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Thursday 20 October 2016 02:24:45 AM
चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि जनता से संबंधित मुद्दों की सही-सही तस्वीर सरकार के सामने प्रस्तुत करने के लिए मीडिया को आत्म नियामक तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, मीडिया इन मुद्दों के समाधान में भी मदद कर सकता है। उन्होंने पेड न्यूज़ की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस बुराई को रोकने के लिए स्वयं मीडिया को आगे आना चाहिए। उन्होंने चंडीगढ़ में बुनियादी ढांचे और जन सुविधाओं में सुधार करने के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए और उन्होंने कहा कि इन सुझावों को प्राप्त कराने में मीडिया को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
पत्र सूचना कार्यालय के महानिदेशक एपी फ्रैंक नरोन्हा ने सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार अपने विकास के एजेंडे में मीडिया को एक महत्वपूर्ण हितधारक मानती है। उन्होंने कहा कि मीडिया की एक मददकर्ता और प्रहरी के रूप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, ताकि विकास के लाभ जरूरतमंद तक वितरित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि मीडिया, विशेष रूप से क्षेत्रीय मीडिया इस उपक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उद्घाटन सत्र के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सांसद किरण खेर भी उपस्थित थीं। सम्मेलन की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए एपी फ्रैंक नरोन्हा ने कहा कि क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन का आयोजन क्षेत्रीय प्रेस के संपादकों को संबंधित मंत्रालयों के बारे में महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंत्रियों से सीधे बातचीत करने के उद्देश्य से किया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को प्रासंगिक संदर्भ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ सरकार की किसी विशेष पहल, कार्यक्रमों और नीतियों के पीछे की गहरी पृष्ठभूमि को जानने का भी अवसर मिलेगा, इससे नीति निर्माताओं को मीडिया से फीडबैक मिलने में मदद मिलेगी, जो आगे सुधार करने में लाभदायक हो सकता है।
सूचना के प्रसार और संचार में पत्र सूचना कार्यालय की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए एपी फ्रैंक नरोन्हा ने कहा कि संचार के पारंपरिक तरीकों के अलावा पीआईबी बड़े पैमाने पर सामाजिक मीडिया के माध्यम से क्षेत्रीय प्रेस और जनता तक अपनी पहुंच बना रहा है, जिससे मीडिया को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में पता चल सके। सम्मेलन में छह केंद्रीय मंत्रालय यानि गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण, कृषि एवं किसान कल्याण और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने भाग लिया। संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्रियों ने संबंधित सत्र की अध्यक्षता की और अपने मंत्रालय से संबंधित नीतिगत मुद्दों और पहलों के बारे में संपादकों को संबोधित किया। सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और चंडीगढ़ राज्यों के संपादकों ने भी भाग लिया।