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Thursday 25 August 2016 05:39:30 AM
श्रीनगर। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने श्रीनगर दौरे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ कई मुलाकातें की हैं। राजनाथ सिंह ने कश्मीर घाटी में सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने के लिए सुरक्षा एजेंसियों एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात की और राज्य में सुरक्षा संबंधी प्रबंध एवं हालात पर चर्चा की। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य की बड़ी आबादी शांति के पक्ष में हैं। उन्होंने साफ कहा कि बच्चों को उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल पांच प्रतिशत लोग घाटी में इस तबाही के लिए जिम्मेदार हैं। राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त वार्ता में उन्होंने कहा कि वह कश्मीर को जहन्नुम नहीं बनने देंगी।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से रीजनल पीपुल्स कांफ्रेंस के नेताओं सज्जाद गनी लोन एवं बशीद अहमद डार ने नेहरू गेस्ट हाउस में विचार-विमर्श किया। कश्मीर राज्य में सत्तारूढ़ दल की बड़ी सहायक पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का एक 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पार्टी महासचिव मोहम्मद सरताज मदनी के नेतृत्व में एवं भारतीय जनता पार्टी का एक 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू एवं कश्मीर के राज्य अध्यक्ष सत शर्मा के नेतृत्व में राजनाथ सिंह से अलग-अलग मिला। गृहमंत्री से उमर अब्दुल्ला मिले, जिन्होंने राज्य के मुख्य विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जीए मीर ने किया, जबकि सीपीआईएम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य सचिव एमवाई तरीगामी ने किया। रीजनल पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इसके अध्यक्ष हकीम मोहम्मद यासीन ने किया। डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के अध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की। गृहमंत्री ने उप मुख्यमंत्री डॉ निर्मल कुमार सिंह के नेतृत्व में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुलाकात की।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ सुरक्षा हालात का जायजा लिया। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ था। गृहमंत्री का घाटी का दौरा केंद्र सरकार का कश्मीर में अशांति शुरू होने के बाद से कर्फ्यू और पाबंदियों से हालात को सामान्य करने का प्रयास है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस भी की। उन्होंने समस्या को हल करने के लिए कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत का संकल्प दोहराया। उन्होंने राज्य की जनता से अपील की कि वे शांति स्थापित करने में सरकार की मदद करें। गृहमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों से अत्यधिक बल इस्तेमाल पर संयम बरतने को कहा। पैलेट गन पर उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द इसका विकल्प हमारे सामने होगा, इसके लिए जो समिति बनाई गई थी, वह एक से दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घाटी में अशांति पैदा करने वालों की पहचान हो। उन्होंने हुर्रियत नेताओं से बातचीत के सवाल पर कहा कि सरकार कश्मीर के हर उस दल से बात करने को तैयार है जो कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत की तर्ज पर वार्ता करना चाहते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि बच्चे तो बच्चे हैं, अगर वे अपने हाथों में पत्थर उठाते हैं तो उन्हें समझाया जाना चाहिए। उन्होंने सभी कश्मीरियों से घाटी के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने की अपील की।
राजनाथ सिंह से विभिन्न पृष्ठभूमि के लगभग तीन सौ लोग मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली आए। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से इसके लिए प्रबंध करने को कहा है। गृहमंत्री ने बताया कि कश्मीर में चार हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी पत्थरों के हमलों से घायल हुए हैं, लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे कश्मीर में बाढ़ के दौरान निभाई गई उनकी भूमिका नहीं भूलें। राजनाथ सिंह ने कहा कि स्थिति को लेकर हमारी समझ पर सवाल नहीं करें, हम समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पथराव तथा सुरक्षा शिविरों पर हमला कर कोई समाधान हासिल नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुई हिंसा के कारण घाटी में लोगों के एकत्र होने पर लगा प्रतिबंध 48वें दिन भी जारी है। शहर के प्रमुख इलाकों में कर्फ्यू जारी है। घाटी में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा भी लगातार बंद ही है, जबकि प्रीपेड मोबाइल से आउटगोइंग सुविधा पर रोक लगी हुई है। घाटी में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 66 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गृहमंत्री दो दिन के श्रीनगर दौरे पर थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एवं दस सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की।