Sunday 20 November 2016 11:54:48 PM
ब्रह्मानंद राजपूत
आगरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगरा परिवर्तन रैली ने बसपा अध्यक्ष मायावती की पिछले दिनों आगरा रैली में जुटी भीड़ के रिकॉर्ड को तो तोड़ दिया। प्रधानमंत्री को सुनने के लिए आगरा और आसपास उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री की परिवर्तन रैली में ग़ज़ब का उत्साह देखकर सपा और बसपा में निराशा नज़र आ रही है और कांग्रेस का तो यहां कोई खेल ही नहीं दिखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मंच पर आए उससे घंटों पहले ही आगरा का कोठी मीना बाजार मैदान भीड़ से खचाखच भर चुका था और नरेंद्र मोदी के संबोधन तक लोगों के परिवर्तन रैली में आने का सिलसिला जारी रहा। आगरा की सड़कें भीड़ से अटी रहीं। परिवर्तन रैली में आए लोग उत्साह से लबरेज़ दिखे, उनके चेहरों पर दिख रहा था कि वे नरेंद्र मोदी के प्रति बहुत आशावान हैं और प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले से बहुत खुश हैं। कई किलोमीटर पैदल चलकर आए लोग नरेंद्र मोदी की झलक पाने को बेताब दिखाई दिए। हजारों लोग ऐसे रहे जो आगरा शहर में जाम के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा स्थल तक ही नहीं पहुंच पाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में महिलाओं की तादात भी हजारों में दिखी। भाजपा को खासकर शहरी क्षेत्र की पार्टी माना जाता है, लेकिन नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में आगरा के गाँव-गाँव से लोग पहुंचे। नोटबंदी को लेकर टीवी चैनलों पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान का कोई भी असर नहीं दिखा। रैली में आनेवाले अधिकतर गरीब, किसान और मध्यम वर्ग से थे और यही वो वर्ग है जो किसी को सत्ता देता है और किसी को सत्ता से उखाड़ फेंकता है। आगरा परिवर्तन रैली में आई जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए किये जा कामों से प्रभावित होकर आई थी। परिवर्तन रैली को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री ने घरविहीन गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का शुभारंभ किया। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें घरविहीन सभी ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2022 में मनाई जाने वाली देश की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ तक पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित पक्के घर उपलब्ध कराने का निश्चय है। योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार का वर्ष 2019 तक एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है। जिनका खुद का घर नहीं है तथा जिनके एक या दो कमरे की कच्ची छत या कच्ची दीवार के मकान हैं, उन गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री ने मथुरा से पलवल चौथी रेल लाइन और मथुरा जंक्शन से भूतेश्वर यार्ड ढांचे में परिवर्तन एवं रेल फ्लाईओवर का भी शिलान्यास किया।
आगरा में प्रधानमंत्री की परिवर्तन रैली ऐसे समय पर हुई है, जब देश में 500 और 1000 के नोटों की नोटबंदी के कारण वे संसद और संसद के बाहर विपक्ष, कालाधन रखने वालों, देश में नकली नोट चलाने वालों एवं डिजायनर मीडिया के दुष्प्रचार से घिरे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में जमकर इन लोगों पर निशाना साधा, जिसका उपस्थित जनसमूह ने मोदी-मोदी कहकर या तालियों से समर्थन और स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐजेंडे में गरीब और आम आदमी थे, जिनके सहयोग की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश का गरीब, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग ने सबसे ज्यादा कष्ट उठा रहा है, इसके बाद भी इस वर्ग ने उफ तक नहीं की, जबकि चिटफंड कंपनी वाले गरीबों को लूटकर सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं। प्रधानमंत्री का इशारा ममता बनर्जी की ओर था, जिनके लोग चिटफंड घोटाले में फंसे हुए हैं और ममता बनर्जी भी इसमें कहीं न कहीं फंसी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने जनमानस को विश्वास दिलाया कि गरीब, दलितों, किसानों, मध्यम वर्ग और आदिवासियों ने जो कष्ट उठाया है, वह बेकार नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी की परेशानियों में तपकर देश सोना बनकर निकलेगा। