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Thursday 16 July 2015 03:37:14 AM
मैरीलैंड। नासा के न्यू होराइजन अंतरिक्षयान ने पहली बार प्लूटो के बिल्कुल नजदीक से गुजरकर तीन अरब मील दूर बैठे वैज्ञानिकों को अपनी ऐतिहासिक सफलता का संदेश भेजा। अंतरिक्षयान के पहली बार सफलतापूर्वक इस ग्रह के इतने करीब पहुंचने के बाद वैज्ञानिकों की इक्कीस घंटे की असफलता की दुविधा भी खत्म हो गई। नासा ने बुधवार को कहा भी कि न्यू होराइजन अंतरिक्षयान ने पहली बार प्लूटो पर पहुंचने की सूचना पृथ्वी को दी है। उड़ान के वास्तविक समय के तेरह घंटे बाद मिशन के सफल होने की पुष्टि हुई। अंतरिक्षयान ने सोमवार को डाटा जमा करने के लिए ग्रह की तरफ अपने एंटीना को घुमाने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र को सूचना देना बंद कर दिया था। पंद्रह मिनट के रिकार्ड किए गए संदेश के प्राप्त होते ही इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता की पुष्टि हो गई और अब यह कुछ अहम डाटा भेजने के लिए तैयार है, जिसमें उच्च क्षमता की कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं।
अंतरिक्षयान ने जैसे ही मिशन मुख्यालय से एक बार फिर संपर्क स्थापित किया, न्यू होराइजन के उड़ान नियंत्रक खुशी के मारे उछल पड़े और एक दूसरे के गले चिपक गए। नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन ने इस अवसर पर कहा कि मैं यह जानता हूं कि हम लोगों ने इस सफलता से समूची नई पीढ़ी के खोजकर्ताओं को प्रेरित किया है और हम और खोजों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लगभग नौ साल और तीन अरब मील की यात्रा करने के बाद न्यू होराइजन, प्लूटो की सतह से सिर्फ बारह हजार पांच सौ किलोमीटर दूरी से होकर गुजरा। नासा का यह अंतरिक्षयान बहुत डाटा एकत्र कर रहा है, जिसे पृथ्वी पर भेजने में इसको 16 माह का समय लगेगा। ध्यान रहे कि प्लूटो को बौना ग्रह भी कहा जाता है और इंसान पहली बार इस ग्रह के इतने करीब पहुंच सका है।
बुधवार का पूरा दिन नासा के वैज्ञानिकों के लिए उत्साह और तनाव से भरा रहा। न्यू होराइजन की टीम ने मिशन के सफल होने की पुष्टि के बाद इस अभूतपूर्व सफलता का जश्न मनाया। मिशन के संचालन केंद्र मैरीलैंड में सुबह उत्साहवर्द्धक जीत का माहौल था, लेकिन जब तक न्यू होराइजन ने पृथ्वी पर संदेश नहीं भेजा तब तक इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि अंतरिक्षयान छोटे और बर्फ से ढके ग्रह पर पहुंच गया है। पिछली आधी सदी से ग्रहों पर पहुंचने के लिहाज से यह नासा का अंतिम लक्ष्य था। न्यू होराइजन की यात्रा नौ साल से भी अधिक समय पहले तब शुरू हुई थी, जब प्लूटो को पूरी तरह एक ग्रह समझा जाता था। नासा के विज्ञान मिशन के प्रमुख जान ग्रंसफेल्ड ने कहा कि वास्तविक मायने में यह मानवीय इतिहास की एक कसौटी है, यह एक अद्भुत यात्रा थी।