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Sunday 18 January 2015 06:04:07 AM
भोपाल। रंग-बिरंगी पतंगों से सजा खिला-खिला आकाश, उत्तरायण में खिलते नारंगी सूर्य देवता, तिल-गुड़ की मीठी-भीनी महक और दान-पुण्य करने की उदार धर्मपरायणता। भारत के इस अनूठे और उमंग भरे पर्व मकर संक्रांति को असनानी ग्रुप ने हर्षोल्लास के साथ स्प्रिंग वैली ड्यू की साइट पर मनाया गया। मकर संक्रांति के उल्लास पर असनानी ग्रुप के निदेशक जैसूराज नांबियार ने कहा कि ये पतंगे उन्नति, उमंग और उल्लास का लहराता प्रतीक हैं, जो बच्चों की किलकती-चहकती खुशियों का सबब है। ये पतंगे जिंदगी की भाग-दौड़ में आसमान को छू लेने का रंगों भरा हौसला देती हैं।
जैसूराज नांबियार कहते हैं-मन का मौसम से बड़ा गहरा रिश्ता है, यही कारण है कि जब मौसम करवट लेता है तो मन में तरंगे उठना बड़ा स्वाभाविक है। इन तरंगों की उड़ान को आसमान में ऊंची उठती पतंगों के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने व्यक्त किया। इस दौरान लोगों को तिल-गुड़ से बनी मिठाईयां बांटी गईं। गुड़ की तरह रिश्ते मधुर बनें सभी चाहते हैं, लेकिन अकेला गुड़ ज्यादा नहीं खाया जा सकता, तिल के साथ उसका कुशल संयोजन बैठाया गया है। रिश्तों में भी इसी समायोजन की जरूरत का महत्व यहां लोगों को बताया गया। इस अवसर पर ग्रुप का स्टॉफ, रहवासी और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे।