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Tuesday 23 June 2015 07:57:43 AM
कोलकाता। मदर टेरेसा के निधन के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख हुईं प्रमुख सिस्टर निर्मला का निधन हो गया है। देश को इसकी जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने उनके निधन पर शोक जताया और कहा कि उनकी कमी पूरी दुनिया महसूस करेगी। उन्हें सुपीरियर जेनरल का पद प्राप्त था और वे 1997 से 2009 तक मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख थीं। उनके बाद जर्मन मूल की सिस्टर प्रेमा चैरिटी की प्रमुख बनीं। सिस्टर निर्मला का पार्थिव शरीर आज सियालदह के सेंटजांस चर्च में रखा गया है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि सिस्टर निर्मला पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं और उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही थी। उनका पार्थिव शरीर कल सुबह मदर हाउस लाया जाएगा और शाम चार बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मदर टेरेसा के निधन के छह महीने पहले 13 मार्च 1997 को सिस्टर निर्मला को मिशनरीज ऑफ चैरिटी का सुपीरियर जेनरल चुना गया था। सिस्टर निर्मला का जन्म रांची में 1934 में हुआ था, उनका पूरा नाम निर्मला जोशी था। उनके माता-पिता नेपाल से थे। उनके पिता ब्रिटिश आर्मी के कर्मचारी थे और देश की आजादी तक उनके पिता ब्रिटिश आर्मी में कार्यरत थे। सिस्टर निर्मला का परिवार हिंदू था, लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा पटना के मिशनरीज स्कूल में हुई थी, जहां से उन्हें मदर टेरेसा के बारे में जानकारी मिली और वह उनके कार्यों से प्रभावित होकर 1958 में धर्मांतरण कर रोमन कैथोलिक नन बन गईं।
सिस्टर निर्मला ने राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली थी और कानून की पढ़ाई की थी। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। वह वर्ष 2009 तक मिशनरीज और चैरिटी के सुपीरियर जेनरल के पद पर आसीन रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिस्टर निर्मला के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि सिस्टर निर्मला का जीवन गरीबों और वंचितों की देखभाल के लिए समर्पित था, उनके निधन से मुझे गहरा दु:ख पहुंचा है, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि मैं सिस्टर निर्मला के निधन पर मिशनरीज ऑफ चैरिटीज परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।