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चेन्नई। साउथ इंडियन फिल्म स्टार्स के जिस्मफरोशी के कारोबार में शामिल होने की रिपोर्ट प्रकाशित करने पर गिरफ्तार किए गए तमिल दैनिक दिनामलार के संपादक बी लेनिन को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया है। जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत दे दी। 'दिनमालार संडे' में तमिल सिनेमा की कई अभिनेत्रियों के नाम और उनके फोटो के साथ एक रिपोर्ट छपी थी कि ये अभिनेत्रियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं। इस खबर के बाद 'साउथ इंडियन फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन' (एसआईएफएए) ने दिनामलार के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी जिस पर दिनामलार के संपादक बी लेनिन को उनके दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया गया था। बी लेनिन को अदालत ने 21 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
दिनामलार में छापी गई वह रिपोर्ट अभिनेत्री भुवनेश्वरी के पुलिस को दिए गए बयान पर आधारित थी। अपने घर में वेश्यावृत्ति का धंधा चलाने के आरोप में भुवनेश्वरी को चेन्नई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि तमिल भाषा के दैनिक समाचार पत्र दिनामलार ने इस समाचार के लिए अगले ही दिन बिना शर्त माफीनामा भी छाप दिया था। माफीनामे से असंतुष्ट कुछ कलाकार एसआईएफएए के पास पहुंचे। उसके बाद पुलिस में अखबार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। संपादक की इस गिरफ्तारी के बाद तमिलनाडु के पत्रकार और फिल्म कलाकार आमने-सामने आ गए हैं। 'चेन्नई प्रेस क्लब' (सीपीसी) और 'मद्रास यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट' (एमयूजे) ने शहर पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर एसआईएफएए की बैठक के दौरान पत्रकारों व उनके घर के सदस्यों की निंदा करने वाले कलाकारों के खिलाफ कदम उठाने की मांग की। संपादक बी लेनिन की रिहाई पर खुशी जाहिर करते हुए सीपीसी के महासचिव भारथीथामिजहान ने कहा, 'हम चाहते हैं कि पुलिस मामला वापस ले ले।'
जिस्मफरोशी के अनैतिक धंधे मे गिरफ्तार कॉलीवुड की फिल्म अभेनेत्री भुवनेश्वरी के मामले में तमिलनाडु में मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री आमने-सामने आ गए हैं। इसके बाद से देह व्यापार के धंधे में तमिल फिल्मों के टॉप स्टार्स के शामिल होने की ख़बर ने फिल्म इंडस्ट्री में हड़कंप मचा रखा है। संपादक बी लेनिन ने अपने अखबार में देह व्यापार के आरोप में पकड़ी गई अभिनेत्री भुवनेश्वरी का पुलिस के सामने दिया बयान प्रकाशित किया था। इस एक्ट्रेस ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि साउथ इंडियन फिल्मों के कई बड़े स्टार देह व्यापार का कारोबार करते हैं।
चेन्नई पुलिस ने फिल्म अभिनेत्री भुवनेश्वरी को जिस्मफरोशी के इल्जाम में उसके घर से गिरफ्तार किया था। भुवनेश्वरी का कहना था कि कॉलीवुड के कई मशहूर फिल्म स्टार जिस्मफरोशी के धंधे में शामिल हैं और तमिलनाडु में चकलाघर चलाते हैं। भुवनेश्वरी के इस खुलासे को बी लेनिन ने अपने अखबार दिनामलार में प्रमुखता से छापा था। अखबार की इस रिपोर्ट के बाद ही साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बवाल मच गया। साउथ इंडियन फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन ने अख़बार की इस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी। एसोसिएशन के सदस्यों का कहना था कि यह रिपोर्ट सिर्फ आरोपों के आधार पर छापी गई है। इससे पूरी साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री सवालों के घेरे में आ गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष शरत कुमार की अगुवाई में कई कलाकारों ने चेन्नई पुलिस कमिश्नर से इस अख़बार की शिकायत करते हुए संपादक के ख़िलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
