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Monday 21 January 2013 09:01:58 AM
नई दिल्ली। सोने और प्लेटिनम पर आयात शुल्क बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने लोगों से स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और स्वर्ण जमा योजना के बीच संपर्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य म्युचुअल फंडों द्वारा स्वर्ण ईटीएफ के तहत रखे गये सोने के एक हिस्से को नियंत्रण मुक्त कराना या जारी कराना है। इसका लाभ यह होगा कि स्टॉक के रूप में पड़ा सोना प्रचलन में लाया जा सकेगा और इससे रत्न और आभूषण उद्योग की आवश्यकताएं आंशिक रूप से पूरी की जा सकेंगी। आशा व्यक्त की गई है कि इसके बाद देश में आयात किए जाने वाले सोने की मात्रा में कमी आएगी। भारत सरकार के वित्त विभाग में सचिव अरविंद मायाराम ने नई दिल्ली में इसकी घोषणा की।
स्वर्ण ईटीएफ के अलावा स्वर्ण जमा योजना में भी बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें लोगों के लिए गैर उपयोगी सोने को स्वर्ण जमा योजना के तहत बैंकों में जमा कराना आकर्षक बनाया जाएगा। जमा की जाने वाली सोने की न्यूनतम मात्रा में और कमी लाकर जमा करने की न्यूनतम अवधि छह महीने की जाएगी, अभी यह तीन साल के लिए निर्धारित है। बैंकों को स्वर्ण जमा योजना में परिवर्तन के बारे में अधिसूचना जारी करने की सलाह दी गई है। स्वर्ण ईटीएफ और स्वर्ण जमा योजना में संपर्क बनाने के अतिरिक्त सरकार ने सोने और प्लेटिनम पर आयात शुल्क तत्काल प्रभाव से 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
सरकार ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड-सेबी तथा भारतीय रिज़र्व बैंक-आरबीआई से इस बारे में परामर्श किया है। स्वर्ण जमा योजना के बारे में अधिसूचना वित्त मंत्रालय संशोधित करेगा। रिज़र्व बैंक इन परिवर्तनों के बारे में अपने दिशा-निर्देशों को संशोधित करेगा। सेबी बैंकों को स्वर्ण जमा योजना के बारे में एक परिपत्र जारी करेगा। सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि वे सोने की मांग में कमी लाएं। वर्ष 2011-12 में सोने का आयात 56.5 अरब डॉलर का था, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसंबर 2012 तक सोने के आयात का अनुमान 38 अरब डॉलर का है।