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Saturday 11 July 2015 04:44:11 AM
श्रीहरिकोटा। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से ब्रिटेन के पांच उपग्रहों के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-सी 28 का सफल प्रक्षेपण किया गया। इन पांच उपग्रहों का कुल भार करीब 1440 किलोग्राम है और इन्हें 647 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थापित किया गया। ब्रिटेन की सरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड (SSTL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी डीएमसी इंटरनेशनल इमेजिंग (DMCii) तथा अंतरिक्ष विभाग के तहत भारत सरकार की कंपनी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्यिक इकाई अंतरिक्ष निगम लिमिटेड के बीच समझौते के तहत यह पांच उपग्रह छोड़े गए हैं। यह पीएसएलवी की लगातार 29वीं सफल उड़ान थी।
उपग्रह छोड़ने के पहले चरण में छह स्ट्रैप-ऑन मोटर्स के साथ अपने सबसे भारी एक्सएल संस्करण में पपीएसएलवी को प्रक्षेपित किया गया। अंतरिक्ष में पहली बार भेजी गई यह अनोखी उड़ान थी। पीएसएलवी का एक्सएल संस्करण विशेष रूप से विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए उपयोग किया गया, अब तक पीएसएलवी के हल्के कोर अलोन संस्करण को विशेष रूप से विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। पीएसएलवी विदेशी ग्राहकों के लिए 45 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण कर चुका है, जिनमें आज प्रेक्षेपित किए गए ब्रिटेन के पांच उपग्रह शामिल हैं। हालांकि 1994-2015 के दौरान 29 सफल उड़ान हुई हैं, लेकिन पीएसएलवी ने अब तक कुल 32.04 टन के 77 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, इनमें से 4.64 टन (करीब 14%) के 45 उपग्रह विदेशी ग्राहकों के हैं, यह वाहन बार-बार उपग्रह प्रक्षेपित करने पर विश्वसनीय सिद्ध हुआ है।
उपग्रहों के प्रक्षेपित होने के करीब 18 मिनट बाद उनको अपनी कक्षा में उचित रूप से स्थापित कर दिया गया। पीएसएलवी के सफल प्रक्षेपण से इस क्षेत्र में सक्षम प्रौद्योगिकी क्षमता एक बार सिद्ध हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएसएलवी-सी 28 के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के दल को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के 5 उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी 28 का सफल प्रक्षेपण भारत के लिए असीम गौरव एवं खुशी का पल है, इसरो के दल को बधाई। भारत विश्व का एक ऐसा देश बन चुका है, जिसका अंतरिक्ष कार्यक्रम पूर्णरूप से सुरक्षित और परिणामपरक है। भारत के पास उपग्रह प्रक्षेपित करने की जितनी क्षमता और अनुभव है, किसी देश के पास नहीं है।