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Thursday 29 December 2016 03:42:21 AM
तिरूवनंतपुरम। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तिरूवनंतपुरम में दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा है कि सरकार क्षेत्रीय परिषदों और अंतर्राज्य परिषद को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लंबे अंतराल के बाद 2015 में पांच क्षेत्रीय परिषदों और उनकी स्थायी समितियों की बैठक आयोजित की गई थी, इससे पहले सभी पांच क्षेत्रीय परिषद की बैठकें 1972 और 2005 में केवल एक वर्ष में आयोजित की गई थीं। राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों के जरिए आर्थिक और सामाजिक विकास के समंवित प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को आम बैठक कराने का अवसर उपलब्ध होता है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि सदस्य राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों ने दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद में विचार-विमर्श के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे रखे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति ने कई मुद्दों का समाधान कर और उपयोगी सुझाव देकर परिषद के कार्यों को सरल बनाया है, कुछ महीने पहले ही दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की बैठक हुई थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश के कुछ इलाकों में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति गंभीर हुई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केरल में हुई घटनाओं को देखते हुए प्रशासनिक और पुलिस प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाहरी या आंतरिक खतरों से देश की अखंडता और सुरक्षा के संरक्षण और मजबूती के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को बेहतर अंतरराज्यीय समन्वय सुनिश्चित करना चाहिए और अपने सीमा क्षेत्रों में संयुक्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक में की गई विभिन्न सिफारिशों के कार्यांवयन की प्रगति और मछुआरों, प्रायद्वीपीय क्षेत्र औद्योगिक विकास कॉरिडोर, तिरुवनंतपुरम से मंगलौर और उडुपी तक हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का विस्तार, क्षेत्र में प्रायद्वीपीय पर्यटन ट्रेनों की शुरूआत और नए सड़क परिवहन और सड़क सुरक्षा विधेयक में संशोधनों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की गई। बैठक में परिषद ने सभी पाठ्यक्रमों के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुरूप छात्रवृत्ति के लिए कोष आवंटन में एकरूपता, भारत सरकार के व्यावसायिक कर की उच्चतम सीमा में संशोधन, संक्रामक रोगों, नक्सलवाद की रोकथाम, तिलहनों की खेती को बढ़ावा देने तथा पुद्दुचेरी हवाईअड्डे के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में जिन 22 विषयों पर चर्चा की गई, उनमें से 16 का समाधान कर दिया गया है।
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद में गर्मजोशी और सहृदयपूर्ण वातावरण में सहकारी संघवाद की भावना से विचार-विमर्श किया गया। परिषद की अगली बैठक कर्नाटक में होगी। इसीके साथ तीन क्षेत्रीय परिषदों पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी की बैठकें हो गई हैं, शेष दो क्षेत्रीय परिषदों केंद्रीय और उत्तरी की बैठकें भी जल्द ही आयोजित किए जाने की संभावना है। राज्यों के बीच अंतरराज्य सहयोग और समन्वय बढ़ाने के लिए राज्य पुर्नगठन अधिनियम 1956 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया गया था। क्षेत्रीय परिषदों का कार्य आर्थिक और सामाजिक नियोजन, सीमा विवाद, भाषाई अल्पसंख्यकों और अंतरराज्य परिवहन के क्षेत्र में आपसी हित के मामलों पर चर्चा और सिफारिशें करना है। क्षेत्रीय परिषदें भौगोलिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे से जुड़े राज्यों के लिए सहयोग का क्षेत्रीय मंच हैं, ये विशेष रूप से अपने-अपने क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए बने उच्चस्तरीय निकाय होने की वजह से राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय कारकों के आधार पर विशेष मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हैं। बैठक में केरल और पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री, आंध्रप्रदेश के उपमुख्यमंत्री, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना के मंत्री तथा पुद्दुचेरी के उपराज्यपाल, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।