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर जनता से 50 दिन का समय मांगा और विश्वास दिलाया कि जनता की मुश्किलों को देखते हुए सरकार लचीलापन भी अपनाएगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने कालाधन रखने वालों के प्रति अपना सख्त रुख कायम रखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग 70 साल से देश की पूरी अर्थव्यवस्था को लूटते रहे और उन्होंने जनता का पैसा लेकर अपना कारोबार चलाया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने देश में करोड़ों-अरबों रुपयों के कालेधन को कागज बना दिया है, जो कि गरीबों की प्रगति और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि चिटफंड कंपनियों से लुटे गरीब लोगों को आत्महत्याएं तक करनी पड़ी हैं। प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी के जख्मों पर मानों फिर से नमक छिड़क दिया। गौरतलब है कि बंगाल में ममता सरकार और तृणमूल कांग्रेस के लोगों पर शारदा चिटफंड को अत्यंत गंभीर आरोप हैं, जिन्हें लेकर ममता सरकार की न केवल बहुत फजीयतें हुई हैं, अपितु इससे ममता बनर्जी भी भारी संकट में हैं। यह मामला पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप से जुड़ा हुआ है, जिसने करीब दस लाख आम लोगों को कई लुभावन ऑफर देकर उनके कई सौ करोड़ रुपए ठग लिए और जब लोगों को वह रकम लौटाने की बारी आई तो शारदा चिटफंड कंपनी ने अपने दफ्तरों पर ताला लगा दिया। इस घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों को जेल जाना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बसपा अध्यक्ष मायावती का नाम लिए बिना उनके भ्रष्टाचार और कालेधन पर कड़े प्रहार किए। उन्होंने नाम लिए बिना कटाक्ष किया कि इतने करोड़ में एमएलए बनोगे? ऐसे लोगों का सब लुट गया है, नोट वापस हो गए हैं, यह व्यवस्था अब बंद हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और मध्यमवर्ग के परिवारों के बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों में लिए जाने वाले डोनेशन को लूट बताते हुए जनता को विश्वास दिलाया कि सरकार इस लूट को खत्म करने की दिशा में जल्द ही और ठोस कदम उठाएगी, इस डोनेशन व्यवस्था को ही खत्म किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के जरिए नगर निकायों के फायदे का जिक्र करते हुए कहा कि जो पैसे वाले टैक्स नहीं भर रहे थे, आज वही लाइन में लगे हुए हैं। उन्होंने बैंकों में जमा हुए पैसे का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 12 दिन में पांच लाख करोड़ रुपये आ चुके हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि नोटबंदी के जरिए जो पैसा बैंकों में जमा हुआ है वो पैसा बैंक अपने खजाने में नहीं रखेंगे, बल्कि कम ब्याज पर गरीब लोगों और छोटे काम वालों को कर्ज दिया जाएगा। जनसमूह प्रधानमंत्री के इस कथन से आश्वस्त दिखाई दिया और उसने मोदी-मोदी कहकर नारे लगाए। यह स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैंसले के दूरगामी परिणाम होंगे, जिनका सीधे-सीधे गरीब जनता को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने ड्रग्स के कारोबार पर भी हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि ड्रग्स का सारा काम चेक से न होकर नकद में चलता है, नोटबंदी से ड्रग्स कारोबार को बड़ा झटका लगा है, जोकि आतंकवाद को पोषित करता है, इससे ड्रग्स कारोबार टूटेगा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश नकली नोटों से भारत में ड्रग्स कारोबार और आतंकवाद को बढ़ावा देकर भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने में लगा है, नोटबंदी के फैंसले से देश में ड्रग्स कारोबार और आतंकवाद के आकाओं पर मार पड़ी है, जो कि पाकिस्तान में बैठकर हिंदुस्तान की बर्बादी का सपना देखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन के खातों में कालाधन डालने की खबरों पर आम जनता को सावधान करते हुए कहा कि वह किसी को भी अपने खाते में ढाई लाख रुपए न डालने दे, नहीं तो कानून बहुत सख्त है, वह पुराने 500 और 1000 के नोटों से दूर रहे। प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि जनधन खाताधारकों सहित बचत खाता धारकों को किसी भी काला कारोबारी के काले धन को सफेद करने से बचना चाहिए। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा की परिवर्तन रैली में आगरा के लिए बेशक किसी विशेष योजना का ऐलान न किया हो, लेकिन उनका भाषण अद्भुत रहा। प्रधानमंत्री के ओजस्वी भाषण में शुरू से अंत तक गरीब, किसान, आदिवासी और मध्यम वर्ग छाया रहा, इसलिए लगता है कि देश में गरीबों, किसानों, आदिवासियों और मध्यमवर्ग के अच्छे दिनों की शुरुआत हो गई है। आगरा में परिवर्तन रैली के माध्यम से नरेंद्र मोदी ने आगामी 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शानदार आगाज़ किया और विपक्ष को अपने एक बड़े फैसले से चित कर दिया, जिसके कारण नरेंद्र मोदी देश की सामान्य जनता में और ज्यादा लोकप्रिय होते दिख रहे हैं।