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Saturday 1 March 2014 11:37:58 PM
रोहतक। हरियाणा में रोहतक के बोहर माजरा गांव में प्रतिहार-काल की सिक्के ढालने वाली एक टकसाल मिली है। प्राप्त अवशेषों से पता लगता है कि यह टकसाल सन् 836 और 885 ईसवी में कन्नोज पर शासन करने वाले प्रतिहार वंश के शक्तिशाली राजा मिहिर भोज के काल की है। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के रिटायर्ड शिक्षक प्रोफेसर मनमोहन कुमार की सूचना पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के एडीजी डॉ मणि ने बोहर माजरा गांव का दौरा किया। बताए गए स्थान पर बने टीले के नीचे खुदाई करवाई गई तो उस स्थान से सिक्के ढालने के मिट्टी के बर्तनों के 31 अवशेष मिले।
खोज के बाद एएसआई के एडीजी डॉ बीआर मणि और उनके सहायक अधिकारी वीसी शर्मा और एएसआई के चंडीगढ़ सर्किल के स्टाफ ने मिलकर इस स्थान की और खुदाई तथा देखरेख का काम शुरू कर दिया है। यह टकसाल उस छोटे से गांव के 100 मीटर एरिया के क्षेत्र में फैली है। देश में प्रतिहार-काल से जुड़ी यह कोई पहली खोज है।