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गोवा में हत्या लूट बलात्कार, विदेशी पर्यटक शिकार

राजन देवड़ा

गोवा-goa

पणजी। भारत के सबसे खूबसूरत समुद्र तटीय पर्यटन शहर गोवा में विदेशी पर्यटकों के साथ आए दिन हत्या, बलात्कार,दुर्व्यवहार, धोखाधड़ी और मादक पदार्थों की खुले आम बिक्री की घटनाएं खूबसूरत गोवा के लिए कलंक बन गई है। पर्यटकों की रहस्यमय मौत और बलात्कार जैसी वारदातों ने सबको चिंता में डाल रखा है। ऐसा लग रहा है, जैसे संगठित अपराधी खासतौर से विदेशी पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। गोवा पुलिस चश्मदीदियों की तरह तमाशा देख रही है। सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। भारत में कश्मीर, शिमला, दून घाटी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों की तरह एक समय गोवा सैलानियों का स्वर्ग कहलाता था। कश्मीर तो आतंकवादियों ने तबाह कर दिया और गोवा को संगठित अपराध की नज़र लग गई है। फिलहाल गोवा जाने का माहौल दिखाई नहीं देता।
गोवा में हर साल दुनिया भर से लगभग पांच-छह लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। युवाओं के समूह और अपना परिवार लेकर यहां आने वालों में कितने ऐसे हैं, जो आए तो थे अपनी खुशियां मनाने लेकिन अपने घर नहीं लौट सके। लौटे भी तो बरबाद होकर और यहां कभी भी नहीं आने की कसम खाकर। कितने तो ऐसे हैं जिनके लिए गोवा मौत का शहर बन गया। यहां बलात्कार और डूब कर मरने की घटनाएं रोज हो रही हैं। पिछले तीन महीनों में बलात्कार और हत्या की ताबड़तोड़ वारदातों के कारण खासतौर से विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा की बहुत बड़ी समस्या पैदा हो गई है। पेशेवर अपराधी श्रंखलाबद्घ तरीके से अपराधों को अंजाम देते आ रहे हैं। इनके शरणदाताओं में स्थानीय लोग भी शामिल हैं। गोवा में टूरिस्ट एजेंसियों की भरमार है जो विदेशी पर्यटकों को गोवा के लिए बड़े-बड़े पैकेज में फंसाती हैं और उनको यहां बुलाकर उन्हें वह सुविधाएं नहीं देती हैं जिनका उन्होंने वादा किया था। कई एजेंसियां ऐसी हैं जो केवल टेलीफोन और गुमटियों में चलती हैं। इनका सरकार के पास कोई रिकार्ड नहीं है और न ही गोवा सरकार उनसे लाइसेंस मांगती है।
छुट्टियां मनाने के लिए गोवा आने वालों को इन घटनाओं ने हिलाकर रख दिया है, तब भी गोवा सरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए हैं। यह लिखने में कोई संकोच नहीं है कि आज गोवा में पर्यटकों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रही है। पर्यटकों के खिलाफ गंभीर अपराध बदस्तूर जारी हैं। पिछले दो वर्षों में गोवा में डेढ़ सौ से अधिक पर्यटकों की मौत हो चुकी है। गोवा पुलिस की विदेशी शाखा के आंकड़ों के अनुसार 2006 में 55, 2007 में 59 तथा 2008 में अब तक 12 विदेशी पर्यटकों की मौत हो चुकी है। यह केवल सरकारी आंकड़े हैं। ऐसे मामले बहुत हैं जो या तो पुलिस की मिली भगत से दबा दिए गए या अपराध के शिकार पर्यटक उनको दर्ज कराए बिना ही अपने वतन लौट गए।
ब्रिटिश किशोरी स्कारलेट मामले की गुत्थी अभी तक सुलझी भी नहीं थी कि गोवा के कैवलासिम समुद्र तट पर जर्मन युवती बलात्कार की शिकार होते-होते बच गई। पुलिस कह रही है कि उसे अज्ञात लोग दक्षिणी गोवा के निर्जन स्थान पर ले गए थे। इस युवती के अनुसार जब वह नहा रही थी तभी उसे खींचने की कोशिश की गई लेकिन वह बचकर भाग आई। गोवा पुलिस का दावा कर रही है कि वह अपराधी को पकड़ लेगी लेकिन पुलिस का ऐसी घटनाओं के बाद हमेशा यही बयान आता है मगर होता कुछ नहीं है। दो साल पहले एक आस्ट्रेलिया की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और उसे गायब करने की घटना भी सामने आई थी लेकिन पता नहीं चला कि उसमें बाद में क्या हुआ। कुछ समय बाद गोवा पुलिस ने ऐसी किसी घटना से ही इनकार कर दिया। गोवा में समुद्र तट पर विदेशी सैलानियों के आगे पीछे कुछ ऐसे तत्व भी टहलते हैं जो स्थानीय टूरिस्ट एजेंसियों के लिए दलाली करते हैं और विदेशी पर्यटकों को फंसाकर उनसे धन ऐंठते हैं। इस तरह से गोवा अपराधियों की धरती बनता जा रहा है जहां देशी और विदेशी पर्यटकों का घूमना-टहलना नरक बन गया है।
गोवा सरकार अपने यहां शानदार पर्यटन के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन वह यह नहीं देख रही है कि जब पर्यटकों के साथ वारदात होंगी तो उसका पर्यटन तबाह होने से कैसे बच पाएगा? क्योंकि पर्यटक ऐसे पर्यटन स्थलों पर खुद या अपने परिवार को तनावमुक्त होकर छुट्टियां मनाने जाते हैं लेकिन अब यह पर्यटन स्थल भी उन्हें सुख-शांति और सुरक्षा देने में लाचार हो रहे हैं। गोवा विदेशी पर्यटकों का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल माना जाता रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी तो गोवा में खूब सैर किया करते थे लेकिन आज गोवा उन जैसे सभी विदेशी पर्यटकों के लिए असुरक्षित बनता जा रहा है। गोवा में आतंकवाद जैसी कोई समस्या नहीं है। देश का यह शांत राज्य है और उसने काफी प्रगति की है। यहां पर पर्यटकों को स्वच्छंद रूप से अपने जीवन का आनंद लेने की आजादी है मगर जब से पर्यटकों की इस आजादी में खलल पड़ा है तब से पर्यटकों में डर बैठा हुआ है। यह खबरें जब सात समुंदर पार पहुंचेंगी तो गोवा के पर्यटन का कितना बुरा हाल होगा इसकी कल्पना की जा सकती है।

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