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Friday 7 August 2015 04:54:17 AM
चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में आज प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का शुभांरभ किया। केंद्र सरकार ने अनेक क्षेत्रों से प्राप्त अनुरोधों पर विचार करने के बाद पिछले दिनों इसी साल 2015 से देशभर में हर साल 7 अगस्त को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 2012, 2013 और वर्ष 2014 के लिए संत कबीर पुरस्कार एवं राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए और उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों का विपणन बेहतर ढंग से करने के लिए एक नया भारतीय हैंडलूम ब्रांड भी लांच किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने के फलस्वरूप हमारी समृद्ध विरासत एवं संस्कृति के एक अंग के रूप में हथकरघा उद्योग की अहमियत के बारे में जागरूकता बढ़ेगी, यही नहीं, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने से हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और बुनकरों की आमदनी के साथ-साथ उनका विश्वास तथा गौरव भी बढ़ेगा। पिछली हथकरघा गणना के मुताबिक भारत में 43 लाख से भी ज्यादा व्यक्ति हथकरघे की बुनाई एवं उससे संबंधित गतिविधियों में संलग्न हैं। यह उद्योग ग्रामीण आबादी के एक बड़े हिस्से खासकर महिलाओं और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए आजीविका का एक स्रोत है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उद्योग हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परंपराओं का भी एक अहम हिस्सा है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देते हुए देशभर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की कारगर व्यवस्था करें। इस अवसर पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता, तमिलनाडु के राज्यपाल डॉ के रोसैया, कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार, सड़क परिवहन, राजमार्ग और नौवहन राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन, वस्त्र मंत्रालय के सचिव डॉ एसके पांडा और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।