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Monday 15 June 2015 01:57:15 AM
गया/ बिहार। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी गया का ड्रिल स्क्वायर अपने सातवें पासिंग आउट परेड के अवसर पर पेशेवर सैन्य वैभव और आकर्षण से सराबोर था, यह पासिंग आउट परेड भारतीय सैन्य इतिहास का एक और गौरवशाली दिन था, जब अकादमी के प्रथम बैच टेक्निकल इंट्री कोर्स-25 के 106 जेंटलमैन कैडेट ने जून 2012 में अपना एक वर्षीय बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया था और उन्होंने अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त किया। इनके साथ 48 जेंटलमैन कैडेट्स स्पेशल कमीशन अधिकारियों ने भी भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया और 58 जेंटलमैन कैडेट, टेक्निकल एंट्री स्कीम क्रमांक-31 के अंतर्गत देश के विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों सिकंदाराबाद, मऊ और पुणे इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के लिए गए।
पासिंग आउट परेड में जेंटलमैन कैडेट्स ने उपस्थित सैन्य एवं असैन्य गणमान्य व्यक्तियों, प्रशिक्षुओं के पारिवारिक सदस्यों का मन मोह लिया। पासिंग आउट परेड के निरीक्षक अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी उत्तम युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल थे। निरीक्षण अधिकारी का परेड स्थल पर आगमन सैन्य वैभव से सुसज्जित बग्घी से हुआ और उनकी अगवानी लेफ्टिनेंट जनरल आरके शर्मा, सेना मैडल, कमांडेंट ओटीए गया ने की। कैडेट्स ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया और एक शानदार मार्च पास्ट करते हुए सलामी दी। लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी ने प्रशिक्षण के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को पुरस्कृत किया।
टीईएस-25 कोर्स में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विंग कैडेट कैप्टन पंकज कुमार अत्री को प्रतिष्ठित 'शौर्ड ऑफ ऑनर' प्रदान कर सम्मानित किया गया और टीईएस-25 के प्रशिक्षुओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक श्रेणी के अनुसार विंग कैडेट कैप्टन संदीप गुप्ता, विंग कैडेट कैप्टन पंकज कुमार अत्री तथा प्लाटून कैडेट कैप्टन अभिनव कुमार सिन्हा को प्रदान किया गया। पासिंग आउट एससीओ कोर्स में प्रथम आने वाले अकादमी अंडर ऑफिसर शक्ति सिंह शेखावत को रजत पदक से सम्मानित किया गया। वसंत सत्र के प्रशिक्षण काल में सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली प्रशिक्षु कंपनी, तिथवाल कंपनी को प्रतिष्ठित 'चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर' प्रदान किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी ने जेंटलमैन कैडेट्स को उनके बेहतरीन ड्रिल प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उनके गौरवशाली भविष्य की मंगलकामना करते हुए कहा कि उनका भविष्य निःस्वार्थ और गौरवमयी सेवा से भरा हो। उन्होंने कहा कि सैनिक को अपने जीवन में सैन्य गुण और सद्भाव को आत्मसात करना चाहिए। परेड का समापन विशिष्ट अतिथियों और सम्मानित व्यक्तियों की उपस्थिति में कैडेट्स ने ‘अंतिम पग’ पर कदम रख कर किया। परेड में नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों के कंधे पर उनके माता-पिता ने रैंक लगाया।कमीशन प्राप्त अफसरों के अभिभावक के जीवन के ये महत्वपूर्ण पल थे, उनके लिए गौरव की बात थी कि उनका पुत्र देश सेवा के लिए चुना गया है। निरीक्षण अधिकारी ने अभिभावकों को बधाई दी और कहा कि वे भाग्यशाली अभिभावक हैं, जिनकी संतानें आज आर्मी जैसे बेहतरीन सेवा संगठन का हिस्सा बनी हैं।
अधिकारियों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए 2010 में जिस उम्मीद से प्रशिक्षण अकादमी की आधारशिला रखने की कवायद हुई, उस उम्मीद पर ओटीए गया अपने स्थापना काल 18 जुलाई 2011 से ही अपने आदर्श वाक्य शौर्य, ज्ञान और संकल्प-उत्साह, विवेक, दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रहा है। अभी यह अकादमी स्पेशल कमीशन ऑफिसर और टेक्नीकल इंट्री स्कीम, जो TES और SCO के रूप में क्रमशः जाने जाते हैं, उनका प्रशिक्षण चला रही है, इसमें टीईएस के प्रशिक्षु 10+2 की स्कूली शिक्षा के बाद अकादमी में प्रवेश पाते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर सशस्त्र सेना का हिस्सा बनते हैं। टेक्नीकल इंट्री स्कीम में प्रवेश पाने वाले कैडेट्स एक साल का बुनयादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर अभियंत्रिक प्रशिक्षण के लिए जाते हैं। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स के तहत कमीशन प्राप्त कर कैडेट्स भारतीय सेना और असम रायफल्स के विभिन्न रेजीमेंटो में अधिकारी बनते हैं।