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Sunday 29 November 2015 05:50:14 AM
बाड़मेर (राजस्थान)। पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर शहर के बसंतीलाल वाल्मीकि के 20 वर्षीय बेटे अजय कुमार वाल्मीकि की 27 नवम्बर की रात धारदार हथियार से चेहरा काट-काट कर हत्या कर दी गई। हत्या बड़े ही निर्दयी तरीके से की गई। शव देख कर किसी का भी दिल दहल सकता है। घटना के पीछे सवर्ण लड़की से प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है, जो सहन नहीं किया गया और अजय कुमार वाल्मीकि की हत्या के अंजाम तक पहुंच गया। हालॉकि बाड़मेर पुलिस तभी से घटना की छानबीन में लगी है, तथापि मामला चौबीस घंटे के भीतर ही सामाजिक और राजनीतिक हाथों में खेलने लगा है। जानकारी के मुताबिक अजय वाल्मीकि घर से रात करीब 8 बजे बाइक से निकला था और वापस नहीं लौटा। परिजनों ने रातभर उसकी खोजबीन की, मगर उसका पता नहीं चल पाया और अगली ही सुबह करीब 8 बजे उसका क्षत-विक्षत शव शहर के हायरसेकेंड्री स्कूल के ग्राउंड में पाया गया। पिता और भाई ने उसके शव की पहचान की। अजय वाल्मीकि की बाइक भी उसकी लाश के पास ही बरामद हुई।
अजय वाल्मीकि के चेहरे को बुरी तरह से काट दिया गया। उसे चेहराविहीन कर दिया गया। अजय वाल्मीकि की हत्या की ख़बर जैसे ही इलाके के वाल्मीकि समुदाय को लगी, उसके लोग आक्रोशित होते हुए सड़क पर उतर आए तथा देखते-देखते बाड़मेर शहर में उपद्रव फैल गया। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि जिले के पुलिस कप्तान परीश देशमुख को दिन भर कोतवाली में रहकर स्थिति को खुद संभालना पड़ा। गुस्साए लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस दिनभर जूझती रही। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और पूछताछ के लिए कुछ लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा भी गया है। उनका कहना है कि पुलिस का भरसक प्रयास है कि जल्द से जल्द इस नृशंस हत्या का पर्दाफाश हो जाए। उन्होंने पुलिस पर भरोसा रखने और लोगों से संयम बरतन की अपील की है।
वाल्मीकि और दलित समुदाय के लोग जाति और राजनीतिक पहचान से ऊपर उठकर एकजुट हो गये हैं। उन्होंने हत्यारों को पकड़े जाने तक शव नहीं उठाने दिया, किंतु पुलिस ने समझा बुझाकर देर शाम तक अजय वाल्मीकि के शव का पोस्टमार्टम तो करवा दिया, मगर परिजनों के शव लेने से इंकार के बाद अजय वाल्मीकि की लाश को बाड़मेर के मुख्य चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवा दिया गया। दलित अत्याचार निवारण समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधान उदाराम मेघवाल का कहना है कि जिस तरह से शव का चेहरा विकृत किया गया है, वह किसी गहरी घृणा का संकेत देता है, पूरा चेहरा काट करके कंकाल बना दिया गया, ताकि वह पहचाना भी नहीं जा सके। अजय वाल्मीकि के परिजनों ने दर्ज करवाई प्राथमिकी में एक सवर्ण युवक नरेश कुमार पर एक माह पहले अजय वाल्मीकि को जान से मार देने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
अजय कुमार वाल्मीकि के परिजनों का कहना है कि यह हत्या एक ऑनर किलिंग है, यह सवर्ण जाति की लड़की से जुड़ा हुआ मामला है। अजय वाल्मीकि का एक सवर्ण लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसके लिए उसे परिणाम भुगतने की चेतावनी भी मिल चुकी थी। हत्या को लेकर विभिन्न चर्चाए हैं, जिनमें एक यह भी चर्चा है कि यह एक सुपारी मर्डर भी हो सकता है, जिसमें किसी भी मार्शल कौम के अपराधी लोग शामिल हो सकते हैं, बहरहाल पुलिस जांच जारी है और सम्भावना है कि हत्यारा या हत्यारे शीघ्र ही पकड़ में आ जायेंगे। इस जघन्य हत्याकांड के विरुद्ध पश्चिमी राजस्थान के युवाओं में जबरदस्त रोष तो व्याप्त हो ही चुका है, जिसके राज्यभर में फैलने की आशंका जताई जा रही है। अजय वाल्मीकि का पिता बसंतीलाल वाल्मीकि सफाई कर्मचारी भी है, इसलिए वाल्मीकि समाज के लोग राज्य भर में जगह-जगह पर धरना-प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं।
मामला सामाजिक और राजनीतिक हाथों की तरफ बढ़ गया है। इसका बेहद दुखद तथ्य यही है कि सवर्ण लड़की से प्रेम करने की आज भी ऐसी निर्मम सजा दी जाती है, जिसे देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएं। यह हत्या यह भी साबित करती है कि दलितों के प्रति सवर्णों की घृणा आज भी कायम है। इसमें यह संदेश भी है कि किसी भी सवर्ण लड़की से प्रेम करने पर अजय वाल्मीकि की ही तरह चेहराविहीन लाश में बदल दिया जाएगा। राजस्थान में इस मामले को मुद्दा बनाकर इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील शुरू हो गई हैं। दलित समाज से कहा जा रहा है कि यह फैसले का वक़्त है, इस जुल्म के खिलाफ़ राजस्थान ही नहीं देश के हर कोने से आवाज़ आनी चाहिए। अजय कुमार वाल्मीकि के लिए शोक व्यक्त कर और उसके परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा गया है कि इंसाफ के लिए लड़ा जाएगा क्योंकि वह सिर्फ अजय वाल्मीकि ही नहीं हम सब दलितों का चेहरा है।