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Wednesday 28 January 2015 05:37:20 AM
कैथल। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया और अपनी सरकार के भावी विकास कार्यक्रमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समुचित पेयजल उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दे रही है और वर्ष 2017 तक ग्रामीण क्षेत्रों के 50 प्रतिशत परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में राज्य के सभी 77 कस्बों में 135 लीटर परकैपिटा डे (एलपीसीडी) की जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जबकि इस समय 41 कस्बों में 135 एलपीसीडी की जलापूर्ति की जा रही है। राज्य के प्रत्येक कस्बे में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने के साथ-साथ सीवरेज पाइन लाइन बिछाने की योजना है। उन्होंने कैथल में गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों का अभिनंदन करने के साथ-साथ देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर जवानों को भी इस महान दिवस की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की सम्पर्क सड़कों, जिला सड़कों को सुदृढ़ और चौड़ा करने की योजना है, जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली सभी प्रमुख सड़कों को चार लेन या दस मीटर चौड़ा किया जाएगा। पश्चिमी यमुना कैनाल के साथ-साथ प्रस्तावित 200 किलोमीटर लंबे बवाना-सोनीपत-पानीपत-उचाना-इंद्री-यमुनानगर एक्सप्रेस वे के लिए सर्वेक्षण होगा। यमुनानगर से पंचकूला तक राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 73 को फोरलेन बनाने की परियोजना पर कार्य शुरू होने जा रहा है, इसके लिए निविदाएं मांगी गई हैं। प्रदेश के छ: टोल टैक्स बैरियर बंद कर दिए गये हैं। फरीदाबाद से बल्लभगढ़ तक और फरीदाबाद से गुड़गांव के बीच मैट्रो लिंक के विस्तार की योजना भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राथमिक स्तर की शिक्षा से लेकर उच्च स्तर की शिक्षा तक गुणात्मक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षण संस्थानों में ई-पुस्तकालय भी स्थापित किए जाएंगे। राज्य के विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय शिक्षा केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चरित्र निर्माण तथा मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना हमारा लक्ष्य है, वर्ष 2016 तक कोई बच्चा स्कूलों में जमीन पर बैठकर नहीं पढ़ेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी विद्यालयों, विशेषकर लड़कियों के विद्यालयों में शौचालय बनाए जाएंगे।
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकारी नौकरियां योग्यता के आधार पर मिलेंगी, भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होगी, इसके लिए नियमों में संशोधन करने के निर्देश दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू के अंक 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगे। लिखित परीक्षा के आधार पर या शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर मैरिट बनाकर भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक स्वीकृतियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली अपनाई जाएगी। छोटे स्तर के उद्योगों और हस्तशिल्प क्षेत्रों का भी पुनरोद्धार किया जाएगा। पर्यटन विकास के लिए नई अवधारणा पर काम किया जा रहा हैं। तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों, ऐतिहासिक स्थलों और प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की हमारी योजनाएं हैं। यमुनानगर के कपाल मोचन में आदिबद्री घाट का निर्माण किया जाएगा। कुरुक्षेत्र में महाभारत पर एक होलोग्रोफीक-3डी परियोजना स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। सर्किट टूरिज्म के अंतर्गत करनाल के कर्णताल को और कुरुक्षेत्र के आसपास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पर्यटन क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के आर्थिक विकास के साथ-साथ समृद्ध संस्कृति को संजोने का भी काम करेंगे। सरस्वती नदी का उद्गम स्थल यमुनानगर के आदिबद्री में माना जाता है। इस पवित्र नदी पर शोध के लिए प्रदेश में सरस्वती हैरीटेज विकास बोर्ड गठित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को आगे बढ़ाने का एक ही रास्ता है और वह है-सुशासन। उन्होंने कहा कि अब लोगों को तहसीलों, पटवारियों या मुंशियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, कोई भी व्यक्ति अपने दस्तावेज लेकर ई-दिशा केंद्रों में जाए, दस्तावेजों की जांच के बाद यदि दस्तावेज पूरे हैं तो उसे एक टोकन देकर रजिस्ट्री करवाने की तिथि बता दी जाएगी और निर्धारित तिथि पर रजिस्ट्री हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश को आजाद हुए लगभग सात दशक होने जा रहे हैं, लेकिन हम आज भी अपनी माताओं, बहनों और बेटियों को सुरक्षित माहौल नहीं दे पाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, बेटा-बेटी में भेदभाव जैसी बुराइयां व्याप्त हैं, बच्चे कुपोषित पैदा हो रहे हैं, इस समस्या को एक चुनौती के रूप में लिया गया है, हम जनसहयोग से प्रदेश से कन्या भ्रूण हत्या का कलंक मिटाकर रहेंगे, लड़कियों को शिक्षित एवं स्वावलंबी बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पहले लाडली स्कीम के अंतर्गत दूसरी बेटी के जन्म पर आर्थिक सहायता दी जाती थी, अब हम पहली बेटी के जन्म पर ही 21,000 रुपये जमा करवाएंगे और लड़की की आयु 18 वर्ष होने के बाद यह राशि बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी, यह राशि गरीबों और अनुसूचित जातियों के परिवारों में जन्मी सभी बेटियों को दी जाएगी, इसके लिए हरियाणा कन्या कोष स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में महिला साक्षरता दर 65.94 प्रतिशत है, जोकि हमारे लिए चिंता का विषय है, महिला साक्षरता दर को बढ़ाने के हर संभव प्रयास करेंगे, इसके लिए हम लड़कियों को योग्यता के आधार पर छात्रवृत्तियां देंगे, प्रदेश में बच्चों और माताओं के पोषण स्तर में भी सुधार लाएंगे, इसके लिए राज्य स्वास्थ्य मिशन की तर्ज पर राज्य पोषण मिशन बनाएंगे, प्रदेश में मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल में गुणात्मक सुधार करेंगे। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों, गैर-सरकारी संगठनों एवं समाजसेवी संस्थाओं से अनुरोध करते हुए कहा कि वे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि हरियाणा को स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए हरियाणा शारीरिक गतिविधि एवं खेल नीति 2015 बनाई गई है, इसमें सभी के लिए खेल, खेलों में आगे बढ़ना तथा सभी की तंदुरूस्ती पर बल दिया गया है। अवार्ड राशि भी बढ़ाई गई है। नए अवार्ड शुरू किए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर बल दिया गया है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक आधुनिक खेल स्टेडियम विकसित किए जाएंगे। नई खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी। खेलों में महिलाओं की रुचि बढ़ाने के लिए ग्रामीण महिला खेलकूद प्रतियोगिताओं का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला खिलाड़ियों के लिए महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से एक विशेष पुरस्कार शुरू किया गया है। इसमें दो लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी। व्यायामशाला नामक एक नया कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। स्कूलों में योग को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से गरीब से गरीब व्यक्ति की बैंक तक पहुंच हुई है। उन्होंने खुशी जाहिर की कि हरियाणा ने जन-धन योजना के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम देश और दुनिया के सामने रखा है, इस कार्यक्रम से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा, इससे भारत दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित होगा, युवाओं के लिए रोज़गार के नये-नये द्वार खुलेंगे और देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, स्किल्ड इंडिया कार्यक्रम से युवा हुनरमंद होंगे, स्वावलंबी होंगे और इससे उद्योगों के लिए कुशल कामगार मिलेंगे।