दिनामलार के संपादक की गिरफ्तारी को साउथ इंडियन फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन भले ही अपनी जीत के तौर पर देख रही है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में जिस्मफरोशी का धंधा और इसमें फिल्म स्टारों के शामिल होने की ख़बर कोई पहली बार नहीं आई है। इससे पहले कॉलीवुड और बॉलीवुड में भी ऐसे कई खुलासे हो चुके हैं। दबी जु़बान में कई कलाकार इस सच्चाई को स्वीकार कर चुके हैं कि फिल्मों में काम करने वाली कई लड़कियां जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़ी रहती हैं। इसके अलावा कुछ अरसा पहले एक जाने-माने फिल्म एक्टर ने भी यह खुलासा किया था कि छोटी-मोटी ही नहीं, कई बड़ी अभिनेत्रियां भी जिस्मफरोशी के धंधे में शामिल हैं। इसके अलावा कॉस्टिंग काउच में कई फिल्म प्रोड्यूसर का नाम भी आ चुका है।
फिल्मों में ब्रेक पाने के लिए बहुत सी लड़कियां देह का सहारा लेती हैं, इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता है। दिनामलार के संपादक ने भी तो वही छापा था जो पुलिस के सामने भुवनेश्वरी ने बताया। इस लिहाज से तो यही कहा जाएगा कि पुलिस ने भी यहां कोई विवेक और जिम्मेदारी से काम नहीं लिया और वह केवल मुक़दमा दायर करने वाली एजेंसी बनकर रह गई। साउथ इंडियन फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन तो सच को दबाने की कोशिश कर ही रही है क्योंकि उसके कई दिग्गजों का भांडा जो फूट रहा है। इस मामले में साउथ इंडियन फिल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन ने संपादक बी लेनिन से बातचीत करने की इच्छा जतायी है, मगर अब इसका कोई महत्व नही बचा है। क्या एसोसिएशन यह बताना चाहती है कि फिल्म इंडस्ट्री पर जो 'सच' मंडरा रहा है वह बेबुनियाद है?
मीडिया में ऐसी कोई भी रिपोर्ट, आरोपों और बयानों के आधार पर ही पेश की जाती है। 'दिनामलार' के संपादक बी लेनिन ने अगर अभिनेत्री भुवनेश्वरी के हवाले से कॉलीवुड में जिस्मफरोशी के खुलासे की खबर छापी तो वह जुर्म कैसे हो गया? उम्मीद की जाती है कि अदालत में दिनामलार के संपादक बी लेनिन को इंसाफ मिलेगा और वह इस मामले में बाइज्जत बरी होंगे। मगर कॉलीवुड को सच का सामना तो करना ही होगा। वैसे भी सारी दुनिया जानती है कि साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री दूध की धुली नहीं है। जितनी बड़ी तादाद में अश्लील फिल्में यहां बनती हैं उतनी शायद देश के किसी हिस्से में भी नहीं बनतीं।
इंटरनेट की कुछ साइटों पर नज़र डाली जाए तो उसमें भी साउथ इंडियन या मुंबई की फिल्मों से जुड़े बहुत से कलाकारों के बारे मे खुल्लम-खुल्ला दिखाया और बताया जा रहा है। पुलिस जानती है कि फिल्मी दुनिया में असली खेल कहां और कैसे खेला जाता है। जब ऐसी घटनाएं उजागर हुई हैं तो पुलिस उसमें मूकदर्शक ही नज़र आई है या ये कहिए कि वह मामले को इसलिए नही दबाती कि कुरीतियों का सामने आना समाज के हित में नही है बल्कि इसलिए दबाती है कि ये कुकर्म भी पुलिस की आय का बहुत बड़ा जरिया माने जाते हैं। 'दिनामलार' के संपादक बी लेनिन का गुनाह इतना ही तो था कि उन्होंने उस मामले को प्रकाशित किया जो किसी खुलासे के रूप में चेन्नई पुलिस के सामने आया। पुलिस ने जो किया और जिस प्रकार एफआईआर दर्ज कर संपादक को गिरफ्तार किया उससे जिस्मफरोशी के धंधे मे लिप्त इन ताकतों को और ज्यादा खुलकर काम करने का प्रोत्साहन ही मिला है। मात्र एक एफआईआर जो पहले जांच का विषय होनी चाहिए थी उसे संपादक का कालर पकड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया पुलिस को शर्म आनी चाहिए कि वह ऐसे अवसरों पर काले-धंधे वालों के साथ ही खड़ी दिखाई देती है। (वॉयस ऑफ मीडिया डॉट कॉम)