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Thursday 07 February 2013 06:58:32 AM
ठाणे। महाराष्ट्र में आदिवासी बच्चों पर कुपोषण का कहर बरपा हुआ है, यह जानकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक जनजातीय ब्लाक पालघर में एक नई स्वास्थ्य पहल “राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम” शुरू किया है। इस माध्यम से बच्चों के जन्म से जुड़ी समस्याओं, रोगों, उनके विकास में देरी के अलावा विकलांगता जैसी शारीरिक समस्याओं का शीघ्र पता लगाकर बच्चों के जीवन स्तर में सुधार और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जा सकेगी। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान के अंतर्गत मातृत्व और बाल स्वास्थ्य में सुधार के लिए खासतौर पर कई नई पहल की हैं, स्वास्थ्य तंत्रों को मजबूत बनाने के लिए राज्यों को 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जारी किये गये हैं। स्वास्थ्य संकेतकों में शानदार सुधार के बावजूद प्रत्येक वर्ष करीब 15 लाख बच्चों की अपने पांचवें जन्म दिवस से पूर्व मृत्यु हो जाती है, बहुत से बच्चों के रोगों से कमजोर होने के कारण इसका प्रभाव उनके विकास और जीवन स्तर पर पड़ता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि वर्ष 2009 में दुनिया के पोलियो से जुड़े मामलों में आधे से अधिक भारत में थे, लेकिन गहन प्रयास और मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति की बदौलत भारत दो वर्ष से पोलियो मुक्त देश बना हुआ है। तेईस लाख से ज्यादा स्वयं सेवकों ने 1.7 लाख पर्यवेक्षकों देखरेख में एक राष्ट्रव्यापी अभियान में करीब 17 करोड़ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई, यह अभियान दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है। स्वास्थ्य तंत्र और समुदाय के बीच एक मजबूत गठजोड़ बनाने के लिए 8.80 लाख आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं। यूपीए एक ने गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए नकद सहायता देने के माध्यम से 2005 में जननी सुरक्षा योजना का शुभारंभ किया था।
सोनिया गांधी ने कहा कि बच्चे के जीवन के प्रारंभिक तीन वर्ष शारीरिक और मानसिक विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच और रोगों का शीघ्र पता लगने से स्वास्थ्य में समय रहते सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि करीब 15 लाख बच्चे शारीरिक कमियों के साथ जन्म लेते हैं, जो देश में होने वाली नवजात शिशुओं की कुल मृत्यु के दस फीसदी मामलों का हिस्सा बन जाते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ आंगनवाड़ी और सरकार एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में इसे लागू किया जाएगा। यह कार्यक्रम देशभर में एक चरणबद्ध तरीके से चलाये गये अभियान में 25 करोड़ बच्चों को शामिल करेगा और उन्हें जिला अस्पतालों और क्षेत्रीय स्तरों पर निःशुल्क प्रबंधन और उपचार सुविधाएं प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि बच्चों के जीवन, स्वास्थ्य और संपूर्ण विकास में सुधार के लिए केंद्र सरकार के साथ सभी राज्य सरकारें इस दिशा में सक्रिय कदम उठायेंगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी जन-स्वास्थ्य के क्षेत्रों में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं, चाहे एचआईवी/एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए रेड रिबन एक्सप्रेस को रवाना करना हो अथवा गर्भवती महिलाओं एवं बीमार नवजात शिशुओं को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ करना हो। आजाद ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ के अवसर पर वे हमारे साथ हैं।