स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 28 February 2014 03:08:10 PM
नई दिल्ली। आईएएस अफसर अपनी वार्षिक अप्रेजल रिपोर्ट यानी कार्य संपादन मूल्यांकन रिपोर्ट (पीएआर) अब ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। सरकार ने वर्तमान मूल्यांकन वर्ष 2013-14 से आईएएस अफसरों की अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन फाइल करने की व्यवस्था शुरू कर दी है। इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र में तैयार एक विशेष सॉफ्टवेयर कल केंद्रीय कार्मिक, लोक-शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने जारी किया। यह प्रणाली राज्यों के अलावा केंद्रीय मंत्रालयोंमें काम कर रहे अफसरों के लिए मार्च 2014 के आखिरी सप्ताह से काम करना शुरू कर देगी। कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट को ऑनलाइन जमा करने से न केवल ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाने ले जाने में रिपोर्ट के खो जाने की घटनाएं भी कम होंगी और वरिष्ठ अधिकारियों की अपने कनिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट तक आसान पहुंच और बेहतर निगरानी भी सुनिश्चित हो सकेगी।
साफ्टवेयर को तैयार करने का फैसला सभी राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की सभी केंद्रीय मंत्रालयों के प्रमुख सचिवों, सचिवों, सामान्य प्रशासन विभाग, कार्मिक विभागों और संयुक्त सचिव (प्रशासन) के बीच हुइ कई दौर की बैठकों के बाद लिया गया। सॉफ्टवेयर की कुछ खास विशेषताएं हैं-यह सॉफ्टवेयर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध एक्सिक्युटिव रिपोर्ट से जुड़ा होगा, जिसमें अफसर का नाम, संबंधित राज्य और उसकी वर्तमान तैनाती आदि से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध होगी। इस तरह ऑनलाइन उपलब्ध किसी भी अफसर के फार्म पर वर्तमान जानकारी एक्सिक्युटिव रिकार्ड शीट पर पहले से ही उपलब्ध होगी। केवल रिपोर्टिंग, समीक्षा और अधिकारी को स्वीकार करने जैसा विवरण प्रत्येक अफसर के वर्क फ्लो के आधार पर राज्यों में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) और केंद्र में संयुक्त सचिव (प्रशासन) द्वारा भरा जाएगा।
सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था पहले से ही मौजूद होगी कि जिन संबंधित अफसरों के पास यह रिपोर्ट ज्यादा समय तक लंबित पड़ी है,उन्हें यह खुद-ब-खुद चेतावनी सूचना दे-दे। इससे कार्य संपादन मूल्यांकन रिपोर्ट लिखने की बेहतर निगरानी हो सकेगी। हर अफसर के लिए यह अनिवार्य होगा कि रिपोर्ट को उपयुक्त अधिकारी के पास भेजने से पहले वह इस पर अपने डिजीटल हस्ताक्षर करे। सॉफ्टवेयर में मेडिकल रिपोर्टों, प्रशिक्षण प्रमाणपत्रों, अकादमिक पाठ्यक्रमों और प्रशस्ति-पत्रों आदि को रिपोर्ट के साथ अपलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। सॉफ्टवेयर में सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति सॉफ्टवेयर पर मौजूद डाटा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। ई-फाइलिंग के लिए, प्रत्येक अधिकारी प्राधिकारी को डिजीटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) जारी किया जाना अनिवार्य होगा, जो सत्यापन के लिए भौतिक अथवा कागजी प्रमाणपत्र के समान इसका डिजीटल रूप है। पीएआर की ऑनलाइन के लिए डीएससी एक पूर्व अनिवार्य आवश्यकता है, राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों में तैनात अधिकारियों को डीएससी डोंगल जारी कर दिए गए हैं।
राज्य के जीएडी, केंद्र के प्रशासनिक प्रभागों को इस सॉफ्टवेयर के संचालन के और कार्य करने की पद्धति से परिचित कराने के लिए एनआईसी की प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों विभागों को सहायक संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे-“ईपीएआर” तथा डीएससी स्थापना संबंधी यूजर मैनुअल, शंका समाधान मार्ग निर्देशिका, ऑनलाइन पारस्परिक पठन-पाठन सामग्री, सॉफ्टवेयर से संबंधित फीडबैक, शंका समाधान के लिए सहायता पोर्टल। कार्यक्रम में कार्मिक सचिव सहित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के स्थापना अधिकारियों तथा अतिरिक्त सचिव, महानिदेशक (एनआईसी) तथा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।