स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 6 August 2015 07:03:46 AM
इंफाल। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह एवं गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने मणिपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। केंद्रीय टीम स्थानीय मंत्रियों, विधायकों और राज्य के अधिकारियों के साथ बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित चंदेल जिले के जुमोआल गांव गई, जहां 1 अगस्त 2015 को भूस्खलन हुआ था। टीम ने हवाई सर्वेक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने थोबल जिले और उसके आसपास के इलाकों में भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
इंफाल एयरपोर्ट पर डॉ जितेंद्र सिंह और किरेन रिजिजू ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम के साथ बातचीत की, जिसने बाढ़ग्रस्त इलाके में राहत एवं बचाव कार्य चलाया। एनडीआरएफ के कमांडर ने मंत्रियों को राहत एवं बचाव अभियान की विस्तृत जानकारी दी। एनडीआरएफ के मुताबिक, जुमोआल गांव में कुल 19 ग्रामीण भूस्खलन से प्रभावित हुए, जिसमें से 10 लोग बच गए और अन्य 9 लोग बह गए। लापता 9 लोगों में से 4 के शव एनडीआरफ टीम ने बरामद कर लिए हैं, जबकि शेष 5 का अभी तक पता नहीं चल पाया है, हो सकता है कि इनके शव मलबे में 50 से 60 फीट नीचे दब गए हों। पहाड़ी इलाकों के चलते अर्थमूवर मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके बाद केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय मीडिया के साथ बातचीत की।
मुख्य सचिव ने बाढ़ से क्षति की प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री की ओर से उन शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से उन लोगों के प्रति भी सहानुभूति प्रकट की, जिन्हें बाढ़ में आर्थिक नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक थोबल जिले की करीब 75 फीसदी आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां धान की खेती और मत्स्य पालन को भारी नुकसान पहुंचा है। दौरे के दौरान दोनों मंत्रियों ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत की और उन्हें केंद्र की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया।