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Tuesday 20 October 2015 01:48:38 AM
सिवनी। मातृशक्ति को संगठित करने और उनके बीच कार्य करने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुशांगिक संगठन राष्ट्रसेविका समिति अपनी स्थापना के अस्सी वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देशभर में युवा बहिनों का सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस श्रंखला में युवतियों का एक दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ सिवनी के रजवाड़ा लॉन में हुआ। कार्यक्रम में 'तेजोमय भारत' विषय को लेकर मुख्य अतिथि प्रोफेसर संध्या श्रीवास्तव ने भारत के ज्ञान और विज्ञान में महिलाओं की भूमिका के संबंध में विस्तार से विचार रखे। उन्होंने कहा कि जब आधी आबादी स्त्रियों की है तो देश के विकास में उनका योगदान भी बढ़-चढ़कर होना चाहिए और यह समय बालिकाओं के विकास हेतु अनुकूल है।
संध्या श्रीवास्तव ने कहा कि स्त्रियोचित गुण है कि प्रत्येक स्त्री अपने परिवार का व्यवस्थापन और अर्थशास्त्र स्वयं संभालती है, उसी तरह वह देश कार्य में शिक्षा ज्ञान, विज्ञान के क्षेत्र में भी अग्रणी है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारिका शशि ने 'सेवोमय भारत' विषय पर वर्तमान भारतवर्ष में विशेष प्रतिभाशाली बालक-बालिका, विज्ञान क्षेत्र में आविष्कारक, भारतीय विज्ञान और तत्वज्ञान के क्षेत्र में अग्रणीजनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास तेजोमय था वर्तमान तेजोमय है और भविष्य भी तेजोमय होगा। कार्यक्रम के दौरान रोचक खेल और योग का आयोजन भी किया गया। राष्ट्रसेविका समिति की सेविकाओं ने गणवेश में सामूहिक गीत गायन किया।
राष्ट्रसेविका समिति की अखिल भारतीय महाविद्यालयीन तारुणी प्रमुख भाग्यश्री ने समिति की वर्तमान प्रासांगिकता पर प्रकाश डाला। उनके ओजस्वी एवं प्रभावी प्रस्तुतिकरण की बहनों ने प्रशंसा की, साथ ही ऐसे कार्यक्रम बार-बार होंगे तो प्ररेणादायी होंगे, ऐसे विचार व्यक्त किए। भाग्यश्री ने कहा कि देश के विकास में हमारा योगदान अमूल्य है, राष्ट्रसेविका समिति शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक तथा अध्यात्मिक अर्थात सर्वांगीण विकास पर बल देती है। उन्होंने बताया कि गुजरात भूकंप के बाद राष्ट्रसेविका समिति ने मयापुर गांव गोद लिया है, जहां सेवा कार्य चल रहा है।
कार्यक्रम में बताया गया कि भारत को जानो भारत के विषयों पर अच्छे विचार व्यक्त करो नारी सुशील, सुधार, समर्थ और संगठित होकर राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करे, राष्ट्रभक्ति का भाव परिवार समाज में बने इसी भावना से राष्ट्रसेविका समिति कार्य करती है। सम्मेलन में 16 से 45 वर्ष की 375 महिलाएं उपस्थित थीं। सरिता आंधवान ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में इस अवसर पर राष्ट्रसेविका समिति की आराधना राजपूत दीदी, सुधा दुबे दीदी, मनोरमा शर्मा दीदी, आरती चंदेल दीदी, शकुन तिवारी दीदी, गुप्ता दीदी ने भी प्रेरक विचार रखे।