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Wednesday 4 January 2017 04:11:16 AM
जोधपुर। भारतीय डाक विभाग जोधपुर ने जहां अपने खाताधारकों के नोट बदले या जमा कराए, वहीं उसने अस्पतालों में जाकर जरूरतमंद मरीजों के नोट बदलकर उन्हें राहत पहुंचाने का बड़ा ही अनुकरणीय कार्य किया। भारत सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद डाकघरों में लोगों ने अपने खातों में खूब पुराने नोट जमा कराए और निर्धारित तिथि तक 500 और 1,000 रूपए के नोट बदले। नोटबदली अभियान के तहत जोधपुर रीज़न के डाकघरों में लोगों ने 500 और 1,000 रूपए की पुरानी सीरीज के कुल 9 अरब 11 करोड़ 5 लाख 75 हजार रुपए की राशि अपने खातों में जमा की। इसी प्रकार डाकघरों में एक्सचेंज के तहत निर्धारित तिथि 24 नवंबर तक लोगों ने पुरानी सीरीज के 1 अरब 63 करोड़ 26 लाख 79 हजार पांच सौ रूपए की राशि एक्सचेंज करवाई। इस दौरान डाक विभाग ने अस्पतालों में पहुंचकर जहां जरूरतमंद मरीजों के पुराने नोट बदले, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर विशेष अभियान चलाकर लोगों के बचत खाते खोलकर उनके पैसे जमा कराए। आरंभ में डाकघर की तमाम बचत योजनाओं में और बाद में 30 दिसंबर तक सिर्फ बचत खाते में 500 और 1,000 रूपए के पुराने नोट स्वीकार किए गए।
राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा है कि सामाजिक और आर्थिक समावेशन में डाक विभाग की अहम भूमिका है, लोगों को बचत योजनाओं के तहत प्रोत्साहित करते हुए उनके खाते डाकघरों में खुलवाने का अभियान चलता रहेगा। गौरतलब है कि डाकघरों में मात्र 50 रूपए में बचत खाते खुलवाए जा सकते हैं और जहां पर अब एटीएम सुविधा भी उपलब्ध है, इन खातों को तत्काल ही एटीएम से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि पैसे निकालने में खाताधारकों को परेशानी न हो। ग्रामीण लोगों को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लाभों से रू-ब-रू कराते हुए इनसे भी जोड़ा जा रहा है। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि दस नवंबर से आरंभ हुए नोटबदली अभियान में डाक विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों ने बहुत मेहनत की है और खाताधारकों को वैसी परेशानियां नहीं होने दीं।