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Thursday 28 May 2015 12:21:38 AM
भठिंडा। भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान 27 मई 1999 को दुश्मन के मिसाइल हमले के बाद उसकी कैद में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अजय आहूजा उस वक्त ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान अपने विमान से कश्मीर में एक संघर्ष अभियान में गुम हुए एक भारतीय एयरक्राफ्ट की साहसिक खोज पर थे, जब यह घटना घटी थी, जिसमें उन्होंने 27 मई 1999 को राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी।
भारतीय वायुसेना ने कल उनके शहीदी दिवस पर उनको बहुत याद किया। अजय आहूजा के एयरक्राफ्ट को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से शत्रुओं ने उस वक्त निशाना बनाया था, जब वे अपनी जान को जोखिम में डालकर खतरनाक क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए एक पायलट का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय वायुसेना के साहसिक स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने अत्यंत खतरे के बावजूद अपनी बहादुरी का परिचय दिया, लेकिन दुर्भाग्य से उनके विमान को निशाना बनाया गया और विमान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने अपने को विमान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, लेकिन वह शत्रुओं की कैद में आकर शहीद हो गए।
अजय आहूजा को उनकी बहादुरी, निस्वार्थ सेवा, देश और वायुसेना के अपने साथियों के लिए दी गई प्राणों की आहूति को सदैव याद किया जाएगा। स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा राजस्थान के कोटा से थे, वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के एक भूतपूर्व विद्यार्थी थे और एक युद्धक पायलट के तौर पर उन्होंने भारतीय वायुसेना में 14 जून 1985 से सेवा प्रारंभ की थी। अजय आहूजा ने अपने 14 वर्ष के कार्यकाल के दौरान भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। उन्होंने मिग-21 और मिग-23 युद्धक विमानों का भी संचालन किया, विमानों को उड़ाने के मामले में उनका 1000 घंटे से ज्यादा का अनुभव था। अजय आहूजा अपने धैर्य और प्रसन्नचित व्यक्तित्व के कारण अपने शिष्यों के बीच काफी लोकप्रिय थे, उनकी बहादुरी देश के प्रति उनके समर्पण के लिए सेना और सेनापति ने उन्हें सलाम किया है। अजय आहूजा के परिवार में उनकी पत्नी अलका आहूजा और पुत्र अंकुश आहूजा हैं।