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Wednesday 10 August 2016 06:17:31 AM
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के भटके हुए युवाओं को अपने और कश्मीर के विकास में लगने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने यहां की किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से करने की बात कहते हुए संकेत दिया कि कश्मीर में जो गुमराह हैं, उनसे बात की जाएगी, क्योंकि कुछ लोग नहीं चाहते कि वहां शांति स्थापित हो, मगर इससे काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में बच्चों के हाथ में किताबें या लैपटॉप होने चाहिएं थे, लेकिन उनके हाथ में पत्थर दे दिए गए हैं। प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा में महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे। प्रधानमंत्री ने चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पर माल्यापर्ण किया और उनकी जन्मस्थली पर बने स्मारक का दौरा करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कश्मीर के संदर्भ में बोलते हुए अनेक संदेश दिए।
चंद्रशेखर आजाद के देश की आजादी में योगदान को प्रधानमंत्री ने श्रद्धापूर्वक याद किया और कहा कि इसी दिन महात्मा गांधी ने ब्रिटिश भारत छोड़ो का आह्वान किया था। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे उन लोगों को याद रखें, जिन्होंने देश की खातिर अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर दी, उन्होंने कहा कि ताकि हम आज़ादी की हवा में सांस ले सकें, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली में आने का अवसर मिला है, उनके जैसे लोग हमें राष्ट्र के लिए कार्य करने को प्रेरित करते हैं, करते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब, जिन्हें राष्ट्र के लिए अपने प्राण देने का मौका नहीं मिला है, उन्हें देश के लिए जीने का अवसर लेना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र अपने लोगों की ताकत, आकांक्षाओं और उनकी कड़ी मेहनत के बल पर ही प्रगति करता है और आगे बढ़ता है।
प्रधानमंत्री ने कश्मीर हिंसा का जिक्र किया और कहा कि जिन हाथों में किताब और लैपटॉप होने चाहिएं थे, उन हाथों में पत्थर और बंदूकें देखकर दुख होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय कश्मीर से प्यार करता है और कश्मीर जाने की इच्छा रखता है, मगर कुछ गुमराह तत्व कश्मीर की महान परंपराओं को बर्बाद करने की कोशिशें कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर के युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करना चाहती है, उन्होंने कश्मीर के युवाओं से कश्मीर को पृथ्वी पर स्वर्ग बनाने के विजन के साथ आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार विकास के माध्यम से सभी समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इंसानियत, ज़म्हूरियत, कश्मीरियत विजन को आगे ले जाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर शांति चाहता है और कश्मीर के लोग पर्यटन के माध्यम से अपनी समृद्धि चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक आम संकल्प के साथ मिलकर काम करना हम सभी के लिए समय की मांग है। उन्होंने कहा कि भारतीय तिरंगा हमें एकजुट करता है और भारत के भाग्य को फिर से लिखने के लिए हमें प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 70वें स्वतंत्रता वर्ष समारोह के शुभारंभ की प्रतीक तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाई।