूमि की सेवा में अपना सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले रक्षा कार्मिकों के अदम्‍य साहस का प्रतीक है। परेड का नेतृत्‍व दिल्‍ली एरिया के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टीनेंट जनरल सुब्रतो मित्र ने किया। दिल्‍ली एरिया के चीफ ऑफ स्‍टाफ मेजर जनरल राजबीर सिंह परेड के सेकेंड इन कमांड थे। परेड में 18 राज्‍यों और केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की झांकियां भी प्रस्‍तुत की गईं, जिनमें देश की विविध ऐतिहासिक, वास्‍तु शिल्‍पीय और सांस्‍कृतिक विरासत दर्शाई गई। इन झांकियों में विभिन्‍न क्षेत्रों में हुई देश की प्रगति को दिखाया गया। राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार-2013 के लिए चुने गए 25 बच्‍चों में से 20 बच्‍चे भी परेड में शामिल थे। सीमा सुरक्षा बल के जांबाज मोटर साइकिल सवारों ने भी हर बार की तरह अपना करतब दिखाया। तीस मोटर साइकिलों पर 162 सवार शामिल दिखाए गए। 

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