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Friday 6 March 2015 11:19:22 AM
पर्थ/ नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज विश्वकप में अपनी टीम के एक बार फिर संकटमोचक साबित हुए तो भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी की गेंद का भी होली जैसा धमाल देखने को मिला। भारत के तमाम क्रिकेट खिलाड़ियों में क्रिकेट टीम के संकटमोचक का खिताब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अलावा और किसी के पास नहीं है। इतिहास है कि महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसे ही अनेक प्रतिष्ठाजनक मैचों में भारत को विजय दिलाई है। विश्वकप के भारत-वेस्टइंडीज के इस मुकाबले में भारत की विजय का श्रेय भारतीय गेंदबाजों के ही बराबर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी जाता है और यदि वह अपनी स्वाभाविक बल्लेबाजी नहीं दिखाते तो भारत के विजय अभियान को वेस्टइंडीज रोके दे रहा था। आज का मैच वाकई देखने वाला था। भारत में आज होली है और भारत की वेस्टइंडीज पर विजय के साथ भारत की होली का मज़ा दुगना हो गया। भारत में इस जीत पर जोरशोर से जश्न का माहौल है। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होली पर इस जीत के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
आईसीसी क्रिकेट विश्वकप में विजय अभियान जारी रखते हुए भारत ने रोमांचक मुकाबले में वेस्टइंडीज को चार विकेट से हरा दिया। बल्लेबाजों के लिए पर्थ की खतरनाक उछालदार पिच पर भारत की आक्रामक और सटीक गेंदबाज़ी के सामने वेस्टइंडीज की टीम 182 रन पर ही आउट हो गई। भारतीय गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने तीन, उमेश यादव और रविंद्र जडेजा ने दो-दो एवं मोहित शर्मा व रविचंद्रन अश्विन ने एक-एक विकेट लिया। पूल बी के इस मैच में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ के रनों का पीछा करते हुए 39.1 ओवर में ही 6 विकेट खोकर विजय के चौके के साथ यह जीत हासिल कर ली। भारतीय गेंदबाज़ मोहम्मद शमी मैन ऑफ द मैच घोषित हुए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी चिरपरिचित फार्म में वापिस आते हुए जीत के नाबाद 45 रन बनाए। गेंदबाज अश्विन ने 16 रन पर नाबाद रहकर जीत में धोनी का साथ दिया।
वेस्टइंडीज के कप्तान जैसन होल्डर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। वेस्टइंडीज को भरोसा था कि उसके आधार स्तंभ बल्लेबाज क्रिस गेल पर्थ में कमाल दिखाएंगे, लेकिन जैसे भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनके इरादों का पता था और उसने मैच शुरू होते ही ड्वेन स्मिथ और क्रिस गेल का विकेट लेकर वेस्टइंडीज का जीत का सपना चकनाचूर कर दिया। क्रिस गेल के जाते ही भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज़ पर दबदबा कायम कर दिया। वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी धराशाई होती गई और पूरी टीम 44.2 ओवर में सिमट गई। भारत की गेंदबाजी के सामने वेस्टइंडीज के कप्तान जैसन होल्डर ही सबसे ज्यादा रन बना सके। वेस्टइंडीज टीम के बाकी बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजों ने पिच पर टिककर खेलने का मौका ही नहीं दिया। मोहम्मद शमी ने इस मैच में आठ ओवर में 35 रन देकर तीन सर्वाधिक महत्चपूर्ण विकेट लिए। भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज को एक समय तो आठ विकेट पर 124 रन पर ही रोक दिया था, किंतु कप्तान जैसन होल्डर ने किसी तरह इस स्कोर को 182 के स्कोर तक पहुंचाया, जिसने जेरोम टेलर के साथ नौवें विकेट के लिए 51 रन जोड़े।
पर्थ की पिच पर वेस्टइंडीज का महान बल्लेबाज क्रिस गेल भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी के सामने बहुत बेबस नज़र आया। क्रिस गेल को खड़े-खड़े शॉट मारने में बड़ी दिक्कत हुई। उसने दो कैच भी उछाले, जिनपर उसे दोनों बार जीवनदान मिला। आखिर मोहम्मद शमी की एक शॉर्ट लेंथ गेंद को क्रिस गेल ने पुल करना चाहा, लेकिन बल्ले का किनारा छूते हुए गेंद हवा में लहरा गई और मोहित शर्मा ने डीप स्क्वॉयर लेग में उसे पकड़ लिया। क्रिस गेल और मोहम्मद शमी के बीच थोड़ी देर को बड़ा अच्छा मुकाबला देखने को मिला, किंतु वेस्टइंडीज के खिलाफ भी भारत की बल्लेबाजी की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भारत के शीर्षक्रम के बल्लेबाज तेज और उछाल पिच से सामंजस्य बिठाने में विफल रहे। फर्ज कीजिए कि यदि वेस्टइंडीज का स्कोर दो सौ के पार हो गया होता तो भारत के लिए यह मैच जीतना बेहद असंभव हो जाता। वेस्टइंडीज ने भी आधी भारतीय टीम 107 के स्कोर पर पवेलियन भेज दी थी और ज्यादातर लोगों को लगने लगा था कि यह मैच भारत के हाथ से निकल गया है, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आए और भारत के संकटमोचक बनकर उन्होंने एक छोर संभाल लिया। महेंद्र सिंह धोनी ने 56 गेंद पर 45 रन बनाए और हाथ से निकलते मैच को भारत की विजय में बदल दिया। भारत ने 39.1 ओवर में छह विकेट पर 185 रन बनाए।
भारतीय टीम आईसीसी क्रिकेट विश्वकप के ग्रुप बी से क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। भारत के चार मैच में आठ अंक हो गए हैं और अब उसके सामने आयरलैंड और जिम्बाब्वे जैसी टीमें हैं, जबकि वेस्टइंडीज को अंतिम आठ में पहुंचने के लिए पहले उसे यूएई से उसके अंतिम लीग मैच में उसपर बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी। वेस्टइंडीज के लिए इस मैच का सकारात्मक पक्ष यही है कि उसने अपना कम स्कोर होने के बावजूद भारत को पूरी तरह से एकतरफा जीत दर्ज नहीं करने दी। भारतीय सलामी बल्लेबाज भी अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए और शिखर धवन एवं रोहित शर्मा बहुत कम स्कोर देकर पवेलियन लौट गए। सुरेश रैना को भी शॉर्ट पिच गेंदों से जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने ड्वेन स्मिथ की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे दिया। ऐसे ही रविंद्र जडेजा ने भी शॉर्ट पिच गेंद को बेवकूफी भरा पुल करके कैच दे दिया। खैर महेंद्र सिंह धोनी ने विजयी चौका जमाया। उनकी इस सफलता से यह आशा बलवती हुई है कि आगे के मैचों में महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला चमकेगा। इस ग्रुप का अगला मैच मेलबर्न में होगा।