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Thursday 07 February 2013 07:25:16 AM
कैथल। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के कानूनी सलाहकार रामफल शर्मा पाई ने कहा है कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष हरियाणा सरकार व शिक्षा बोर्ड को आदेश दिए थे कि 20 मार्च 2012 से 322 दिन अतिथि अध्यापकों को नौकरी पर रखा जाए और उसके बाद उनकी हाजरी न लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 5 फरवरी 2013 को ये दिन पूरे होते हैं, परंतु छह फरवरी तक भी प्रदेश के स्कूलों में इन अतिथि अध्यापकों की हाजरी लगाई गई, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी व मौलिक शिक्षा अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इन अतिथि अध्यापकों की 5 फरवरी के बाद भी हाजरी लगने दें। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका के आदेशों की पालना न करके प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों का समर्थन कर रही है, पीजीटी कैंडर के मास्टर व लेक्चरार को सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि के तौर पर 434 दिन का समय भी जारी किया था। सरकार की यह ढील पात्र अध्यापकों के साथ अन्याय है। इस बारे में हरियाणा पात्र अध्यापक संघ जल्दी ही एक बैठक का आयोजन कर निर्णय लेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इन अतिथि अध्यापकों की हाजरी लगाना बंद करे अन्यथा पात्र अध्यापक संघ पुन: सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएगा।
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी जसबीर सिंह ने बताया कि 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 322 दिन पूरे होते हैं। हरियाणा सरकार की ओर से उनको कोई ऐसे आदेश नहीं मिले कि वे अतिथि अध्यापकों को हाजरी लगाने से रोक सकें। राजौंद ब्लॉक के अध्यक्ष अतिथि अध्यापक सतवीर शर्मा सौंगल का कहना है कि 1 राष्ट्रीय समाचार पत्र में 4 फरवरी को 322 दिन पूरे होने का समय 16 फरवरी छपा था, जिस कारण से अतिथि अध्यापक अपनी हाजरी लगा रहे हैं और इस बारे में निर्णय लेने के लिए 16 फरवरी से एक बैठक का भी आयोजन होगा, जिसमें इस पर विचार विमर्श किया जाएगा।