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Monday 12 September 2016 02:01:41 AM
अल्मोड़ा। भारतरत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत का 129वां जन्म दिवस एवं पंडित गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान कोसी-कटारमल अल्मोड़ा का स्थापना दिवस समारोह भव्यता से संपन्न हुआ। पंतजी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया एवं उनकी देश, पहाड़ और सर्वसमाज के उत्थान लिए उनके महान योगदान को याद किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय में राज्यमंत्री अजय टम्टा थे, जिन्होंने अपने उद्घाटन संबोधन में संस्थान को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विगत वर्ष पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की घोषणा के अनुरूप संस्थान को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हो गया है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमालय के प्रति लगाव एवं उनकी इस क्षेत्र के पर्यावरण एवं विकास हेतु प्रतिबद्धता की ओर एक कदम है।
अजय टम्टा ने पर्यावरण मंत्रालय की हिमालय के पर्यावरण एवं विकास के प्रति प्रतिबद्धता हेतु क्षेत्रीय जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने इस दिशा में संस्थान में हिमालयी जन-प्रतिनिधियों के लिए एक मंच के गठन को महत्वपूर्ण बताया, जिसके माध्यम से समय-समय पर मार्गदर्शन प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि चीड़ के पिरूल से रेशा निकालकर उपयोगी वस्तुएं जैसे-कागज, कपड़ा आदि बनाने हेतु उनका मंत्रालय प्रयास कर रहा है, ताकि इस क्षेत्र के वनों में अग्नि की भी रोकथाम हो सके। इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव अजय नारायण झा, मंत्रालय की अपर सचिव डॉ अमिता प्रसाद, गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पर्यावरण संस्थान के शाशी निकाय के सदस्य प्रोफेसर एसपी सिंह, संस्थान के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर एएन पुराहित, रंजना झा, मालती पुरोहित एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
संस्थान के शोधार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम के आरंभ में संस्थान के निदेशक डॉ पीतांबर ध्यानी ने आगंतुकों का स्वागत किया, संस्थान के उद्देश्य व शोध एवं विकास क्रियाकलापों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान भारतीय हिमालय क्षेत्र में नेशनल मिशन के माध्यम से शोध एवं विकास परियोजनाओं का संचालन कर रहा है एवं संस्थान के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु आठ नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि पर्यावरण संस्थान के बढ़ते क्रियाकलापों के मद्देनज़र इसे अब पर्यावरण मंत्रालय ने उच्चीकृत करके राष्ट्रीय स्तर का संस्थान कर दिया है, जिसके लिए संस्थान मंत्रालय का विशेष आभारी है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव प्रोफेसर के विजय राघवन ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत 22वां स्मारक व्याख्यान दिया। व्याख्यान शीर्षक 'प्रकृति एवं पोषण: आधुनिक युग में जीव विज्ञान' में पंतजी को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए उन्होंने संस्थान के शोध एवं विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज से लगभग 12000 वर्ष पूर्व पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति के उपरांत मानव ने इस धरती की प्रकृति में अपने क्रियाकलापों से इच्छानुसार बदलाव किए जाने से हमारे समक्ष संसाधनों की चुनौती उत्पन्न हो गई है, जिसको जीवविज्ञान की मदद से हल करने की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है।
प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि पर्यावरण संस्थान की वैज्ञानिक क्षमता को इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए आधारभूत संरचना व सुविधाएं चाहिएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बदलते वैश्विक परिवेश में हिमालयी पर्वतों की संवेदनशीलता के मद्देनज़र यहां पर्यावरण संगत आर्थिक विकास करना चुनौतीपूर्ण है, जिसके लिए विशेष सावधानी की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय की अपर सचिव डॉ अमिता प्रसाद ने कहा कि संस्थान की शोध प्रगति को देखते हुए अब हमें अपनी जनता की खुशहाली हेतु इस्तेमाल करना है एवं शोधकार्य का वृहत स्तर पर क्रियांवयन करना है। संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर पुरोहित ने संस्थान के वैज्ञानिकों व निदेशक को बधाई देते हुए अपने संस्थान के पूर्व निदेशक रहते हुए स्थानीय लोगों के सहयोग का स्मरण किया व संस्थान के शोध से निकले परिणामों को यहां की पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान में लगाना चाहिए। संस्थान के शाशी निकाय के सदस्य एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सिंह ने संस्थान की बढ़ती हुई पहचान एवं प्रबिद्धता को शोधकार्य को पर्यावरण एवं विकास के मध्य संतुलन पर केंद्रित करने की आवश्यकता जताई।
पर्यावरण मंत्रालय के सचिव अजय नारायण झा ने कहा कि संस्थान के वैज्ञानिकों को शोधकार्यों को पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान एवं सरकार की नीतियों में समावेश करने हेतु विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने मुख्य वक्ता प्रोफेसर विजय राघवन के जीव विज्ञान को समाज हेतु उपयोगिता को वर्तमान परिवेश हेतु आवश्यक बताया। उन्होंने संस्थान को नाम के अनुरूप पर्यावरण एवं सतत विकास की दिशा में शोध के नए आयाम ढूंढकर समाधान देने की बात कही। समारोह में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, केवल सती, पद्मश्री डॉ ललित पांडे, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ भट्ट, वैज्ञानिक डॉ मिश्रा, कुमाउं विश्वविद्यालय की डॉ दिवा भट्ट, भाजपा के लटवाल, वरिष्ठ पत्रकार पीसी तिवारी, उदय किरौला, महिला हाट, अल्मोड़ा के कांडपाल, पूर्व निदेशक डीआरडीओ डॉ जोशी, संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ कोठयारी, संस्थान के वैज्ञानिक, कर्मचारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। समारोह में धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ई किरीट कुमार ने दिया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों के लिखित तीन प्रकाशनों का विमोचन भी अतिथियों ने किया।