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Friday 8 January 2016 06:08:02 AM
विशाखापत्तनम। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आरके धवन ने विशाखापत्तनम के नौसेना गोदी पर एक रंगारंग समारोह में आईएनएस कदमत्त का जलावतरण किया। यह पोत प्रोजेक्ट 28 (पी28) के अंतर्गत दूसरा पनडुब्बी निरोधी युद्धपोत है। एडमिरल आरके धवन ने कहा कि आईएनएस कदमत्त का जलावतरण ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में एक और अहम कदम है और हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूदा हालात के मद्देनज़र आईएनएस कदमत्त से भारतीय नौसेना की पहुंच और क्षमता बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि यह पोत चार एएसडब्ल्यू कॉर्वेट में शामिल है, जिसे घरेलू स्तर पर निर्मित किया गया है।
आईएनएस कदमत्त के निर्माण में नौसेना डिजाइन निदेशालय और गार्डन रीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड कोलकाता ने सहयोग किया है। इसके पहले एक अन्य एएसडब्ल्यू कार्वेट को 1968 में पूर्व सोवियत संघ से प्राप्त किया गया था। इस पोत ने 24 साल देश की सेवा की तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में ऑपरेशन पवन और ऑपरेशन ताशा में अहम भूमिका निभाई थी। आईएनएस कदमत्त का नाम भारत के पश्चिमी छोर पर स्थित लक्ष्यद्वीप द्वीप समूहों के एक द्वीप पर रखा गया है। लक्ष्यद्वीप द्वीप समूहों और नौसेना का विशेष संबंध है और यहां आईएनएस द्वीपरक्षक का बेस स्थित है। एडमिरल आरके धवन ने कहा कि आईएनएस कदमत्त के जलावतरण से हमारी द्वीपीय सरहदों का महत्व रेखांकित होता है। आईएनएस कदमत्त टोटल एटमॉसफेरिक कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मेनेजमेंट सिस्टम, इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम और परसेनल लोकेटर सिस्टम से लैस है।
आईएनएस कदमत्त का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा देश में ही तैयार किया गया है और इसे परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के हालात से निपटने के योग्य बनाया गया है। इसके हथियार और संवेदी उपकरण देश में ही तैयार किए गए हैं, जिनमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रॉकेट लांचर, तारपीडो ट्यूब लांचर और इन्फ्रा-रेड सिग्नेचर सप्रेशन सिस्टम शामिल हैं। जहाज पर तैनात नौसेना दल की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। आईएनएस कदमत्त का नेतृत्व कमांडर महेश चंद्र मुदगल के हाथों में है तथा यह जहाज पूर्वी नौसेना कमान के अधीन पूर्वी बेड़े का महत्वपूर्ण हिस्सा है।