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समाज सुधारक तर्कालंकार की द्विशती

बंगाली एवं संस्कृत साहित्य के थे बड़े पुरोधा

राष्ट्रपति ने तर्कालंकार भवन की नींव रखी

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Friday 8 January 2016 06:15:00 AM

pranab mukherjee inaugurating the bicentenary celebration

कोलकाता। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बिल्वाग्राम में पंडित मदनमोहन तर्कालंकार के द्विशतवार्षिकी समारोह का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने महिलाओं के बीच शिक्षा के प्रसार एवं 13वीं सदी के बंगाल में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में पंडित मदनमोहन तर्कालंकार के ऐतिहासिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंडित मदनमोहन तर्कालंकार एक महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने बंगाल में शिक्षा के प्रसार के लिए एक मजबूत नींव रखी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पंडित मदनमोहन तर्कालंकार ने तीन अंकों में शिशु शिक्षा नामक पहली बंगाली प्राथमिक विद्यालय किताब लिखी। पंडित मदनमोहन तर्कालंकार ने जॉन इलियट ड्रिंकवाटर बेथुने के कोलकाता फीमेल स्कूल में अपनी दोनों बेटियों को भेजकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे कि शहर की लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रपति ने कहा कि पंडित मदनमोहन तर्कालंकार बंगाली एवं संस्कृत साहित्य को और अधिक समृद्ध बनाने में योगदान दे सकते थे, अगर वे 41 वर्ष की आयु से अधिक जीवित रहते। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पंडित मदनमोहन तर्कालंकार भवन का शिलान्यास भी किया।

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